रिश्ता चूत के प्यार का
मैं मेडिकल कालेज में तीसरे वर्ष का छात्र था. मेरी टीचर ने मुझे उनकी मामी की देखभाल के लिए अस्पताल बुलाया और रात को वहीं रुकने को कहा. रात में वहाँ क्या हुआ?
चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ
Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan
Stories about always horny, lusty males and females
मैं मेडिकल कालेज में तीसरे वर्ष का छात्र था. मेरी टीचर ने मुझे उनकी मामी की देखभाल के लिए अस्पताल बुलाया और रात को वहीं रुकने को कहा. रात में वहाँ क्या हुआ?
रिया दरवाज़ा बंद कर के आ गई तो मैं बोला- चलो पहले तुम अपने कपड़े उतारो और फिर भाभी के! ठीक है? रिया जल्दी से अपनी नाइटी उतारने लगी और जब वो बिल्कुल नंगी हो गई.
पायल- शिट.. ये क्या हो गया.. भाई का नाइटफ़ाल हो गया.. सब मेरी ग़लती है.. रात को मैंने उनको बहुत गर्म कर दिया था और अभी भी कैसे चिपक कर सोई थी। अब वो उठेंगे तो क्या सोचेंगे मेरे बारे में..
गाँव जाने की तैयारी में निम्मो कोठी में आ गई तो उसे चुदना ही था. गाँव पहुंचे तो देखा कि बहुत रिश्तेदार आए हुए थे. उनमें एक भाभी और उसकी ननद मेरे कमरे में सोई...
पायल का मन बेचैन हो गया था.. वो दोबारा धीरे से अपने भाई के लौड़े को टच करने लगी। पुनीत गहरी नींद में सोया हुआ था और पायल की हवस बढ़ती ही जा रही थी, वो लंड को ऊपर से नीचे तक धीरे-धीरे दबाने लगी थी..
एक्सीडेंट के बाद मैं अस्पताल में था. दोस्त को कह कर एक सुंदर नर्स अपने लिए रखवाई. उसने जो मेरी सेवा की उसी की दास्ताँ इस कहानी में लिख रहा हूँ.
मैं जयश्री की तरफ गया और उसको बाँहों में जकड़ कर बिस्तर से उठा दिया.. फिर उसको दबोच कर उसके मस्त होंठों से अपने होंठ सटा दिए। जयश्री ने कहा- राजा.. थोड़ी देर के लिए चूमना बंद कर.. तो नाइटी उतार दूँ..
मैं अपनी ननद से सचमुच की चुदाई में आने वाले आनन्द का वर्णन करती तो उसकी आँखें नशीली हो जातीं और उसकी चूत बहुत गीली हो जाती और फिर वो मुझसे अपनी चूत में ऊँगली करवाती।
पुनीत और रॉनी परेशान थे कि अपनी बहन पायल को गेम के लिये कैसे मनाये… सन्नी उन दोनों को कोई आइडिया बताता है। उधर पायल अपनी चाची का मुंह देखना भी पसन्द नहीं करती।
मैं अस्पताल की कालोनी में रहता हूँ, पास में बहुत सारी नर्सों के घर हैं. मैंने एक नर्स रिया को पटा कर कैसे चोदा, इस कहानी में पढ़िए !
मेरी सलहज गाँव से है। मैं तो बचपन से ही सेक्स के लिए बहुत उत्साहित रहता हूँ और जब मैं उनके गाँव दुल्हन विदा कराने गया तो दुल्हन की भाभियों के द्विअर्थी मजाक और गन्दी बातें सुनकर अपनी सलहज और उसकी भाभियों को चोदने का प्लान बनाने लगा।
एक रात को मैंने महसूस किया कि मेरे शरीर पर कुछ चल रहा है। जब मैंने थोड़ी सी आँखें खोल कर देखा तो पाया वो मेरे भाई का हाथ था जो मेरी टी-शर्ट के ऊपर से मेरे बूब्स को हल्के हल्के सहला रहा था।
मुनिया तो नई-नई चुदक्कड़ बनी थी.. उसको लंड का चस्का लग चुका था। अब ऐसा तगड़ा लंड देख कर भला वो कहाँ अपने आपको रोक पाती। बस वो शुरू हो गई लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
मेरे पड़ोस में एक सेक्सी लड़की रहती थी, मैं उसे देखा कर मुट्ठ मारता था लेकिन बात करते फटती थी मेरी! एक दिन उसने कुछ सामान घर के अन्दर रखने के बहाने से बुलाया और मुझे आँख मारी!
एक शाम पड़ोस से भैया ने मुझे रात में उनके घर रुकने को कहा क्योंकि वो बाहर जा रहे थे. मैं रात को उनके घर सोया. लेकिन रात में क्या हुआ... इस कहानी में पढ़िए !
मेरी विधवा सलहज अक्सर मेरी बाइक पर बैठ कर आती थी तो भारी बदन की होने के कारण वो मेरे से चिपकी हुई रहती थीं। जब कहीं गड्डा आता.. तो उसके मम्मे मेरे से टकराते। मेरा मन तो बहुत करता पर करूँ क्या..
भाभी की चूत चोदे काफी दिन हो गए थे. मैं भाभी की चूत चुदाई के लिए तरस गया था. एक दिन बहाने से भाभी बाज़ार में मुझे मिली, रेस्तराँ के केबिन में चूत दिखाई और आगे की योजना बताई !
आठ बजे मैं आरती के घर पहुँच गया। उसने गुलाबी रंग की बिना बाँहों वाली सिल्क की नाइटी पहन रखी थी जो सामने से खुलती थी। गीले से बालों का जूड़ा बांध रखा था.. लगता था कि अभी नहाई थी.. नाइटी पारदर्शी तो नहीं थी लेकिन उसमें से उसके मम्मों के साथ साथ घुंडियों का उभार साफ़ दिख रहा था.. लगता था जैसे उसने नीचे कुछ नहीं पहन रखा था।
मैं अपनी भानजी को कई बार चोद चुका था. एक बार मैं उसे अपने घर ले आया और रास्ते भर उसके बदन से छेड़छाड़ करता आया. फिर रात होने पर हम दोनों ही चुदाई को उतावले हो रहे थे.
टूअर से वापिस आते ही सबसे पहले को कम्मो की चूत में अपने लौड़े से टीका लगाया, फ़िर बताया कि निर्मला मैडम का गर्भाधान करना है… अगले दिन मैडम को घर ले आया और…