सहेली के ससुर से चुद गई मैं-1
हम नए मकान में शिफ्ट हुए तो पड़ोस की एक लेडी मेरी सहेली बन गयी, उससे सब तरह की बातें होने लगी. उसके ससुर मुझे ठरकी से लगे. मुझे भी उसके ससुर के साथ अच्छा लगने लगा.
ससुर बहू की चुदाई, बेटे की बीवी को नंगी देखना, देख कर मुठ मारना, चोदना
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हम नए मकान में शिफ्ट हुए तो पड़ोस की एक लेडी मेरी सहेली बन गयी, उससे सब तरह की बातें होने लगी. उसके ससुर मुझे ठरकी से लगे. मुझे भी उसके ससुर के साथ अच्छा लगने लगा.
मेरी बीवी बहुत ज्यादा खूबसूरत है, उसे देख सठियाये बूढ़ों के लटके लंड भी खड़े हो जाते हैं। यह शर्मनाक वाकया मैंने अपनी आँखों से देखा कि कैसे मेरे अब्बू मेरी बीवी को चोदा.
साले सलहज के साथ बीवियों की अदला-बदली वाला खेल खेलते हुए आनंदमयी जीवन कट रहा था. पर जल्दी हम चारों को अलग होना पड़ा. हमारी जिंदगी में कौन सा नया मोड़ आया?
यह कहानी है मेरे दोस्त की मामी और उसके दादा जी की सेक्स की यानि ससुर बहु चुदाई की... उसके दादा जी गाँव से उसके घर रहने आये थे कुछ दिन के लिए तो...
मैं अपने सास ससुर संग गाँव गयी. वहां मुझे चचिया ससुर मिले. वे मुझे बहुत घूर रहे थे, पहले मुझे अजीब सा लगा, फिर मुझे उम्मीद हो गई कि बहू की चूत को ससुर का लंड मिल सकता है.
हसीनाओं की ये भोली अदाएं ही तो चुदाई का आनन्द दोगुना कर देतीं हैं; इनका ये रोना धोना, नखरे कर कर के चुदना, एक प्रकार का कॉम्प्लीमेंट, उत्साहवर्धक ही है हम चोदने वालों के लिये.
बहू के मायके में मैं अपनी बहू को बंजारन के लिबास में देख कर उसकी चुदाई के लिए बेचैन हो रहा था, बहू भी मेरी लालसा को जानती थी और वो भी यही चाहती थी. हमारी प्यास कैसे बुझी?
मैं अपनी पूत्रवधू को लेकर उसके चचेरे भाई की शादी में गया. अब शादी में तो रंग बिरंगी तितलियाँ आई ही होती हैं, मैं चक्षु चोदन कर रहा था कि मेरी बहू बंजारन लिबास में मेरे पास आई.
मैंने कहा- पापा, खुश करते हैं, उनके प्यार में कोई कमी नहीं है, उन्हें काम की टेंशन है तो हफ्ते में एक दो बार ही करते हैं, पर मेरी ही भूख ज़्यादा है, मुझे तो हर रोज़ चाहिए, इसलिए मुझे हर वक्त सेक्स की चाहत रहती है।
मैंने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी, तो साड़ी ऊपर उठाने से मैं उनके सामने नंगी हो गई। मेरी नंगी चूत को देख कर ससुर जी खिल गए- वाह बहू, चूत को तो बहुत चिकना कर रखा है!
एक दिन मैंने अपने चाचा ससुर को हमारी कामवाली को चोदते देखा, चचा का लंड देखा तो मेरे तनबदन में वासना भड़क गयी. मुझे चाचा ससुर का लंड अपनी चूत में लेने की इच्छा होने लगी.
मेरी पोर्न कहानी में पढ़ें कि मैंने रात को फूफा जी का नशे की हालत का फ़ायदा उठा कर उनका बड़ा हब्शी लंड अपनी चुत में लिया था. कुछ देर बाद फूफा जी का लंड मेरी आँखों के सामने घूम रहा था और मेरा मन कर रहा था कि एक बार और फूफा जी से चुदाई करवा लूँ.
मैं अपने बेटे की बीवी के साथ हनीमून मनाने केरल के मुन्नार गया. हमने होटल का रूम लिया और जैसे ही हम रूम में जाने लगे तो सामने वाले रूम से मेरे जीजा निकलते दिखाई दिए. फिर क्या हुआ?
पूजा बेटी, जिस चीज़ के लिये तुम परेशान हो, वही कमी मुझे भी खलती है. अगर तुम चाहती हो कि घर इज़्ज़त बाहर ना लुटे और तुम्हारी जरूरत घर में ही पूरी हो तो हम दोनों ससुर बहू एक दूसरे के तन की भूख को मिटा सकते हैं अगर तुम्हें कोई ऐतराज़ ना हो...
पत्नी की मृत्यु के बाद घर संभालने के लिए मैंने अपने बेटे की शादी की और बेटी जैसी बहू को घर ले आया. लेकिन एक दिन जब मैं दफ्तर से जल्दी लौट आया तो मैंने घर में क्या देखा?
मेरे छोटे भाई की बीवी जैसे मेरे साथ अपनी दूसरी सुहागरात मना रही थी. वो बहुत खुले कर मेरे साथ सेक्स कर रही थी जैसे हम दोनों नवविवाहित पतिपत्नी हों! आप भी हम दोनों जेठ बहू की सेक्सी मस्ती का मजा लें!
कामवासना से भरपूर कहानी में आपने पढ़ा कि हम ससुर बहू अपने केबिन के बाहर की दुनिया से बेपरवाह अपनी ही दुनिया में खोये हुए सेक्स का मजा कर रहे थे. अब हमारा सफर अंतिम दौर में था, बस यही रात थी हमारे पास! फिर न जाने कब ऐसा मौका मिले!
बहूरानी खनकती हुई हंसी हंसी- हा हा हा, अरे नहीं पापा जी. मैं तो बस ऐसे ही हंसी ठट्ठा कर रही थी. ये ससुरी ना दुखती... इसे तो लंड से जितना मारो पीटो... उतनी ही ज्यादा खुश होती है बेशरम! यह आपकी चहेती हो गई है, बिगड़ गई है, पूरी की पूरी ढीठ हो गई है, हद कर दी इसने तो बेशर्मी की!
वक़्त की नजाकत को समझते हुए मैंने अपना लंड बहूरानी की चूत की देहरी पर रख दिया और उसके दोनों दूध कसकर दबोचे और... इससे पहले कि मैं धक्का मारता, बहूरानी ने अपनी कमर पूरे दम से ऊपर उछाली और मेरा लंड लील लिया अपनी चूत में.
बहूरानी के साथ आने वाले छत्तीस घंटे बिताने के ख़याल से ही मुझे रोमांच होने लगा था. मैंने उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसके दोनों गालों को बारी बारी से चूमने लगा. बहू बार बार अपना चेहरा अपनी हथेलियों से छुपाने का जतन करती लेकिन मैं उसके दोनों स्तन अपने अधिकार में करके अपनी मनमानी करने लगा