भाई बहन ननदोई सलहज का याराना-4
जो मजा रजामंदी के साथ सेक्स करने में है वह किसी को बेहोश करके करने में नहीं। बीवी की अदला बदली अगर अपनी चारों की मर्जी से हो तो उसका आनंद ही कुछ और है. अतः हम चुदाई उनकी रजामंदी से ही करेंगे।
चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ
Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan
Stories about always horny, lusty males and females
जो मजा रजामंदी के साथ सेक्स करने में है वह किसी को बेहोश करके करने में नहीं। बीवी की अदला बदली अगर अपनी चारों की मर्जी से हो तो उसका आनंद ही कुछ और है. अतः हम चुदाई उनकी रजामंदी से ही करेंगे।
मेरे दोस्त ने मुझे एक लड़की पटवाई. पहले तो उस लड़की ने दोस्ती करने से मना कर दिया था, लेकिन मैंने उसे मना लिया. एक दिन हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया. मेरी हिंदी सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे उस लड़की ने चूत चुदवाई.
रात में मुझे अपने साले और सलहज की मजे के साथ सेक्स में कराहने की आवाज सुनाई देती थी। दोनों की चुदाई की काफी तेज आवाज आती, मेरी सलहज की सिसकारियां मुझे बेचैन कर जाती थी।
बहू अपने कपड़े उतार कर बेड पर बैठ माँ बेटे की चुदाई का लाइव शो देख रही थी। माँ ने बेटे का लंड चूसा और बेटे ने भी मां की चुत चाटी, फिर एक झटके में बेटे ने अपना लंड मम्मी की चुत में उतार दिया।
मेरी बीवी चुदने के लिए हमेशा तैयार रहती है. मेरी बहुत दिनों से इच्छा थी कि उसे दिन में पूरी नंगी करके चुदाई करूँ. एक दोपहर मैं लेटा हुआ था कि देखा मेरी बीवी पूरी नंगी एक पैर मेरे बेड पर रख कर खडी है.
मैंने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी, तो साड़ी ऊपर उठाने से मैं उनके सामने नंगी हो गई। मेरी नंगी चूत को देख कर ससुर जी खिल गए- वाह बहू, चूत को तो बहुत चिकना कर रखा है!
आते ही उसकी नजर सोफे पर सोई अपनी अधनंगी माँ पर पड़ी तो उसकी धड़कनें एकदम बढ़ गई, उसकी नाईटी जाँघों तक उठी हुई थी। इस अवस्था में अपनी मम्मी को देख उसके दिल में हलचल सी मची।
सुबह सुबह मैं सो रही थी तभी पापा ने मेरे पास आकर अपना लंड मेरे गाल से सटाने लगे. मैं शायद कोई सपना देख रही थी इसीलिए मैंने अपना मुंह खोल दिया, पापा ने मेरे मुंह में अपना लंड घुसा दिया और पेलने लगे.
मेरे कमरे के साथ ही एक परिवार में दो जवान लड़कियां अपने माँ बाप के साथ रहती थी. दो बच्चों की माँ होने के बाद भी आंटी की जवानी में आग भारी पड़ी थी. आंटी ने कैसे मुझे पटाया और चूत चुदवाई अपना बदन दिखा कर!
जब मैं पेशाब करने उठी तो तू और अशोक चुदाई कर रहे थे, तुम्हारे कमरे से सिसकारियाँ आहें... और तुम्हारी पायल की छमछम की आवाज आ रही थी। मैं समझ गई थी कि मेरा बेटा मेरी बहू की चुदाई कर रहा है।
मेरा दिन रात चुदवाने का मन करता रहता है, लगता है कि कोई भी मर्द आये और बस मेरे जिस्म को मसलने लगे और मेरे मुँह में अपना लंड डाल दे, फिर चूत का और गांड को इतना चोदे कि मुझे कुछ होश नहीं रहे.
मेरी कहानी पर ढेर सारे ईमेल आए थे, उन्हीं ईमेल में से एक ईमेल एक महिला का भी था, उस महिला से मेरी बात कैसे बनी, कैसे उसने मुझे अपने घर बुलाया... पढ़ें मेरी इस चोदन कहानी में!
चाचा बोले कि यह छोटी नहीं है बहुत खेली खाई है, जब मैं अभी अन्दर आया था तो यह अपनी मौसी के लड़के और बहन के लड़के से चुदाई करवा रही थी. दो दो लड़के एक साथ इसके ऊपर चढ़े हुए थे.
मुझे लड़कों के साथ सेक्स करने में उतना ही मज़ा आता है, जितना कि किसी लड़के को लड़की के साथ करने में आता है, मुझे भी लड़कियों में इंट्रेस्ट उतना ही है.. जितना कि लड़कों में है क्योंकि मैं बाइसेक्सुअल हूँ.
चाचा को मेरी नंगी गांड दिखाई दे रही थी, सामने मम्मी का पेटीकोट मुझे नजर आया. जैसे ही मैंने पेटीकोट को उठाया, तभी मुझसे पेटीकोट चाचा ने छीन लिया- मुझसे क्या छुपा रही है, मैंने तेरा सब कुछ देख लिया..
जैसे ही मैं सामने घूमी तो एकदम से लालजी मुझे देखता ही रह गया. मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी. मेरा पूरा नंगा पेट, खुली नाभि और ब्लाउज में उभरे हुए चूचे देख कर कोई भी पागल हो जाता.
वो अपने नाना के पास रहती थी हमारे गाँव में... जब हमारी दोस्ती हुई, फोन पर रोमाँटिक, सेक्सी, प्यारी सी बातें होती थीं. बस उसे चोदने की इच्छा बाकी रह गई थी. मैं उसे चोदने के तरह तरह के सपने देखता रहता था.
आप मेरे गांडू जीवन की गाथा का एक भाग पढ़ रहे हैं जब मैं एक छोटे कसबे में पोस्टिंग पर गया था. वहां मेरी बहुत इज्जत थी और मुझे वो इज्जत बना कर रखनी थी. साथ ही गांड की प्यास भी बुझानी थी.
मैं और मेरी बड़ी बहन बस से अमृतसर गए. वहां से वाघा बॉर्डर गए, वहां बहुत भीड़ थी, वो मेरे आगे खड़ी थी. मेरा लंड खड़ा होने लगा. इसका अहसास मेरी बहन को भी हुआ होगा. फिर हम होटल में रुके तो...
दिल्ली मेट्रो में मिले लड़के के तने हुए लिंग को याद करते हुए मैं उसे अपनी योनि में लेने के लिए तड़प रही थी. तभी उसका फोन आ गया. मैंने उसे अपने घर का पता देकर बुला लिया. फिर क्या हुआ?