खाला की चूत चोदने का इरादा
चूत चुदाई की तमन्ना लिए मैं नाना के पड़ोस में रहने वाली लड़की हसीना को पटाने की कोशिश करने लगा. मैं उसे खाला यानि मौसी कहता था. कहानी में पढ़ें कि वो कैसे चुदी मुझसे !
Sex Stories about Hot Indian Bhabhi’s kissing their boyfriends and husbands Lip Kiss, French Kiss चूमा चाटी
चूत चुदाई की तमन्ना लिए मैं नाना के पड़ोस में रहने वाली लड़की हसीना को पटाने की कोशिश करने लगा. मैं उसे खाला यानि मौसी कहता था. कहानी में पढ़ें कि वो कैसे चुदी मुझसे !
सारी डांसर लड़कियाँ मुझसे चुदाने को मरी जा रही थी तो कम्मो ने तय किया कि रोज दो लडकियाँ अपने कमरे में और एक मैडम रात चुदेंगी. इस तरह सबका नम्बर आएगा.
मेरी बुआ 18 साल की है, उसका शरीर बहुत ही कामुक है, उसका जिस्म ऐसा है कि अगर कोई भी उसे देख ले.. तो उसे चोदने के लिए तड़प उठे। उसका रंग गोरा नहीं है.. मगर फ़िर भी उसके ऊपर दिल मचल जाता है।
चेतना ने मुझको लण्ड को पैंट के अन्दर डालते हुए देख लिया। फ़िर हम साथ बैठ कर पढ़ने लगे। मैंने उसको बोला- तुम बहुत ही खूबसूरत लग रही हो। इतना कह कर मैंने अपना हाथ चेतना की टांगों पर रख दिया।
मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेन्ड की चिपकू आदत से तंग आ गया था पर मुझे उसकी गर्लफ्रेंड पसंद थी. मैंने दोस्त से मिल कर ऐसा चक्कर चलाया कि वो लंड के लिए तड़पने लगी.
वो पहले तो मुस्कराती रही और फिर एकदम से बोली- क्या तू मुझे फिर से नंगी देखना चाहेगा? यह कह कर उसने मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और मेरे होंठ चूमने लगी।
ट्रेन के एसी कूपे में एक लड़की मेरे साथ अकेली थी। टीटी टिकेट चेक कर गया तो मुझे लगा कि अब इस कूपे में हम दोनों ही हैं। उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि वो लड़की …
वन्दना की मम्मी रेणुका को गोद में उठाये हुए मैं धीरे-धीरे बिस्तर की तरफ बढ़ा और हौले से उसे बिस्तर पर लिटा दिया... उनकी चिकनी जांघों को चूमते चाटते जैसे ही चूत पर जीभ लगी…
दिल्ली से मेरा यहाँ आना... रेणुका जी के साथ मिलना और फिर उनके साथ प्रेम की ऊँचाईयों को पाना... फिर वंदना का मेरी ज़िन्दगी में यूँ दाखिल होना और हमारे बीच प्रेम का परवान चढ़ना... सारी घटनाएँ बरबस मेरे होठों पे मुस्कान ले आती थीं।
पड़ोसन भाभी, जिन्हें मैं चोद चुका था, उनकी बेटी को अभी पहली बार चोद कर उनके घर छोड़ने जा रहा था तो मेरे मन में तरह तरह के विचार उमड़ रहे थे…
मेरी मुलाकात मेरी मामा जी की लड़की रेखा से हुई। हम दोनों काफी समय बाद मिल रहे थे.. रात में जगह कम होने की वजह से हम दोनों को एक ही बिस्तर पर सोना था। यह बात जान कर मैं काफी खुश था.. पर मुझे क्या पता था कि रेखा मुझसे भी ज्यादा खुश होगी।
सर्दी की एक रात में अपनी माशूका खुशी की कुंवारी चूत की चुदाई पहली बार की, मैं शहर में पढ़ता था, मेरी प्रेयसी गाँव में थी, कजिन की शादी में गाँव आया तो...
पापा के खास दोस्त की पत्नी को चोदने की इच्छा मेरे मन में घर कर चुकी थी. मैंने उन्हें चोदा भी. कहानी के दूसरे भाग में चाची खुद मेरे पास आई और मुझे गर्म किया।
मुझे गर्व हुआ। यह तेज साँस छोड़ती, मेरे होंठों के नीचे उम्म उम्म करती, उड़हुल की तरह चेहरा लाल कर रही औरत मेरी है। वह जितना असहाय हो रही थी उतनी ही मुझे उत्तेजना हो रही थी।
मैंने उसे फिर चूमा, इस बार दोनों हाथों से उसका चेहरा पकड़कर देर तक चुम्बन दिया। वह मेरे चुम्बन को पहचान गई और तब उसको लग गया कि साए के अंदर घुस गया हाथ दूसरे का है, उसको पाँव से ठेलने लगी।
गाँव जाने की तैयारी में निम्मो कोठी में आ गई तो उसे चुदना ही था. गाँव पहुंचे तो देखा कि बहुत रिश्तेदार आए हुए थे. उनमें एक भाभी और उसकी ननद मेरे कमरे में सोई...
मैं जयश्री की तरफ गया और उसको बाँहों में जकड़ कर बिस्तर से उठा दिया.. फिर उसको दबोच कर उसके मस्त होंठों से अपने होंठ सटा दिए। जयश्री ने कहा- राजा.. थोड़ी देर के लिए चूमना बंद कर.. तो नाइटी उतार दूँ..
मैं आरती के कमरे में जाकर पलंग पर पैर नीचे लटका कर बैठ गया, आरती भी कमरे में आ गई और पलंग के पास आकर खड़ी हो गई। मैंने उसकी कमर में हाथ डाल उसके नितम्बों को सहलाता हुआ उसे अपनी गोद में बैठा लिया। वो मेरी तरफ मुँह करके बैठी थी.. उसकी मांसल जांघें मेरी जाँघों पर चढ़ी हुई थीं।
आठ बजे मैं आरती के घर पहुँच गया। उसने गुलाबी रंग की बिना बाँहों वाली सिल्क की नाइटी पहन रखी थी जो सामने से खुलती थी। गीले से बालों का जूड़ा बांध रखा था.. लगता था कि अभी नहाई थी.. नाइटी पारदर्शी तो नहीं थी लेकिन उसमें से उसके मम्मों के साथ साथ घुंडियों का उभार साफ़ दिख रहा था.. लगता था जैसे उसने नीचे कुछ नहीं पहन रखा था।
आरती के शीलभंग की स्मृति मानसपटल पर धारण किये मैं घर पहुँचा और यथाशीघ्र आरती के घर पहुँच गया. उससे मिल कर उसे खुश देख कर जो आत्मसन्तुष्टि मुझे मिली, बता नहीं सकता!