मेरा गुप्त जीवन -47
होटल में सबके सोने के बाद मैं निम्मी और मैरी के कमरे में चला गया। निम्मी सो रही थी, मैरी ने मुझे पकड़ लिया और चूमाचाटी के बाद मैं उसे चोदने लगा।
चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ
Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan
Stories about always horny, lusty males and females
होटल में सबके सोने के बाद मैं निम्मी और मैरी के कमरे में चला गया। निम्मी सो रही थी, मैरी ने मुझे पकड़ लिया और चूमाचाटी के बाद मैं उसे चोदने लगा।
मेरी मकान मालकिन अपनी सहेली को लेकर जब मेरे कमरे में आई.. मैं उसे देखता ही रह गया, वह किसी अच्छे घर की लगती थी और बहुत खूबसूरत थी। मेरी तो लॉटरी ही लग गई जो मुझे उस जैसी हसीन-तरीन हूर को चोदने का मौका मिल रहा था
नैनीताल के सफ़र में मेरे दोनों तरफ दो लड़कियाँ बैठी. थोड़ी देर में एक ने अपनी चुन्नी मेरे ऊपर डाली और मेरा लंड ढूंढने लगी. मैं भी उसकी जांघ सहलाने लगा.
मकानमालिक की बीवी कभी कभी ही आती थी, वो भाहर जॉब करती थी। एक दिन उसकी ब्रा पैन्टी में मैंने अपना माल लगा दिया। उसने कुछ नहीं कहा और ब्रा-पैन्टी धोकर सुखा ली।
रात को फैजान को मैंने बीच में लिटाया और अगल बगल हम दोनों लेटी. मैंने फैजान को खूब गर्म करके बीच में छोड़ दिया तो तंग हो कर वो जाहिरा के बदन को सहलाने लगा.
जुबैदा और अमित को लव मेकिंग यानि चूत चुदाई करते देख मैं खुद पर काबू नहीं रख पाई। ऐसा लग रहा था कि बस इस आग को कोई बुझा दे। खुद-ब-खुद मेरे हाथ मेरी उस जगह पर पहुँच गए
नाना की मौत पर मैं उनके घर गया तो सब लोग व्यस्त थे। मामी की बेटी मुझसे बातें करने लगी, मेरी गर्लफ़्रेन्ड के बारे में पूछा तो मैंने उसे ही गर्लफ़्रेंड बना लिया
मेरे मोबाइल पर अंजाने नंबर से किसी का मैसेज आया.. तो मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन वो किसी लड़की का नम्बर था. धीरे धीरे बात हुई, मिले और चुदाई भी हुई
मेरी सहेली अकसर अपने यार मेरे घर लाकर उनसे चुदती थी, मैं उन्हें चुदाई करते देखती थी, मेरा भी मन होता था चुदाने का! एक दिन उसका यार मुझे फ़ोन नम्बर दे गया!
मैं चाची के घर रहता हूं। घर के सभी लोग पार्टी में गए थे.. चाची ने मुझे उनके रूम में सोने को कहा.. चाची सो गई, मैंने डरते हुए अपना हाथ उनकी चूची पर रख दिया।
जाहिरा के जिस्म से चिपकी हुई उसकी चमड़ी के रंग की लेग्गी ऐसी ही लग रही थी.. जैसे कि उसकी चमड़ी ही हो। फैजान ने अपना हाथ आहिस्ता आहिस्ता जाहिरा की जाँघों पर फिराना शुरू कर दिया और उसकी जाँघों को सहलाने लगा।
कोका पण्डित ने उस औरत संग खूब यौन पूर्व क्रीड़ा की और जब वो पूरी तरह से यौन के लिये तड़पने लगी तो उसकी योनि में लिंग प्रवेश कराया और 64 आसनों से उसे चोदा।
अगली दोपहर को फ़ैजान आ गये और हम तीनों ए सी वाले बेडरूम में लेट गये। तभी मैंने देखा कि फैजान ने अपना हाथ मेरे ऊपर से होता हुआ जाहिरा की नंगी बाज़ू पर रख दिया
एक बार कामरीश राजा के राज्य भूमि में ऐसी महिला का आगमन हुआ.. जिसकी चूत में हमेशा आग लगी रहती थी। उसकी सदैव एक ही इच्छा रहती थी कि उसकी चूत में दिन-रात मोटा और तगड़ा लंड डला रहे..
मेरी मकान मालकिन विधवा थी. उसके और मेरे कमरे के बीच में दरवाजा था जो उसकी तरफ से बंद रहता था. मैंने उनसे बात करने की सोची. और फिर एज दिन वो दरवाजा खुल गया.
एक रात हम सोये हुए थे, मेरी नींद खुली, मैंने फ़ैजान का हाथ जाहिरा की चूची पर रख दिया। ऐसे ही एक रात जागते हुए मैंने फ़ैजान का हाथ जाहिरा के पेट पे रख दिया… और एक रात…
फ़ैजान की लाई हुई ब्रा मैंने उसकी बहन को दिखाई तो शर्म से लाल हो गई। फ़िर हमने बेडरूम में ए सी लगवाया तो जाहिरा को हमारे साथ हमारे डबलबेड पर सोने को कहा।
इंटरनेट पर चैट करते हुए मुझे एक भाभी मिली, बात हुई, फोन नम्बर लिया, फोन पर बातें हुई, उनसे मिलाने उनके ऑफिस गया. फिर एक दिन मैंने उन्हें अपने घर बुलाया..
फैजान उसी को देखता रहा फिर मुझसे बोला- यह तुम बाइक पर बैठे क्या शरारतें कर रही थीं।
मैं मुस्कुराई और अंजान बनते हुए बोली- कौन सी शरारत?
फैजान- वो जो मेरे लण्ड को दबा रही थी।
मैं हंस कर बोली- मैंने सोचा कि आज मैं अपनी चूचियों को तुम्हारी पीठ पर रगड़ नहीं सकती.. तो ऐसी ही थोड़ा सा तुम को मज़ा दे दूँ।
पड़ोस में दो नेपाली बहनें रहती थी, उनमें छोटी का यार छुट्टी वाले दिन उसे चोदने आता था। एक दिन कमरे की चाबी उसके पास नहीं थी, मैंने उसे पने कमरे मे बुलाया।