जन्मदिवस पर चूत का तोहफा -2
मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरे जन्मदिन पर तोहफ़ा देने का वादा किया, वो यादगार तोहफा था! वो मुझे अपनी सहेली के खाली घर में ले गई और कहा- आज मैं तुम्हारा तोहफ़ा हूँ।
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मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरे जन्मदिन पर तोहफ़ा देने का वादा किया, वो यादगार तोहफा था! वो मुझे अपनी सहेली के खाली घर में ले गई और कहा- आज मैं तुम्हारा तोहफ़ा हूँ।
मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड की मदद से एक लड़की मेरी गर्लफ्रेंड बनी, मेरा जन्मदिन आया, उसने पार्टी मांगी तो मैंने अपने लिए तोहफा मांग लिया.. वो यादगार तोहफा था!
मैं चम्पा को रात को छोड़ कर सोया. सुबह मेरी नींद खुली तो वो सो रही थी, मैंने बहुत आराम से उसे चोदना शुरू किया और कुछ देर बाद उसकी नींद खुली. फिर दोपहर को स्कूल से आकर उसे चोदा.. उसके बाद रात को चम्पा ने घोड़ी बन कर मुझ से चुदवाया ! कहानी पढ़ कर मजा लें !
मामा की बेटी कुछ दिनों के लिए हमारे घर रहने आई... वो मुझसे 4 साल बड़ी थी... एक दिन उसने मुझे मोबाइल पर खेलता देख कर डांट दिया तो हमारे बीच अनबन हो गई.. रात को दोस्ती करने के लिए मैं दीदी को मना कर उनके पास सो गया.. बीच रात में मुझे लगा कि दीदी मेरे हाथ अपने चूचों पर दबा रही हैं... कहानी पढ़ कर मज़ा लें !
मैं दिल्ली घूमने गया था लेकिन मेरा भाग्य मुझे पांच लड़कियों के घर ले गया, उन्होंने मुझे खाना खिलाया, मैं वहीं सो गया और लड़कियां आपस में लेस्बीयन सेक्स करने लगी… सबके सोने के बाद उनमें से एक प्रियंका मेरे पास आई और मुझे छत पर ले गई… खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...
मैं मौसी के घर रहता था... उनकी बेटी हिना मेरी हमउम्र थी.. साथ रहते हम दोनों में इश्क हो गया और निकाह करने का वादा भी किया. इस बीच हम आपस में चूमाचाटी भी कर लेते थे... फिर मैं आगे की पढाई के लिए हिना से जुदा हो गया. एक अरसे बाद मैंने हिना की शादी की बात सुनी तो अपने अब्बू अम्मी को हिना का रिश्ता मांगने को मज़बूर किया.. लेकिन हिना ने ही मना कर दिया... तो फिर वो कैसे चुदी मुझसे? कहानी में पढ़िए...
दिल्ली मैट्रो में मैंने एक युवती को रोते देखा तो मैंने उससे बात की, समझाया और अपना फ़ोन नम्बर देते हुए हर प्रकार की मदद देने का कहा। वो सम्भल गई और इस तरह फ़ोन पर बात होने लगी, दोस्ती हो गई… हम दोनों एक-दूसरे के करीब आने लगे। उसका जन्मदिन आया तो मैंने उसे पार्टी और उपहार देने का वायदा किया… मेरे घर कोई नहीं था तो मैंने उसे अपने घर बुला लिया…
एक दिन सोफ़े पर जीजू लेटे थे, उनके पैर जमीन पर थे, हलफ़ नंगी आपा उनकी जांघों पर सवार थी, जीजू का लण्ड आपा की चूत में फंसा हुआ दिख रहा था।
घर के सामने एक बहुत सेक्सी पड़ोसन रहती थी.. जब भी कभी मैं सामने आ जाता.. तो मुझे देख कर मुस्कुराती थी। मैंने कभी ध्यान नहीं दिया.. मैं अपना केबल टीवी का काम करता रहता था। एक बार उनकी केबल बंद हो गई.. उसने मुझसे अपनी केबल सुधारने को बोला.. तो मैं चला गया। उस समय उसके घर पर कोई नहीं था.. वो अकेली थी। केबल ठीक कर मैं फ्री हुआ ही था कि वो मेरे बारे में पूछने लगी। मैंने उससे पूछा- आप मुझे क्यों देखती रहती हैं। तो वो मुस्कुरा कर बोली- क्यों.. देखना कोई गुनाह तो नहीं है.. मैं उसकी अदा से खुश हो गया। मैं उसको पटाने में लग गया।
मैं अपने मम्मी पापा का इकलौता लड़का हूँ इसी वजह से मैं 14 साल तक अपने मम्मी पापा के साथ ही सोता था। मैं अपनी मम्मी पापा के बीच में सोता था पर मैं जब सुबह उठता तो मुझे यह देखकर बहुत गुस्सा आता कि मेरे मम्मी पापा अगल बगल सो रहे हैं और मैं किनारे की तरफ सो रहा होता था। मैं छोटा था तो सेक्स के बारे में उतना कुछ पता नहीं था, जानने की इच्छा तो होती पर पापा मम्मी से डर लगता था पर एक रात कुछ ऐसा हुआ जिसे मैं आज तक नहीं भुला पाया !
मेरा अपनी मामी की सूरत और फिगर पर दिल आ गया था, मैं सोचता था कि कैसे अपने दिल की बात उनसे कहूँ। एक दिन हिम्मत कर के मैंने एक चिट्ठी लिखी उनको वो पत्र मिला और वो उसे वहीं खड़ी होकर पढ़ने लगीं। पत्र पढ़ते वक़्त मामी को मुस्कुराते देख कर मेरा डर भी चला गया और मैं मामी के सामने आकर उनसे पत्र का जवाब मांगने लगा। मामी कुछ ना बोलीं और अपने गुलाबी होंठों से मेरे गालों को चूम कर भाग गईं। रात में मामी ने मिलने के लिए बुलाया।
मैं देहरादून के एक पॉश इलाक़े मेंस घर में मैं किराए पर रहता हूँ उस घर की मकान-मालकिन हमेशा मुझे मुस्कुराती हुई नज़रों से देखा करती थी। एक दिन दरवाजे पर किसी की दस्तक ने मेरी नींद खराब कर दी। जैसे ही मैंने दरवाजा खोला.. मेरी मकान मालकिन जिसे मैं अब ‘लण्ड-लॉर्ड’ कहने लगा था.. मेरे सामने जीन्स और टॉप में खड़ी थी। वो एकदम गजब की माल लग रही थी। मेरे तो होश ही उड़ गए वो किसी 18 साल की लड़की से कम नहीं लग रही थी.. उनके दुद्धू.. क्या गजब ढा रहे थे यारों.. पूरे 36 इन्च नाप के होंगे एकदम तने थे.. और उसकी कमर 32 इन्च की..
जहाँ मेरा रूम था वहीं पड़ोस में एक परिवार भी रहता था, उसमें पति पत्नी और तीन बच्चे भी थे। वो भाभी मुझे बहुत घूर कर देखती थी। पहले तो मैंने भाव नहीं दिए लेकिन बाद में मैं भी उसे देखने लगा और फिर एक दिन सुबह कॉलेज जाते वक़्त मैं उसके घर के पास गया और मैंने उससे अपना फोन नम्बर दे दिया। इसके बाद उसने खुद मुझे अपने घर बुला कर… कहानी में पढ़िए…
मैं उसे अपनी ओर खींचते हुए कहने लगा- क्यूँ.. कोई परेशानी है उनसे आपको.. तृषा- नहीं.. बस यह जानना था कि अब आपके दोस्तों की लिस्ट में इतनी बड़ी शख्शियतें हैं.. तो हमारे लिए वक़्त निकाल पाओगे? मैंने उसके लबों को चूमते हुए कहा- अब यह हुस्न मुझे किसी और के लिए वक़्त निकालने की इजाजत दे... तब न..
मेरे ऑफिस में एक नई लड़की नेहा आई तो हमारी दोस्ती हो गई, बात होने लगी, फोन नम्बर लिया-दिया, फोन पर बातें हुई. एक दिन मैंने उसे मूवी चलने के लिए कहा तो वो तैयार हो गई... सिनेमा हाल में मैंने उसका हाथ पकड़ा तो उसने कुछ नहीं कहा तो मेरा हौंसला बढ़ गया और हम चूची दबाने से होते हुए चूमा चाटी तक पहुँच गए.. एक दिन मैंने उसे अपने कमरे में बुलाया तो...
मेरा तो डर के मारे गला सूखने को हो आया था। मैं हाथ छुड़ा कर उठते हुए बोला- जी मैं वो कोशिश करूँगा.. मैं उठ कर केबिन से बाहर भाग आया। कट.. परफेक्ट शॉट.. मैं जब अपनी वैन के पास पहुँचा तो देखा.. तृषा और निशा दोनों ही मुझे देख देख कर हँसे जा रही हैं।
मैंने अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए कहा- तो फिर मेरे सीने से लग जाओ.. मैंने कब रोका है। तृषा (गुस्से में)- तुम्हें बात करने की तमीज नहीं है.. लड़कियों से ऐसे बात करते हैं..? मैंने अपनी पैंट को ऊपर करते हुए कहा- जी तमीज़ तो है.. पर यूँ भीगता देख कर ज़ज्बात काबू से बाहर हो रहे हैं।
मैं अपने से 5 साल बड़ी शादीशुदा महिला सोनिया से एक दोस्त की शादी में मिला उसकी निगाहें कुछ तलाश रही थी, उसकी आँखें कुछ चाहत में उसकी मटक रही थी।
पड़ोस में मणिपुरी भाभी बहुत मॉडर्न टाइप की माल किस्म की औरत है, मैं तो उसका दीवाना हो गया था... बस किसी भी तरह उसे चोदना चाहता था, मैं उसे घुमाने ले गया…
यह मेरी और मेरी दोस्त प्रीति की कहानी है, मैं मैथ और वो बायोलोज़ी की छात्रा थी…वो इतनी मस्त माल थी कि क्या बताऊँ… मैं कॉलेज हॉस्टल में रहता था एक बार बारिश के दिनों में मैं क्लास में चला गया…कॉलेज में कोई नहीं आया था… कि मुझे बायो लैब में प्रीति ने बुला लिया… कहानी में खुद पढ़िये क्या हुआ बायोलोज़ी की लैब में…