चिकने लौंडे की गांड मारने का सुख
मुझे लड़कों के साथ सेक्स करने में उतना ही मज़ा आता है, जितना कि किसी लड़के को लड़की के साथ करने में आता है, मुझे भी लड़कियों में इंट्रेस्ट उतना ही है.. जितना कि लड़कों में है क्योंकि मैं बाइसेक्सुअल हूँ.
चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ
Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan
Stories about always horny, lusty males and females
मुझे लड़कों के साथ सेक्स करने में उतना ही मज़ा आता है, जितना कि किसी लड़के को लड़की के साथ करने में आता है, मुझे भी लड़कियों में इंट्रेस्ट उतना ही है.. जितना कि लड़कों में है क्योंकि मैं बाइसेक्सुअल हूँ.
चाचा को मेरी नंगी गांड दिखाई दे रही थी, सामने मम्मी का पेटीकोट मुझे नजर आया. जैसे ही मैंने पेटीकोट को उठाया, तभी मुझसे पेटीकोट चाचा ने छीन लिया- मुझसे क्या छुपा रही है, मैंने तेरा सब कुछ देख लिया..
जैसे ही मैं सामने घूमी तो एकदम से लालजी मुझे देखता ही रह गया. मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी. मेरा पूरा नंगा पेट, खुली नाभि और ब्लाउज में उभरे हुए चूचे देख कर कोई भी पागल हो जाता.
वो अपने नाना के पास रहती थी हमारे गाँव में... जब हमारी दोस्ती हुई, फोन पर रोमाँटिक, सेक्सी, प्यारी सी बातें होती थीं. बस उसे चोदने की इच्छा बाकी रह गई थी. मैं उसे चोदने के तरह तरह के सपने देखता रहता था.
आप मेरे गांडू जीवन की गाथा का एक भाग पढ़ रहे हैं जब मैं एक छोटे कसबे में पोस्टिंग पर गया था. वहां मेरी बहुत इज्जत थी और मुझे वो इज्जत बना कर रखनी थी. साथ ही गांड की प्यास भी बुझानी थी.
मैं और मेरी बड़ी बहन बस से अमृतसर गए. वहां से वाघा बॉर्डर गए, वहां बहुत भीड़ थी, वो मेरे आगे खड़ी थी. मेरा लंड खड़ा होने लगा. इसका अहसास मेरी बहन को भी हुआ होगा. फिर हम होटल में रुके तो...
दिल्ली मेट्रो में मिले लड़के के तने हुए लिंग को याद करते हुए मैं उसे अपनी योनि में लेने के लिए तड़प रही थी. तभी उसका फोन आ गया. मैंने उसे अपने घर का पता देकर बुला लिया. फिर क्या हुआ?
आंटी ने मुझे आते देख लिया और जल्दी से पजामा ऊपर करने लगी. जल्दबाजी में उनसे पजामा नीचे गिर गया. अब मेरे सामने उनकी चूत थी जो बिल्कुल बाल रहित थी. उन्होंने फिर से पजामा ऊपर किया और कमरे में भाग गई.
मैं सीढ़ियों से ऊपर अपनी क्लास की तरफ बढ़ रहा था, मुझे कुछ आवाज़ें सुनाई देने लगीं. ये सिसकारियाँ भरने की आवाज़ें थीं. मैं समझ तो गया कि कोई खेल चल रहा है.. लेकिन मैंने सोचा कि किसी का मज़ा क्यूँ खराब करूँ!
my first love story.
मैं एक घर में पेईंग गेस्ट रहता था तो घर का मालिक मेरा दोस्त बन गया था क्योंकि हम दोनों हमउम्र थे. मेरे दोस्त की दीदी के पति उन्हें छोड़ कर कहीं चले गए थे. उन दीदी ने मुझसे कैसे पटाया और अपनी प्यास बुझाई... पढ़ें इस कहानी में!
अन्तर्वासना की कहानियों का अवलोकन कर मुझे ऐसा लगा कि यहाँ काफ़ी हद तक कहानी सत्य तथ्यों के साथ लेखक पेश करता है। सभी पाठकों लिये पेश है मेरी सत्य कहानी! यह घटना उन दिनों की है जब मेरी साली ग्रेजूएशन करने की जिद कर रही थी, मेरा ससुराल गाँव में है और वहाँ कोई […]
मेरे पड़ोस की एक जवान लड़की ने मुझे मेरी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स करते देख लिया तो मेरी गर्लफ्रेंड डर गयी. इस स्थिति को मैंने कैसे संभाला, पढ़े मेरी इस कहानी में!
मैं मामा के गांव गया तो वहाँ मेरे रिश्ते की मौसी वहाँ मुझे मिलीं. मौसी मेरी बहुत ही सुन्दर थी, मैं उन्हें चोदना चाहता था लेकिन वो मुझसे उम्र और रिश्ते में बड़ी थी तो इस कारण डरता था. फिर भी मैंने मौसी को चोदा. कैसे? पढ़ें मेरी सेक्स स्टोरी में!
मैं अपने चचा के घर रहने गया हुआ था. वहां चाची की सहेली की बेटी भी रहने आई. उसके साथ मेरी सेटिंग कैसे हुई और उसने कैसे मुझसे अपनी चूत चुदाई? पढ़ें मेरी सेक्स स्टोरी में!
होटल में बुकिंग कराते वक्त ही मैंने अपनी जरूरत मेनेजर को बता दी थी. उसने पहले दिन मेरे पसंद की लड़की मेरे रूम में भेज दी लेकिन अगले दिन वो लड़की नहीं आई. तो मैंने मेनेजर लड़की को अपने रूम में बुला लिया.
मैं शबनम भाभी का दीवाना हो चला था. एक दिन भाभी को साड़ी में देख कर मैं अपने कमरे में उन्हें याद करके उनका नाम लेकर मुठ मार रहा था तो भाभी आ गई और मुझे पता भी नहीं चला.
पुराना ऑफिस छोड़ने के बाद नए ऑफिस में मेरी दोस्त बनी नेहा ने मुझे बीयर पिला दी। नशे में उसने अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और मेरे ऊपर आकर चढ़ गई, उसने मेरी उंगलियां अपनी चूत में डलवा लीं.
अभी तक मेरी कहानी के पिछले भाग चूत चीज़ क्या है… मेरी गांड लीजिए-2 आपने पढ़ा कि मेरी बीवी कविता के साथ मेरा तलाक होने वाला था लेकिन वो उससे पहले ही किसी और के साथ भाग गई। पड़ोस में बात फैल गई और जब बात फैल ही गई तो हर तरह की बात होने […]
मेरा दोस्त मुझे चूत के दर्शन करवाने ले गया. हम वहाँ पहुँचे, जिस गली से गुजरे, वहाँ दोनों तरफ एकदम सजधज कर लड़कियाँ और औरतें खड़ी थीं. एक घर में गए, वहां कई लड़कियाँ बैठी हुई थीं. फिर क्या हुआ?