वीर्यदान महादान-2
मैं अपने लण्ड की आग ज्यों ज्यों मैं दबाता तो फिर यह त्यों त्यों और भड़कती। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं कैसे इस आग को बुझाऊँ। इसी तरह समय गुजरता गया। फिर एक दिन मैं इन्टरनेट पर अपना ऑफ़िस का काम कर रहा था कि अचानक एक वेब साईट […]