सविता भाभी: चचेरा भाई मिलने आया
सविता भाभी एक शाम अपने पति अशोक के साथ आराम से बैठ कर टीवी देख रही थीं कि उसके चचेरे भाई का फोन आया, वो आ रहा था. भाभी को याद आया कि कैसे उस भी ने सविता की कुंवारी चूत चोदी थी.
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सविता भाभी एक शाम अपने पति अशोक के साथ आराम से बैठ कर टीवी देख रही थीं कि उसके चचेरे भाई का फोन आया, वो आ रहा था. भाभी को याद आया कि कैसे उस भी ने सविता की कुंवारी चूत चोदी थी.
मम्मी-पापा कुछ दिनों के लिए गाँव गए हुए थे, आंटी ने मुझे गर्लफ़्रेंड से बात करते सुन लिया। आंटी मुझसे पूछने लगी कि मैंने कभी गर्लफ़्रेंड के साथ सेक्स किया है।
सविता भाभी एक बहुत ही हसीन और माल किस्म की जवान गुजराती औरत हैं। वे अपने पति के साथ एक बड़े शहर में रहती हैं। उनकी कोई संतान नहीं है और वे अपनी सेक्स लाइफ बड़े मजे से गुजार रही हैं।
बच्चे के लिये आशीर्वाद बाबा जी मुझे अपने लंड से मेरी कोमल फ़ुद्दी चोद कर दे रहे थे। इस भाग में पढ़ें कि बाबा ने मुझे पूरी नंगी करके मेरे जिस्म को चाट, चूसा।
मेरी चाची चुदाई की प्यासी थी क्योंकि चाचा उनको खास चोदते नहीं थे काम में लगे रहने से… मैं चाची के पास रहा तो हम दोनों के यौन सम्बन्ध कैसे बने, कहानी पढ़ें!
मेरी गांड की सील तोड़ कर मेरे पति ने मनमानी कर ली। दर्द से मेरा बुरा हाल था लेकिन उन्हें तो जैसे भूत सवार हो गया था मेरी गांड मारने का!
पड़ोस में एक मस्त माल लड़की रहती थी.. हम गर्मियों में खेतों में रजबाहे पर जाकर खूब नहाते थे और मस्ती करते थे। एक दिन वैशाली मुझसे तैरना सिखाने को कहने लगी।
दफ़्तर में नई स्टेनो रखी। उस्का विवाहित जीवन सुखी नहीं था पर मेरी रुचि उसके बदन में नहीं थी। लेकिन हालात कुछ ऐसे बनते गए कि मैं उसके बदन को प्यार करने लगा।
सुबह उठ कर नीचे जाने लगा तो सीढ़ियों में आपी मिली, उन्होंने अपनी छाती प्लास्टिक के टब से छिपाई हुई थी। देखा तो उनकी कमीज भीगी थी और चूचियाँ पूरी नुमाया थी।
दोपहर को सोते हुए मैंने देखा कि सिर्फ़ ब्लाऊज़ पेटिकोट में भाभी मेरी बगल में सो रही थी। मैं उनके बदन को छूने लगा, ब्लाउज़ खोल कर चूचियाँ चूसने लगा।
मौसी और किरण मेरा डांस देखने लगी, मेरे साथ चिपको डांस करने लगी. दोनों ही अपने बदन को मेरे बदन से सटाए जा रही थी. फिर जब मैं मौसी के कमरे में सोने लगा तो..
मैं अपनी ज़ुबान से चाटता हुआ रान से घुटने.. और फिर पिण्डलियों से हो कर पाँव तक पहुँचा और आपी की सलवार को उनके जिस्म से अलग करके पीछे फेंक दिया।
मैंने आपी की टाँगों को खुलता महसूस कर लिया था और उनकी चूत से बहते पानी ने भी मुझे यह समझा दिया था कि अब आपी का दिमाग उनकी चूत के कंट्रोल में आ गया है..
मैंने अपनी उंगलियाँ आपी की चूत के दाने से उठाईं और चूत के अन्दर दाखिल करने के लिए नीचे दबाव दिया ही था कि आपी फ़ौरन बोलीं- सगीर.. रुको ना.. हाय प्लीज.. उईईई.. और ऊपर.. रगड़ो ना.. आआहह..
अंजलि सवा पांच फुट की थी और बहुत गोरी तो नहीं थी.. और ना बहुत सुंदर थी.. फिर भी चोदने लायक तो थी। उसको बाँहों में लेने के बाद मैंने उसके होंठों पर किस कर दिया। वो अपने पुराने ब्वॉयफ्रेंड से पहले भी करवा चुकी थी..
मैं मम्मी पापा को रोज चुदाई करते देखती थी, चाहने लगी थी कि पापा मेरे साथ भी ऐसा करें! एक बार मम्मी बाहर गई तो पापा ने मुझे कमरे में बुलाकर मेरे साथ वही किया
मैं दवा कम्पनी में काम करता हूँ तो एक औरत ने अपने पति के लिये मुझसे दवा मंगाई, वो अपने पति से खुश नहीं थी। बात आगे बढ़ी और वो एक दिन मुझे होटल में ले गई।
उसने चादर अपने ऊपर ओढ़ ली। अब तो वो मुझसे और भी सटकर लेट गई.. उसने अपनी दोनों बाहें मेरी गर्दन में डाल लीं। मैंने अपना हाथ उसकी चूची पर फेरना शुरू कर दिया.. इस पर वो थोड़ा सीधी लेट गई।
पड़ोस की एक लड़की मेरे पास पढ़ने आ जाती थी। एक दिन मैं अकेला था तो वो आ गई और बायोलोजी के प्रश्न पूछने लगी। बहाने से उसने मेरा लंड पकड़ लिया।
उन्होंने अपना हाथ आगे लाकर मेरे लण्ड को पकड़ कर चूत पर सैट करके नीचे से एक तेज ठोकर मारी और ‘गप्प..’ की आवाज़ के साथ मेरा आधा लंड उनकी चूत की गहराई में उतर गया।