तेरा साथ है कितना प्यारा-4
आशीष अपने एक हाथ से मेरी इस चिकनी चमेली को सहला रहे थे और दूसरे हाथ से मेरी चूचियों से खेल रहे थे, उनके होंठों का रस लगातार मेरे चुचूकों पर गिर रहा था।
चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ
Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan
Stories about always horny, lusty males and females
आशीष अपने एक हाथ से मेरी इस चिकनी चमेली को सहला रहे थे और दूसरे हाथ से मेरी चूचियों से खेल रहे थे, उनके होंठों का रस लगातार मेरे चुचूकों पर गिर रहा था।
जूजा जी अब तक आपने पढ़ा कि ज़न्नत पूरी तरह से नरेन की चुदाई से खुश होकर बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई। नरेन ने अपने पानी को तौलिए से पौंछ कर ज़न्नत के चूतड़ों को साफ किया और फिर ज़न्नत के ऊपर ही नंगा लेट कर उसको अपनी बाँहों में ले कर सो […]
उन्होंने मेरी केपरी के साथ ही कच्छी भी निकालकर फेंक दी। अब मैं आशीष के सामने पूर्णतया नग्न अवस्था में थी परन्तु फिर भी दिल आशीष को छोड़ने का नहीं हो रहा था।
मुझे उनका चुम्बन बहुत ही अच्छा लग रहा था, बल्कि मैं तो ये चुम्बन सिर्फ माथे पर नहीं अपने पूरे बदन पर चाहती थी, उम्मीद लगने लगी थी कि शायद आज मेरी सुहागरात जरूर होगी।
'अरे क्या बताउँ राजे... जीजाजी तो रोज़ चार चार बार अनु को चोद रहे ही हैं, अब उन पर एक नया फितूर सवार हो गया है, वो अनु के पीछे पड़े हैं कि वो अनु को किसी और मर्द से चुदाते हुए देखना चाहते है
हमने इतनी चुदाई की थी कि कोई एक साल में भी अपनी बीवी के साथ नहीं करता होगा, जो हमने तीस दिनों में की। भाभी की मैंने जम कर गांड मारी, जिससे उनकी गांड एकदम मस्त हो गई है। उनकी पिछाड़ी पहले से काफी मोटी भी हो गई है।
उन्होंने मुझे खींचकर अपनी छाती से चिपका लिया और एक मीठा सा चुम्बन दिया। मैं तो शर्म से धरती में गड़ी जा रही थी पर उनकी छाती से चिपकना बहुत अच्छा लग रहा था।
कथा रूपांतरण : डॉ. दलबीर सिंह प्रेषक : करण दोस्तो नमस्कार, मैं आपका दोस्त डॉ. दलबीर आपके सामने फिर से हाजिर हूँ। मेरी कहानियाँ पढ़ कर काफ़ी दोस्त बन रहे हैं और कहानियों को भी सराह रहे हैं, उसके लिए आप सबका धन्यवाद। आपके विचारों से और सराहना और आलोचना से लेखक को आगे और […]
दोस्तो, लो आपकी दोस्त आ गई है आज एक नये ट्विस्ट के साथ और आपने जो मेल करके मेरा हौसला बढ़ाया उसके लिए धन्यवाद। आज आपको चौंका देने वाला ट्विस्ट डाल रही हूँ उम्मीद है आपको मज़ा आएगा तो आप आनन्द लीजिए आज के भाग का। अब तक आपने पढ़ा… अंकित और संजू पागलों की […]
जूजा जी मैंने पंकज से अपने ऊपर नंगे लेट कर पहले मेरा सारा नंगा बदन चूमने और चाटने के लिए कहा। पंकज झट से मेरे ऊपर चढ़ कर मेरी नंगे बदन को सर से पैर तक चूमने लगा। पहले उसने मेरे होंठों को खूब चूमा, फिर मेरी चूचियों को खूब चूसा। उसके बाद मेरे पैर […]
अनु ऊपर जीजाजी नीचे, अनु जीजाजी की ओर पीठ करके या कभी उनकी ओर मुँह करके, घोड़ी की तरह खड़े होकर, कभी बाज़ू में लेटकर, कभी जीजाजी की गोद में उनकी तरफ पीठ करके, कभी गोद में उनकी तरफ मुँह करके, कभी अनु को डाइनिंग टेबल पर लिटा कर जीजाजी ने खड़े खड़े चोदा
मेरी पहली चुदाई के बाद भाभी मुझसे इतनी घुल मिल गई थीं कि मुझे कभी भी चुम्बन कर लेतीं, तो कभी मेरे लंड को पकड़ लेतीं। जब मैं कहीं से घूम कर आता तो वो अपने बदन से साड़ी का पल्लू उतार कर दरवाजा बोलतीं- ले पी ले अपनी भाभी का दूध ! मुझे घर में सिर्फ उनका दूध ही पीने की इज़ाज़त थी
वो अपने बदन पर क्रीम लगा रही थी, अपने चूचों को बड़े प्यार से मसल रही थी और सिसकारियाँ भर रही थी- आहह आहह..! इधर मेरी हालत पतली होती जा रही थी। तब उसने वो सीडी प्ले की और अपना गाउन डाल लिया। उसे अभी अपने कपड़े पहने ही थे कि वो ब्लू मूवी देख […]
नीलम रानी कराहने लगी और रोते रोते बोली- सर मैंने कहा था इतना बड़ा मेरे छोटे से छेद में कैसे घुसेगा...हाय...हाय... बहुत दर्द हो रहा हे... उई माँ...अब ना बचूंगी... आपने पूरा घुसेड़ के मुझे नीचे से फाड़ डाला...
अर्जुन हैलो दोस्तो, मेरे खड़े लण्ड से सभी रसीली चूत वाली लड़कियों, भाभियों, आँटियों को और मेरे सभी लंड वाले भाईयों को नमस्कार। मैं आपको अपने बारे में बता दूँ, मेरा नाम अर्जुन है और मैं भोपाल से हूँ। मेरा लंड 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। अब मैं सीधे अपनी कहानी पर […]
अमन सिंह नमस्कार, मेरा नाम अमन है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैं 19 साल का हूँ। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है। ये उन दिनों की बात है, जब मैं 12 वीं में था। हमारी क्लास में एक लड़की थी, उसका नाम सुमीना (बदला हुआ) था। सुमीना एक कमाल का पटाखा थी, […]
मेरा नाम दीपक है। मैं अभी दिल्ली की एक कम्पनी में काम करता हूँ। यह घटना दो साल पहले की है, जब मैं अपने कॉलेज के दूसरे साल में पढ़ रहा था। तब मेरी उम्र बीस साल हो गई थी और पढ़ने के लिए झारखण्ड के एक शहर धनबाद गया था। मेरा घर वहाँ नहीं […]
वह बहुत खूबसूरत थी, मदमस्त, सांवली, सलोनी गदराई जवानी, बहुत खूबसूरत हाथ और पैर। मर्दों को चुनौती देती हुई तीखी गोल चूचियाँ, रेशम जैसी चिकनी और मुलायम त्वचा। उसके अंग अंग से कामुकता टपकती थी।
संजय सिंह जैसे ही वो दोनों गईं, मुमताज आकर मेरे से चिपक गई और मुझे चूमने लगी। मैंने उसको बोला- मुमताज, पहले दरवाजा तो बंद कर दो, नहीं तो कोई देख लेगा। वो गई और जल्दी से दरवाज़ा बंद किया और वापस आकर मेरी गोद में बैठ गई, मुझे चूमने लगी। मैंने भी उसका साथ […]
जूजा जी अब तक आपने पढ़ा कि पंकज हालाँकि ज़न्नत को बहुत ज़ोर से चोद रहा था पर उसकी नज़र मेरी चूत पर टिकी हुई थी। नरेन का भी यही हाल था और उसकी नज़र ज़न्नत की चुदती हुई चूत पर से हट नहीं पा रही थी ! अब आगे : मुझे पंकज के सामने […]