एक भाई की वासना -22
उस सेक्सी नाईट ड्रेस में जाहिरा तो क़यामत ही लग रही थी, उसका खूबसूरत चिकना चिकना सीना बिल्कुल खुला हुआ था, उसकी चूचियों का ऊपरी हिस्सा नंगा हो रहा था...
बहन की चुदाई अपने सगे भाई या चचेरे भाई से, बहन अपने भाई को चुदाई के लिए पटाए, भाई अपनी बहन को चुदाने के लिए तैयार करे, भी बहना की आपस में चूत चुदाई की कहानियाँ
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उस सेक्सी नाईट ड्रेस में जाहिरा तो क़यामत ही लग रही थी, उसका खूबसूरत चिकना चिकना सीना बिल्कुल खुला हुआ था, उसकी चूचियों का ऊपरी हिस्सा नंगा हो रहा था...
मैं सोच रही थी कि अब क्या किया जाए जिससे फैजान को अपनी बहन के क़रीब आने का और मौका मिले और अपनी बहन का जिस्म को देखने, भोगने का भरपूर मौका मिल सके।
नाना की मौत पर मैं उनके घर गया तो सब लोग व्यस्त थे। मामी की बेटी मुझसे बातें करने लगी, मेरी गर्लफ़्रेन्ड के बारे में पूछा तो मैंने उसे ही गर्लफ़्रेंड बना लिया
मैंने आँखें बंद कर लीं.. जैसे कि मैं सो गई हूँ, जाहिरा की आँखें भी बंद थीं। मुझे जाहिरा की दूसरी तरफ फैजान हिलता हुआ महसूस हुआ। उसने जैसे नींद में ही करवट ली और सीधा अपनी बाज़ू और टांग को अपनी बहन के ऊपर रख दिया।
जाहिरा ने मेरा दिया हुआ लिबास पहना, उसकी चिकनी गोरी टांगें घुटनों से नीचे बिल्कुल नंगी थी, स्लीवलैस शर्ट में गोरी नंगी बाहें और ब्रा की स्टैप दिख रहे थे।
मैं चाह रही थी कि फ़ैजान अपनी बहन की चूत को छुए पर जाहिरा ने अपने भाई की हरकतों से बचने के लिये मेरी तरफ़ करवट ले ली और मुझे बाहों में भर लिया। अगले दिन मैंने अपनी कैपरी जाहिरा को पहनने के लिये दी।
जाहिरा के जिस्म से चिपकी हुई उसकी चमड़ी के रंग की लेग्गी ऐसी ही लग रही थी.. जैसे कि उसकी चमड़ी ही हो। फैजान ने अपना हाथ आहिस्ता आहिस्ता जाहिरा की जाँघों पर फिराना शुरू कर दिया और उसकी जाँघों को सहलाने लगा।
अगली दोपहर को फ़ैजान आ गये और हम तीनों ए सी वाले बेडरूम में लेट गये। तभी मैंने देखा कि फैजान ने अपना हाथ मेरे ऊपर से होता हुआ जाहिरा की नंगी बाज़ू पर रख दिया
जाहिरा अपने भाई के सीने से लगी सो रही थी, मैंने फैजान का लंड सहला कर खड़ा कर दिया तो भाई का लंड बहन की जाँघों में घुसने लगा. तभी फैजान का हाथ जाहिरा की चूची पर आ गया.
एक रात हम सोये हुए थे, मेरी नींद खुली, मैंने फ़ैजान का हाथ जाहिरा की चूची पर रख दिया। ऐसे ही एक रात जागते हुए मैंने फ़ैजान का हाथ जाहिरा के पेट पे रख दिया… और एक रात…
जाहिरा चाय लेकर आई तो मैं फ़ैजान की नंगी टाँगों पर हाथ फ़ेर रही थी। जाहिरा ने रसोई में जाकर मुझे बेशर्म कहा। उसके बाद बेडरूम में फ़ैजान ने मुझे अपने आगोश में खींच लिया।
फैजान उसी को देखता रहा फिर मुझसे बोला- यह तुम बाइक पर बैठे क्या शरारतें कर रही थीं।
मैं मुस्कुराई और अंजान बनते हुए बोली- कौन सी शरारत?
फैजान- वो जो मेरे लण्ड को दबा रही थी।
मैं हंस कर बोली- मैंने सोचा कि आज मैं अपनी चूचियों को तुम्हारी पीठ पर रगड़ नहीं सकती.. तो ऐसी ही थोड़ा सा तुम को मज़ा दे दूँ।
जाहिरा के कमसिन बदन को उसके भाई के सामने गीले सफ़ेद कपड़ों में नुमाया करने के बाद मुझे एक और शरारत सूझी। मैंने बाइक पे बाहर घूमने का कार्यक्रम बनाया और जाहिरा को बीच में बैठाया।
जाहिरा के कपड़े भीग चुके थे, सफ़ेद कमीज गोरे बदन पर चिपक कर काली ब्रा ऐसे दिख रही थी कि शर्ट पहनी ही ना हो। उसके भाई की नजर तो उसके जिस्म पर ही चिपक गई थी।
मैंने अपनी ननद को सेक्सी लिबास पहनना सिखा दिया और अब मैं अपने शौहर को अपनी बहन के सेक्सी बदन के उभारों, कटावों को तकते हुए देख कर मज़ा ले रही थी.
रात को चाची और उषा को चोदा, सुबह जागा तो चाची लंड से खेल रही थी. दोनों माँ बेटी चुदी. रात को दोनों फिर आ गई और नाच नाच कर कपड़े उतार के चाची ने गांड मरवाई
एक दिन चाचा का परिवार हमारे घर आया तो रात को मैं अकेला सोया हुआ था. तभी लगा कि मेरे बिस्तर पर कोई औरत है, सोचा कि कम्मो या पारो होगी. लेकिन वो चाची थी.
एक दिन मेरी ननद जाहिरा गिर गई। हम उसे कमरे में लाए, मैं उसकी सलवार ऊपर सरका कर उसके पैर पर दवा लगाने लगी तो मेरे शौहर उसकी गोरी चिकनी जांघ को घूरने लगे।
मेरे मामा की दो बेटियां मेरी हमउम्र हैं. मैं नाना के घर रहने गया. एक बार बिजली जाने पर मैं मामा की बेटी पूजा से टकरा गया, उसकी चूचियां दब गई मुझसे !
मैंने बीवी की नए लंड से चुदने की इच्छा पूरी करने के लिये उसके चचेरे भाई को बुला लिया.. उसे सेक्स के खेल मे उलझाया और हमने मेरी बीवी की गान्ड और चूत मारी।