Chuchi Chusai Boobs Nipple sucking चूची चुसाई

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बदले की आग-1

मेरा नाम राकेश है, मेरी पढ़ाई के बाद मुंबई में दस हजार रुपए की मेडिकल रेप्रिजेंटटिव की नौकरी लग गई थी। मुझे औरतों को पटा कर और फंसा कर चोदने का शौक था। पाँच-छः औरतें पढ़ाई के समय से फंसी हुई थी, महीने में 4-5 बार उनसे चुदाई का मज़ा ले लेता था। उनमें से […]

दु:खी मकान मालकिन चुद गई

मेरा नाम तरुण है। मैं अहमदाबाद का रहना वाला हूँ। मैं 20 साल का हूँ। यह कहानी तब की है, जब मैं कॉलेज की है। जब मैं पहले साल में था। मैं पढ़ाई करने के लिए जालंधर, पंजाब गया था। मैं वहाँ पर इंजीनियरिंग कर रहा हूँ, किराये पर रूम लेकर रहता हूँ। मेरी मकान […]

चूत शृंगार-6

चूत में उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी। मेरी साँसें भी और मेरे मम्मों के फुलाव भी। अब दिल कर रहा था चूत झड़े तो शान्ति हो, पर चूत थी कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी।

चूत शृंगार-4

काफी बना कर मैं भाई के पास गई और काफी मेज पर रख दी। वो सोफे पर बैठा था और मैं उसके सामने खड़ी थी जिससे मेरी चूत का उभार ठीक उसके मुँह के सामने था।

चूत शृंगार-3

ओह तो मेरे ही कान बज रहे थे। जब उसने अपना नाम चंदू बताया तो मुझे ‘चोदू’ सुनाई दिया। चुदने के लिए तरस गई थी, शायद इसीलिए मुझे चोदू सुनाई दिया।

स्तन की आत्मकथा

स्तन नारी के सबसे आकर्षक अंग हैं वैसे तो प्रकृति ने इन्हें मूलतः शिशु के स्तनपान के लिए बनाया है पर वयस्क लोग भी इन्हें छूने, सहलाने और चूसने से बाज नहीं आते।

मेरी चूत और गांड दोनों प्यासी हैं-6

रणवीर ने मेरी ब्रा खोल दी और मेरे एक स्तन को अपने होंठों से चूसने लगा, वहीं हाथों से मेरे दूसरे उभार को दबाये जा रहा था। फिर सोनू ने भी मेरे होठों का साथ छोड़ा और रणवीर सा साथ देने पहुँच गया ...

भाभी की ननद और मेरा लण्ड-5

अब माला के जिस्म पर तो एक धागा तक नहीं था और मेरे जिस्म पर पजामा था और मैं चाहता था किसी तरह से माला को गर्म कर दूँ क्योंकि औरत पूरी तरह से सहयोग सिर्फ तब ही करती है कि या तो वो सेक्स अभ्यस्त हो या फिर पूरी तरह से गर्म हो ! […]

किसी ने देख लिया तो?

टॉम हुक यह मेरा हाल ही का अनुभव है। आशा करता हूँ कि आपको यह कहानी भी पसंद आयेगी। मेरी पुरानी कहानियों के लिए पहले आप सब के जो मेल मुझे मिले उसके लिए आप सबका बहुत बहुत शुक्रिया। बहुत सी सहेलियों, महिलाओं, भाभियों के साथ बातें हुई हैं और एक दूसरे के अनुभव आपस […]

हरिद्वार के सफ़र का हमसफ़र

वो मेरे साथ खुद घुलमिल गई। अचानक हम दोनों के हाथ एक दूसरे के हाथ में आ गए और हमने चाहते हुए भी अलग नहीं किये। मैं उसके करीब चिपक कर बैठ गया।

नंगी जुबैदा की चुदाई

जुबैदा को देखने के बाद किसी भी आदमी की भूख-प्यास मर जायेगी, वो ऐसे ही यौवन भार सजी हुई थी ! उसकी भरी उभरी छाती, भरपूर नितम्ब, लचकदार चाल देख कर बड़ों बड़ों के होश उड़ जाते थे। कोई भी जुबैदा को देखता तो उसके जहन में सबसे पहले यही बात आती कि काश इसकी […]

मेरी डार्लिंग सिस्टर-10

मम्मी की चूचियाँ मेरी बहन की चूचियों की अपेक्षा ज्यादा बड़ी थीं। जहाँ सोनू की चूचियाँ मेरे हाथों में पूरी तरह से फिट हो जाती थीं, वहीं मम्मी की स्तन थोड़े भारी और बड़े थे।

चन्दा भाभी का दूध

पवन वर्मा मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 25 साल है, घर पर सब मुझे रोहित कह कर बुलाते हैं। मैं बचपन से ही चोदू किस्म का इन्सान हूँ, गर्म लड़कियाँ और औरतें मेरी कमजोरी हैं। मेरा लण्ड 7 इँच लम्बा और 3 इंच मोटा है, जिसकी प्यास बुझती ही नहीं ! यह […]

इन्जेक्शन

खुशबू मेरा नाम सुषमा है, मैं शादीशुदा हूँ और मेरे तीन बच्चे हैं, मैं बहुत सुन्दर हूँ एकदम दूध सी गोरी ! मेरी कहानी एक डॉक्टर के साथ मेरे चक्कर की है, हम लोग गाज़ियाबाद की एक कॉलोनी में नये नये आए थे, मेरे पति ने वहाँ पर एक फ्लैट खरीदा था। मेरे पति एक […]

तुम्हारी छाती से सरका पल्लू ऐसे

तुम्हारी छाती से सरका पल्लू ऐसे बड़े बड़े गोल बरफ से ढके पर्वतों से छंटे हों काले बादल जैसे इस बरफ की थोड़ी आइस क्रीम हमें भी चखा दो उफ्फ़ इन प्यासे होंठों पे अपनी नुकीली चोटियाँ चुभा दो हाइ…ईइ इस बैकलेस ब्लाउज़ ने ले ली मेरी जान इन तराशी हुई नंगी घाटियों ने डूलाया […]

पर पुरुष समर्पण-1

मैं खुद ही हुक खोलने लगी। उसने मेरे हाथ हटाए और चट चट मेरे ब्लाऊज़ से सारे हुक खोल दिए, मेरी ब्रा को ऊपर सरका कए मेरे चुचूक को मुंह में लेकर किसी शिशु की तरह चूसने लगा।

दोस्त की चाची को चोदा

उसकी चूत बहुत कसी लग रही थी, उस पर थोड़े सुनहरे रँग के मुलायम बाल भी थे। मैंने अपनी हथेली उसकी चूत पर प्यार से फेरी और उसके दाने को अपनी चुटकी से ज्यों ही मसला, चाची गनगना गई।

वो सात दिन-2

प्रीत आर्य आपने मेरी कहानी वो सात दिन का पहला भाग तो पढ़ा ही होगा… आज मैं अपनी कहानी का दूसरा भाग आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ। घर पहुँचा तो देखा मम्मी स्वाति आंटी से ही फोन पर बातें कर रही थी- हाँ…हाँ… क्यूँ नहीं… और ठीक ही है… अकेले के लिये खाना बनाने […]

वो सात दिन-1

घटना चार साल पहले की है, मीत मुझसे चार साल छोटा था पर कुछ सालों से साथ क्रिकेट खेलने, साथ स्कूल आने-जाने से हमारी दोस्ती गहरी हो गई थी, इससे दोनों के परिवारों में भी घनिष्ठता हो गई थी। मीत की मम्मी स्वाति आंटी 35-36 साल की पढ़ी लिखी, हाई सोसायटी की समझदार महिला थी। सुगठित शरीर, लम्बी टागें, उन्नत उरोज़ एवं बडे-बडे नितम्बों से सुशोभित स्वाति आंटी इतनी सुन्दर थी

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