सगे भाई को पटाया अपनी चूत चुदवाने के लिए
मेरी चुदाई बहुत दिनों से नहीं हुई थी.. मैं चुदास से तड़प रही थी। ऐसे में भाई की याद आई.. मैंने सोचा कि यह मेरी प्यास बुझा सकता है, मुझे उसे किसी तरह पटाना ही होगा।
चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ
Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan
Stories about always horny, lusty males and females
मेरी चुदाई बहुत दिनों से नहीं हुई थी.. मैं चुदास से तड़प रही थी। ऐसे में भाई की याद आई.. मैंने सोचा कि यह मेरी प्यास बुझा सकता है, मुझे उसे किसी तरह पटाना ही होगा।
मैंने सड़क पर कार वाली एक अमीरजादी की मदद की, हमारी दोस्ती हो गई. अगले दिन वो मुझे अपने फ़ार्महाउस में ले गई। मदद के बदले मुझे क्या मिला, कहानी पढ़ कर मज़ा लें!
मैंने एक उंगली जैसे ही उसकी चूत में डाली.. प्रीत की आवाज निकल गई- ओहह्ह्ह… अब मैंने उंगली को अन्दर-बाहर करना शुरू किया.. फिर जल्दी ही मैंने दो उंगली डालीं.. फिर से प्रीत 'ओओहह्ह्ह..' करने लगी।
मैंने उसको पुरुष और स्त्री के बीच के सेक्सुयल संबंध के बारे में डीटेल से बताया। वो बड़े ध्यान से मेरी हर बात को सुन रही थी और कॉपी में नोट भी कर रही थी।
मैं जूही की कम्पनी में नौकरी करने लगा। एक शाम को मैं ऑफिस से निकला कि जूही की कार मेरे पास रुकी, मुझे बैठने के लिए कहा। उस दिन उसकी शादी की साल गिरह थी लेकिन उसका पति उसके साथ नहीं था।
मुझे मौसी के घर जाना पड़ा लेकिन वहाँ जाकर मेरी किस्मत खुल गई, जाते ही रास्ते में एक हसीन भाभी से टक्कर हो गई और उससे दोस्ती भी... अगले ही दिन उसने मुझे खाने पर बुलाया.
उर्वशी अपनी अन्तर्वासना में डुबकी लगते हुए आहें भरने लगी और सिसकारने लगी, मेरे सिर के बालों को दोनों हाथों से पकड़ अपनी ओर खींच कर मेरे होंठों को अपने होंठों में दबोच कर चूसने लगी।
हमारी मुलाकात एक इंस्टिट्यूट में हुई थी और पहली नज़र में ही शाज़िया मुझे पसंद आ गई थी। बस मैंने देर ना करते हुए उसे प्रपोज कर ही दिया.. मगर उसकी तरफ से पहला जबाव नहीं आया।
मैंने सुश्री को नीचे बिछे को गद्दे पर लिटाया और झट से उसकी चौड़ी जांघों में बैठ कर अपने लंड को उसकी बुरी तरह से पनियाई चूत के द्वार पर रख कर पहला धक्का मारा.
आज की यह कहानी प्रकृति द्वारा बनाई गई उस खूबसूरत प्रजाति की है जिसे हम पुरुष कहते हैं.. इसकी मैं जितनी भी तारीफ करूँ, हमेशा कम लगती है। मैं तो अपनी मर्द जाति का दीवाना हूँ..
नीता के कपड़े भी थोड़े से गीले हो गए पर बेचारी कुछ एक महीने से प्यासी थी इसलिए उसे उस समय कुछ समझ नहीं आ रहा था और वो इस आज़ादी और अपने चुम्बन का रस ले रही थी।
उसने मेरे पैंट का बटन खोल दिया। उसकी साँसें तेज हो रही थीं और उसकी चूचियाँ फूलने लगी थीं। उसने जैसे ही अन्दर हाथ डाला और मेरा साढ़े आठ इंच का लौड़ा.. उसके हाथ में आया.. तो उसके चेहरे पर एक चमक और एक अजीब सी ख़ुशी थी।
सोनाली भाभी को किसी दीपक से प्यार है और मुझे सोनाली भाभी से। मैंने कैसे सोनाली भाभी धीरे धीरे पटा कर, उन्हें उत्तेजित करके उनकी प्यासी चूत की चुदाई की, पढ़िए इस कहानी में!
स्कूल में कम्प्यूटर ठीक करने गया तो वहाँ की मैडम मुझे पसन्द आ गई। कुछ दिन बाद उसी मैडम ने मुझे उसके घर का कम्प्यूटर ठीक करने बुलाया और बात कैसे बनी, इस कहानी में पढ़ें !
जैसे-जैसे उसकी कमीज ऊपर की ओर सरकती.. वैसे-वैसे उसका दूध सा गोरा बदन मेरे आँखों में कैद होता जा रहा था। मैं उसकी इस अफलातून जवानी को अपने आँखों से पीने के साथ साथ होंठों से प्यार भी कर रहा था।
एक बार हम अकेले में मिले और उसने मुझे उसका लण्ड मुँह में लेने को कहा.. पर मैं ना-नुकुर करने लगा। उसके ज़ोर देने पर मैंने उसका लण्ड मुँह में लिया और धीरे-धीरे चूसने लगा।
पड़ोसन भाभी ने गाने भरने के लिये मेमोरी कार्ड दिया तो मैंने शरारत करके उसमें ब्ल्यू फ़िल्में भी भर दी। कार्ड देने गया तो भाभी ने मोबाइल में डाल कर चलाया।
मैं एक किराए के कमरे में रहता हूँ, एक बार सुबह मैं सो रहा था कि मकान मालिक की छोटी बेटी मेरे कमरे में आ गई। मेरी नीन्द खुली तो देखा कि वो मेरा लंड सहला रही थी। उसी ने बताया कि मेरा लंड सामान्य से बड़ा है.
पड़ोसन भाभी की ननद ने भाभी को मुझसे चुदते देखा तो उसकी अन्तर्वासना भड़क गई, उसने अपनी भाभी को मुझसे अपनी चूत की सील तुड़वाने की इच्छा बताई।
मेरी एक गर्ल फ्रेण्ड है सेजल… मस्त माल है.. उसने मुझको फोन किया, तुम मेरे घर आ जाओ.. मैं घर पर अकेली हूँ। मैं कुछ मिनट में उसके पास पहुँच गया। उस दिन वो बड़ी मस्त लग रही थी।