पजामा ख़राब होने से बच गया-1
लेखक : विवेक सम्पादन : तृष्णा प्रिय अन्तर्वासना के पाठकों कृपया मेरा अभिनन्दन स्वीकार करें! मेरी पिछली रचना ‘बुआ का कृत्रिम लिंग’ और ‘बुआ को मिला असली लिंग’ को पढ़ने और उसे पसंद करने तथा उन पर अपनी प्रतिक्रिया अथवा टिप्पणी भेजने के लिए बहुत धन्यवाद! कई पाठकों ने उस रचना के लिए मेरी प्रशंसा […]