मामी ने चूत दी तो मैंने ले ली -3
मैं मामी के बदन से खेल रहा था, वो मुझे रोक नहीं रही थी तो मैंने उनकी चूत पर अपना लंड टिकाया ही था कि मामी ने मुझे रोक दिया, अपनी चूत अपने दोनों हाथों से ढक ली.
चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ
Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan
Stories about always horny, lusty males and females
मैं मामी के बदन से खेल रहा था, वो मुझे रोक नहीं रही थी तो मैंने उनकी चूत पर अपना लंड टिकाया ही था कि मामी ने मुझे रोक दिया, अपनी चूत अपने दोनों हाथों से ढक ली.
मैं अपने लिए पहली चूत की तलाश में इधर उधर मारा मारा फिरता था, किसी भी लड़की को या भाभी को देखकर मैं उसे चोदने के ख्यालों में डूब जाता था। क्या मेरी तलाश पूरी हुई? कैसे?
अपनी बीवी को लेने जाने के लिये ट्रेन में बैठा तो एक लड़की को अपनी सीट पर पाया। उस लड़की से क्या बात हुई, वो मेरी सीट पर क्यों थी, उसके बाद क्या हुआ, जानिए!
अपनी चुदासी मॉम की हालत देख कर मेरी बीवी ने मुझसे अनुरोध किया कि मैं उसकी मॉम यानि अपनी सास को चोद कर उन्हें यौनसुख प्रदान करूँ! क्या मैं यह कार्य कर पाया?
मैं अपने ननिहाल गया तो बड़ी मामी के बदन, उनकी कातिलाना अदाओं, मटकते चूतड़ों को देख कर मेरा मन करता कि मामी को वहीं आँगन में लेटा कर चोद दूँ.. क्या मैं ऐसा कर पाया? क्या हुआ मेरे साथ? इस कहानी में…
बेटी दामाद के उन्मुक्त सेक्स को देख कर अपने पति से असन्तुष्ट मां ने सभी बन्धन तोड़ते हुए अपनी बेटी से उसके पति के साथ सेक्स करने की इच्छा जाहिर की तो बेटी की क्या प्रतिक्रिया हुई? इस कहानी में पढ़िए!
घर, बीवी से दूर रहने के कारण चुदाई की प्यास तो लगनी ही थी। मैंने एक होटल में काम करने वाली लड़की को पटाया, वो विधवा थी चुदासी थी। उसे मैं किसी दूसरे शहर के होटल में ले गया।
भैया अपने सारे कपड़े उतार कर मेरे ऊपर लेट गए, मैं भी आँखें बन्द करके पड़ी रही और भैया के लिंग के प्रवेश कराने का इंतजार करने लगी। भैया ने एक हाथ से अपने लिंग को मेरी योनि के प्रवेश द्वार पर रख कर जोर का धक्का मारा..
उसकी चूत अंदर से एकदम कसी और ऊपर से बिल्कुल किशोरियों जैसी दिखती है इसलिये जो सलोनी की चूत को एक बार देख ले, वह तो पागल ही हो जाता है।
प्रिया घर में अकेली रहा करती थी और उसको टाइम काटना मुश्किल हो रहा था इसीलिए वो शाम को बाल्कनी में आ जाया करती थी। मैंने उस से इधर-उधर की बातें की.. ताकि वो मेरे साथ कंफर्टबल हो जाए।
भाभी ने कहा- अगर आपको आरती अच्छी लगती है तो इसमें कुछ गलत नहीं है.. मैं उसे आपके लिए पटा लूँगी और फिर आप उससे अपनी प्यास बुझा लेना।
मैंने लंड बाहर निकाला और पिचकारी पिच पिच… सलोनी ने खुद घूम कर मेरे लंड को हाथ से पकड़ा, दरवाज़े की तरफ़ देखते हुये मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे साफ करने लगी।
शाम को जब छत पर अंकल मेरे साथ छेड़छाड़ कर रहे थे, मैं उनकी गोदी में थी, मेरे चूतड़ों में सख्त सा लगा, उस वक्त कोई और था नहीं, हम दोनों ही थे… मैंने पूछ ही लिया- यह मेरे चूतड़ों में क्या चुभ रहा है?
मेरे और आपी के जिस्म पर सिर्फ़ हमारी सलवारें ही थीं और आपी के सीने के उभारों पर उनकी खुली हुई ब्रा रखी हुई थी। मैंने अपने दोनों घुटने आपी की टाँगों के इर्द-गिर्द टिकाए और उनके सीने के उभारों पर अपना सीना रखते हो आपी के ऊपर लेट गया।
मैं उसकी दोनों टाँगें चौड़ी कर के अपना लंड उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा। पूरी लाइट जल रही थी, सारा परिवार हमारे आस पास सोया था, और हम दोनों जीजा साली बिल्कुल नंगे चोदापट्टी में लगे थे।
आपी ने मेरे सख़्त हाथ को अपने नर्म और मुलायम उभार पर महसूस किया और एक 'अहह..' भरते हुए मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया और मेरे हाथ को हटाने के बजाए अपने हाथ से मेरे हाथ को दबाने लगीं।
मुझे अपनी बड़ी साली गुड्डी के घर जाने का मौका मिला। दूध जैसा गोरा बदन, सुंदर चेहरा, 38 या शायद उस से भी बड़े साइज़ का ब्रा पहनती होगी। मेरा ध्यान बरबस ही उसकी विशाल छातियों की तरफ चला जाता!
रेनू की चूत तो शायद तभी गीली होना शुरू हो गई थी जब वो शावर लेने जा रही थी। उसके गीले बदन पर चिपक कर फिसलने का लुफ्त एक अनोखा अनुभव था।
मैंने उसकी दोनों टांगों को अलग किया, उसकी जाँघों के बीच आकर बैठ गया और चूत की दोनों फांकों को अलग किया और देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, बिल्कुल क्लीन की हुई जवान चूत थी उसकी।
ऐशु रानी एक टक ये सब नज़ारा देखे जा रही थी। चुदाई होते देख और रीना रानी की आनन्द से पुलकित आवाज़ें सुन कर वो भी बहुत ज़्यादा गरमा चुकी थी, उसके माथे पर पसीने की बूँदें चमकने लगी थीं।