मैं रिश्ते-नाते भूल कर चुद गई-3
सारिका कँवल मैंने और तड़प कर छटपटाने की कोशिश की, पर उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मेरा हिलना भी न के बराबर था। इसके बाद उन्होंने अपना हाथ हटा लिया और फिर एक-एक हाथ से मेरे हाथ पकड़ लिए और अपने लिंग को धीरे-धीरे अन्दर धकेलने लगे। करीब पूरा सुपाड़ा घुस चुका था और […]