मामी की गोद हरी कर दी-3
मैंने मामी को सांत्वना देने के लिए मामी को गले लगा लिया और पता ही नहीं चला.. कब हम दोनों पर वासना का भूत सवार हो गया और हमने अपनी हदें पार करना शुरू कर दिया था।
चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ
Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan
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मैंने मामी को सांत्वना देने के लिए मामी को गले लगा लिया और पता ही नहीं चला.. कब हम दोनों पर वासना का भूत सवार हो गया और हमने अपनी हदें पार करना शुरू कर दिया था।
उस वक़्त मेरी उम्र 19 साल थी। मैं सेक्स के मामले में बिल्कुल पागल था। चौबीस घंटे मेरे जेहन में सिर्फ़ सेक्स ही भरा रहता था। मैं हर वक़्त सेक्स मैगजीन्स की तलाश में रहता था।
मैं बोली- भैया आपने अपनी सग़ी बहन को चोद दिया। मैं आगे बोली- पापा को अभी फोन करने जा रही हूँ कि भैया ने यहाँ मुझे अकेले पाकर मुझे चोद दिया।
पड़ोसन लतिका की चूत के बाद अब उसकी गांड मारने की बारी थी, वो भी गांड मरवाना तो चाहती थी पर गांड चुदाई के दर्द से डरती थी क्योंकि उसकी गांड अभी तक अनचुदी थी।
मामी मेरे नीचे गिरी थीं और हम दोनों ही ऐसे गिरे कि मेरा लण्ड मामी की ठीक चूत के ऊपर ही था। मेरी और मामी की नजरें एक-दूसरे से टकराईं और हम मानो कहीं खो से गए।
मैंने घर के साथ वाले घर में एक ड्राईवर की बीवी को काम पिपासा में तड़पते देखा, वो बाथरूम में चूत में उंगली कर रही थी. मैं भी नंगी आंटी को देख गर्म हो गया.
टी-शर्ट पहनते समय मैंने अपनी ब्रा निकाल दी थी। मुझे पता है कि मेरी बड़ी चूचियाँ हैं.. जो टी-शर्ट में पूरी नहीं आ पा रही थीं। इसी वजह से मैं और हॉट लगने लगी।
मामी नहाने की तैयारी कर रही हैं। मामी ने पहले साड़ी हटाई.. फिर ब्लाउज खोला और अपने बोबों को मसल-मसल कर साफ करने लगीं। मामी ने धीरे-धीरे अपना पेटीकोट ऊंचा किया और अपनी चूत को साफ करने लगीं।
मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। अन्तर्वासना की ये कहानियाँ इतना उत्तेजित करने वाली थीं कि मैं अपनी उत्तेजना नहीं रोक पाई। कहानी भाई-बहन की होने के नाते मेरे मुँह से ‘भैया.. भैया..’ ही निकल रहा था।
कुछ महीने मैं अपनी अविवाहित मौसी के घर में रहा था। मौसी को देख कर मेरे लंड की हरकतें बढ़ जाती थी पर मैं कुछ नहीं कर सकता था। मौसी के घर में रहने के कुछ अनुभव आपके लिए पेश हैं।
उनकी नाइटी ऊपर को चढ़ कर उनकी आधी पैंटी के दर्शन करवा रही थी। अब मुझे खुद पर ज़रा भी कंट्रोल न रहा.. मैं उनकी पैंटी के पास अपनी नाक ले जाकर उनकी चूत की सुगंध को सूंघने लगा।
सुशी को अपने लौड़े की चुसाई से उठाया और उसको और रेवा भाभी को एक सांझे आलिंगन में बाँध लिया। मैं दोनों खूबसूरत औरतों का आनन्द ले रहा था.
वो बोली- यार आज मेरी चुदाई नहीं हो पाई है.. मेरी चूत लण्ड मांग रही है.. 'अच्छा आज़ तेरी चूत को लण्ड नहीं मिला.. इसलिए इतना तड़प रही है.. मेरी चूत से तो पूछ.. इसने तो अभी तक लण्ड के दर्शन ही नहीं किए हैं।'
मैं यह देख कर दंग रह गया कि दीपा ने नीचे कुछ भी नहीं पहना था। तभी दीपा ने अपनी उंगली कामिनी की चूत में कर दी और कामिनी ने भी अपने पैर का अंगूठा दीपा की चूत में कर दिया.
मैंने अपनी जीभ से उसकी बुर के दाने को चूसना शुरू किया और साथ ही अपनी एक उंगली उसके चूत में डालने लगा और उसको अपनी उंगली से ही चोदने लगा।
राहुल- हमें भरोसा नहीं है, ब्रा खोल कर दिखाओ। नेहा गुस्से में अपना हाथ पीठ के पीछे डाला और ब्रा खोल कर बिना कोई और कपड़ा निकाले, निकाल कर हमारी ओर फेंक दी।
मेरी बिल्डिंग में बिल्कुल मेरे सामने एक विवाहित महिला रहने आई पर मुझे कुछ भी पता नहीं चला. एक दिन वो खुद मेरे घर आई और बात करने लगी. बात कहाँ तक पहुंची...
नीलेश बोला- कैसी लगी मेरी बहन शिखा? मैंने कहा- यार वो तो कमाल ही है। उसकी चुदाई तो बनती है, कुछ नहीं तो कम से कम उसे एक बार नंगी कर के देख, मस्त एकदम!
मैं शाम को टहलने जाता था तो पड़ोस की एक आन्टी भी सैर पर आने लगी। उनके मटकते चूतड़ों ने मेरा मन भटका दिया। इस कहानी में पढ़िए कि कैसे मैंने आन्टी की तारीफ़ की तो उन्होंने मेरे लिये अपनी जांघें खोल दी।
मैंने सोचा 'अब रो तो रही ही है' इधर लंड भी अपनी पूरी औकात में था, मैंने फिर से जोर का धक्का लगाया और पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में।