अनोखी चूत चुदाई की वो रात-1
यह हिन्दी सेक्स स्टोरी है एक ऐसे ससुर की जिसके पास उसकी बहू आधी रात के बाद अंधेरे में उसे अपना पति समझ कर आ गई और यौनक्रियाओं से रिझाने लगी। ससुर बेचारा…
ससुर बहू की चुदाई, बेटे की बीवी को नंगी देखना, देख कर मुठ मारना, चोदना
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यह हिन्दी सेक्स स्टोरी है एक ऐसे ससुर की जिसके पास उसकी बहू आधी रात के बाद अंधेरे में उसे अपना पति समझ कर आ गई और यौनक्रियाओं से रिझाने लगी। ससुर बेचारा…
रितेश बोला- यार, मेरे लंड की मेरी चूत रानी, तेरी चूत का क्या हाल चाल है? मैं पापा जी की बांहों में ही बिंदास बोली- बस तेरे लौड़े की याद आ रही है तो उसका पानी टप टप कर रहा है।
ससुर जी का लम्बा मोटा लंड देख कर मेरी चूत ललचा गई और उनका लंड मांगने लगी। लेकिन ससुर बहू की आपस की शर्म और हिचक तो बाकी थी। कहानी पढ़ कर देखें कि मैंने कैसे ससुर जी को पटाया।
हावड़ा पहुँच कर हम होटल में गए, पापा जी सोफ़े पर, मैं बेड पर लेट गई, मेरा बुखार तेज हो रहा था। सुबह मेरी नींद खुली तो मेरी नजर बाथरूम में पेशाब कर रहे पापाजी पर पड़ी।
उन्होंने कमर के नीचे एक तकिया रखा और मेरी जाँघों को खोल दिया। मेरी बुर पर थूक लगा दिया और अपने लिंग से चूत को रगड़ने लगे, फ़िर वे झुके और मुझे कस कर पकड़ लिया।
मैं पति से जानबूझ कर थोड़ा गुस्सा होकर बोली- मैं यहाँ चुदने आई थी.. पर यहाँ तो परिन्दा भी नहीं है, जो मेरी चुदाई कर सके.. शायद मेरी किस्मत में आज चुदाई लिखी ही नहीं है।
मैं बाबूजी के खाने के बर्तन उठा रही थी तो उनको मेरे मम्मे के दर्शन हुये थे। मैं तो शर्मा कर भाग गई लेकिन मुझे लगा कि अब बाबूजी मुझे बाथरूम में नंगी देखते हैं, मेरे बदन को छूने की कोशिश करते हैं। एक दिन जब हम दोनों घर मे अकेले थे तो…
प्रिय अन्तर्वासना पाठको, फरवरी 2015 में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं...
मेरे खुले मुख को देख कर ससुरजी मुस्करा पड़े और उन्होंने बड़े ही आराम से अपने लिंग को उसके अंदर धकेल दिया तथा आहिस्ता आहिस्ता धक्के देकर अंदर बाहर करने लगे। मुख-मैथुन की क्रिया करते हुए लगभग पांच मिनट ही हुए थे जब मुझे उनके लिंग में से नमकीन पूर्व-रस निकलने का स्वाद आया तब […]
फिर ससुरजी ने मुझे सहारा देकर बिस्तर पर बिठा दिया और मेरी नाइटी को ऊपर कर के मेरे शरीर से अलग कर दी तथा मेरी टांगों से मेरी पैंटी भी उतर कर मुझे पूर्ण नग्न कर दिया।
ससुरजी जब मेरे कमरे की लाईट बंद करके अपने कमरे में सोने के लिए जाने लगे तब मैंने उन्हें कहा– पापाजी, रात में मुझे बाथरूम में जाने एवं पैंटी उतरवाने के लिए आपकी ज़रूरत पड़ सकती है इसलिए आप मेरे कमरे में मेरे साथ वाले बिस्तर पर ही सो जाइए।
ससुरजी के मुख से मेरी योनि में से खून का रिसाव की बात सुनते ही मेरा माथा ठनका और मैं समझ गई कि मुझे मासिक-धर्म आ गया था और वह गीलापन उसी के कारण था।
Lundo Ki Holi-2 ससुर जी ने कहा- अब सब घर की महिलायें घर में छुप जायें, अगर हमने किसी को ढूँढ लिया तो सब मिलकर उसे चोदेंगे। तब घर की सारी महिलायें भागने लगीं। नीलम अपने साथ मुझे ले गई, पर मैंने देखा वो तो ऐसी जगह पर छुपी थी कि कोई भी इससे ढूँढ […]
Lundo ki Holi-1 विराट दोस्तो, आज मैं आपके लिए एक नई कहानी लेकर आया हूँ। यह घटना मेरी दोस्त निशा (बदला हुआ नाम) के साथ हुई है, जो मैं आपके लिए उसी की ज़ुबानी में लेकर आया हूँ। आपको यह कहानी कैसी लगीम मुझे ज़रूर बताना। अब निशा के शब्दों में पढ़िए। मेरा नाम निशा […]
हाँ यार, वो तो कई बार... उसकी फ़ुद्दी भी खूब चाटी है... और चूचियाँ भी कई बार पी हैं। उसके चूतड़ों के बीच लौड़ा घुसा कर लेटा रहता हूँ, बहुत मजा आता है...
'रत्ना रंडी.. मेरी जान तूने अपने ससुर का लंड बहुत बार लिया है.. रंडी बता और किस-किस का लंड अपनी चूत में खाया है। रत्ना मादरचोदी बहुत सती सावित्री बनती है तू घूँघट निकालती है रण्डी..
मैं तो भाग कर ऊपर आ गई। वो नीचे ही थे और चुपके से ऊपर आकर मैं ऊपर आते ही नंगी हो गई और बाबू जी के खड़े लंड पर जाकर बैठ गई।
बाबू जी मेरे कमरे में आ गए और मेरे पास आकर मुझे छत पर ले गए, बोले- रत्ना मेरी जान.. आज चाँदनी रात है आज यहीं छत पर तुम्हें चोदने का मन हो रहा है।
बहू, तुम भी प्यासी हो और मैं भी प्यासा हूँ। देखो ना.. गोपाल को कितने दिन हो गए और तुम तो अभी जवान हो, सेक्सी गर्म औरत हो।
मैं घाघरा-चोली में बहुत खूबसूरत लगती हूँ क्योंकि मेरे बोबे उस चोली में पूरे नहीं समा पाते थे और मेरी गोरी-गोरी टाँगें भी नंगी ही दिखती थीं, घाघरा घुटनों तक ही आता था।