हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ

चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ

Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan

Stories about always horny, lusty males and females

एक भाई की वासना -13

एक रात हम सोये हुए थे, मेरी नींद खुली, मैंने फ़ैजान का हाथ जाहिरा की चूची पर रख दिया। ऐसे ही एक रात जागते हुए मैंने फ़ैजान का हाथ जाहिरा के पेट पे रख दिया… और एक रात…

एक भाई की वासना -12

फ़ैजान की लाई हुई ब्रा मैंने उसकी बहन को दिखाई तो शर्म से लाल हो गई। फ़िर हमने बेडरूम में ए सी लगवाया तो जाहिरा को हमारे साथ हमारे डबलबेड पर सोने को कहा।

दिल्ली वाली भाभी की चूत चुदाई

On 2015-08-16 Category: कोई मिल गया Tags: 69, Oral Sex, चुदास

इंटरनेट पर चैट करते हुए मुझे एक भाभी मिली, बात हुई, फोन नम्बर लिया, फोन पर बातें हुई, उनसे मिलाने उनके ऑफिस गया. फिर एक दिन मैंने उन्हें अपने घर बुलाया..

एक भाई की वासना -9

फैजान उसी को देखता रहा फिर मुझसे बोला- यह तुम बाइक पर बैठे क्या शरारतें कर रही थीं।

मैं मुस्कुराई और अंजान बनते हुए बोली- कौन सी शरारत?

फैजान- वो जो मेरे लण्ड को दबा रही थी।

मैं हंस कर बोली- मैंने सोचा कि आज मैं अपनी चूचियों को तुम्हारी पीठ पर रगड़ नहीं सकती.. तो ऐसी ही थोड़ा सा तुम को मज़ा दे दूँ।

चूत चुदवाने को बेताब पड़ोसन -6

On 2015-08-15 Category: पड़ोसी Tags: चुदास, नंगा बदन

पड़ोस में दो नेपाली बहनें रहती थी, उनमें छोटी का यार छुट्टी वाले दिन उसे चोदने आता था। एक दिन कमरे की चाबी उसके पास नहीं थी, मैंने उसे पने कमरे मे बुलाया।

पिंकी की चूत, मेरा नौसिखिया लण्ड -4

मैं पिन्की की चूत चूस रहा था, वो आनन्द के मारे पागल हुई जा रही थी, कह रही थी कि अब कुछ करो। मेरे ल्न्ड को पकड़ कर अपनी चूत पे रखने लगी। मैंने भी घुसा दिया।

भतीजी के साथ चाची फ्री में चोदने मिली

दफ़्तर के पास की एक लड़की मेरे साथ सेट हो गई, एक बार मैं उसके घर गया, वो नहा रही थी, मैं बाथरूम में घुस गया। वो मेरे लौड़े पर कूद रही थी कि मुझे उसकी चाची दिखी, वो हमें चुदाई करते देख रही थी…

एक भाई की वासना -5

लेग्गी पहन कर जाहिरा अपने भाई के सामने आई तो फैजान की निगाहें जाहिरा की टाँगें देखने को उतावली थी. एक दिन उसे छोटा शर्ट पहना तो वो तो उसकी जांघें और चूतड़...

एक भाई की वासना -3

मैंने अपने शौहर को उनकी बहन की नंगी टाँगें घूरते देखा तो मन में उनको सताने का ख्याल आया, मैं चाह रही थी कि इनको जाहिरा के बदन की सारी गोलाइयाँ दिखा दूँ !

मनोचिकित्सक की चूत चुदाई

मेरे पड़ोस में एक डॉक्टर रहती थी, वो बहुत सेक्सी माल थी, उसके पति अपने काम मे मस्त थे, मेरी नज़र उस पे थी। एक दिन मैंने उसे अपनी चूत मे कुछ घुसाते देख लिया…

कुंवारी मारवाड़ी भाभी की वासना -3

मास्टर जी की अनुपस्थिति में उनकी बीवी मुझे अपने बेडरूम में ले गई और मुझसे सेक्स की मांग करने लगी, मैंने उनकी चूत चाट कर उन्हें परम आनन्द दिलाया और उसके बाद…

चूत चुदाने को बेताब पड़ोसन भाभी -3

On 2015-08-05 Category: पड़ोसी Tags: चुदास, नंगा बदन

किरायेदार भाभी घर बदल कर जाने लगी तो वो मुझे बता गई कि विधवा मकान मालकिन भी चुदाई की भूखी है, वो आसानी से पट सकती है तो मैं उसे अपने जाल में फ़न्साने में लग गया!

धोबी घाट पर माँ और मैं -15

माँ को चूत चुसवा कर बहुत मज़ा आया और वो शानदार तरीके से झड़ी और थक कर सो गई.. लेकिन मेरा लौड़ा मुझे परेशान कर रहा था, मैं सोती हुई माँ की जांघों को सहलाने लगा

मस्त चुदासी पड़ोसन भाभी की गाण्ड

हमारी किरायेदार भाभी मस्त माल थी, एक बार उसने मुझे छत पर शराब पीते देखा तो अपने कमरे में बुला लिया और मुझे बर्फ नमकीन दी, फिर गर्लफ्रेंड की बात करने लगी

धोबी घाट पर माँ और मैं -14

माँ पूरी नंगी होकर दोनों पैर फैला कर मुझसे अपनी चूत चटवाने लगी... मैं माँ की चूत चूसने लगा तो माँ को खूब मज़ा आ रहा था, वो मज़े में पागल हो गालियाँ बक रही थी.

मेरा गुप्त जीवन- 23

बसंती के भागने के बाद बिन्दू को गर्भ रह गया तो मेरे लिए अब कोई नहीं थी. मैं कॉटेज जाकर दिल बहलाने लगा तो वहाँ चम्पा आ गई अपनी एक सहली निर्मला को लेकर !

मैं जन्नत की सैर कराऊँगी -1

मेरे पड़ोस में एक परिवार आया उनमें एक नवयौवना भी थी. पहली ही रात मुझे खिड़की से उसके हसीं बदन के दीदार हो गए, वो नाईट लोशन लगा रही थी.. मैंने उनसे दोस्ती बनाई

माही के प्यार की प्यास

एक दिन अचानक एक लड़की से फोन पर बात हुई, फिर धीरे धीरे प्यार हो गया और उसने मुझे अपने शहर मेरठ बुलाया. वहाँ हमने मंदिर में शादी की और सुहागरात मनाए होटल गए !

धोबी घाट पर माँ और मैं -10

मुझे उम्मीद थी कि रात को सोते समय माँ मुझे काफी कुछ करने दे सकती है, मज़ा दे सकती है. जब हम छत पर सोने गए तो माँ भी मेरे पास ही आकर लेट गई थी लेकिन...

धोबी घाट पर माँ और मैं -9

शाम होते-होते हम अपने घर पहुंच चुके थे। कपड़ों के गठर को ईस्तरी करने वाले कमरे में रखने के बाद, हमने हाथ-मुंह धोये और फिर माँ ने कहा कि बेटा चल कुछ खा-पी ले। भूख तो वैसे मुझे कुछ खास लगी नहीं थी (दिमाग में ज़ब सेक्स का भूत सवार हो तो भूख तो वैसे […]

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