सविता चाची और पड़ोस की चुदासी आंटियाँ-2
एक दिन मैं घर का किराया देने मालकिन के कमरे में गया तो देखा कि पड़ोस की आन्टियाँ नंगी लेस्बीयन सेक्स कर रही थी। उन्होंने मुझे देख अपने खेल में शामिल कर लिया।
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एक दिन मैं घर का किराया देने मालकिन के कमरे में गया तो देखा कि पड़ोस की आन्टियाँ नंगी लेस्बीयन सेक्स कर रही थी। उन्होंने मुझे देख अपने खेल में शामिल कर लिया।
मैं नंगा सो रहा था कि मेरी मकान मालकिन ने मेरा खड़ा लंड देख लिया। एक दिन मैं किराया देने उनके घर गया, देखा कि पड़ोस की आन्टियाँ नंगी लेस्बीयन सेक्स कर रही थी।
मेरे पड़ोस में एक नव विवाहित जोड़ा रहने आया। आन्टी मुझे पसन्द आई तो मैंने उनसे दोस्ती कर ली। लेकिन मैं तो उनके सेक्सी बदन का मज़ा लेना चाहता था और लिया भी!
भीड़ भरी बस में मिली एक आन्टी के बदन को छू कर मैंने मस्ती की और उनको अपना फ़ोन नम्बर दे दिया। आंटी ने मुझे अपने घर बुलाया। पढ़िए हमारी मस्ती की कहानी!
पड़ोस में एक परिवार था, उसमें एक सेक्सी चाची थी पर चाचा कमजोर सा था। जब भी वे मेरे सामने आतीं.. तो मेरी धड़कन बढ़ जाती थी। मैंने उस चाची को पटा कर कैसे चोदा।
मेरे पड़ोस में एक फ़ौज़ण रहती थी 32-34 साल की… मैं उसे देखता था। उसका बेटा मुझसे पढ़ने आ जाता था तो एक दिन वो मुझे अपने घर ले गया, तब वो नहा कर निकली थी।
मेरे पड़ोस में मोटे कूल्हों वाली आंटी रहती थी। उसके पति दूसरे शहर में नौकरी करते थे। मैंने कैसे उस आंटी को पटा कर उनकी चूत चुदाई की, इस कहानी में पढ़िये।
मैं अपने कुंवारेपन से परेशान था क्योंकि मैं बहुत शर्मीला था। मेरे पड़ोस में रहने वाली आंटी ने मुझसे बात करनी शुरू की तो मुझे लगा कि शायद आन्टी कुछ चाहती हैं
अस्पताल की नाइट शिफ़्ट में मेरे साथ 42 साल की महिला नर्स थी। एक बार कोई मरीज नहीं था तो मैं लेटा था, वो मेरे पास आकर लेट गई और मेरी छाती पर पैर रख दिए।
मेरी मकान मालकिन अकेली रहती थी। एक दिन हम दोनों बाइक पर बाजार से लौट रहे थे कि बारिश आ गई तो आन्टी ने रुकने से मना किया, कहा कि आज भीगने का मन कर रहा है।
मुम्बई में फ़्लैट से सामने की बिल्डिंग में एक जवान आंटी दिखाई दी तो मैं उनकी ख़ूबसूरती में खो गया. उन्होंने भी मुझे देख लिया. कहानी में पढ़ें कि बात कैसे बढ़ी !
वो बोलीं- तुम्हारा लण्ड बहुत शानदार है.. पता नहीं फिर कब इससे अपनी चूत चुदवा पाऊं.. आज मैं तुम्हारा लण्ड अपनी गाण्ड में भी महसूस करना चाहती हूँ.. क्या तुम मेरी गाण्ड मारना पसंद करोगे?
मैंने आंटी की साड़ी.. पेटीकोट पूरी कमर से ऊपर कर दिया और नंगी चूत देखी। ओह.. क्या नज़ारा था मेरी प्यारी आंटी की पतली लकीर वाली चूत का..
मैंने उसकी सलवार भी उतार दी, उसकी पैन्टी उसके चूत के रस से बिल्कुल गीली हो गई थी.. तो देर ना करते हुए मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी… उसकी एकदम चिकनी क्लीन शेव..
मोनिका के जाते ही मैं रसोई में पहुँचा और उसकी माँ को पीछे से पकड़ लिया, उन्होंने साड़ी और बैकलैस ब्लाउज पहना हुआ था। मैं उनको कंधों पर चुम्बन करने लगा और उनके नंगे पेट को सहलाने लगा।
गरमी की छुट्टियों में हम चार दोस्त चूत के सपने लेते लेते स्कूल चले गए. वहाँ हमें एक औरत दिखाई दी. हिम्मत करके उसके पास गए, पूछा, वो चौकीदार की बीवी थी.
मैं मुंबई शिफ्ट हो रहा था तो एक सहकर्मी की आंटी का घर किराए पर मिल गया. जिस दिन मैं घर में शिफ्ट हुआ, उसके दो दिन बाद आंटी दुबई जा रही थी.
वो आंटी थीं बड़ी सेक्सी.. गोरा रंग.. चूचे एकदम कड़क और गोल उठा हुआ पिछवाड़ा था। उसका नाम शामली था.. वो कोई रंडी नहीं थी.. पर उसे नए-नए मर्दों की चाहत रहती थी.. वो पैसे भी नहीं लेती थी।
मेरी विधवा सास दस करोड़ की मालकिन थी, उसका कोई और था नहीं तो माल मेरा ही था पर डर लगता था कि सास को कोई लंड पटा कर उसका माल ना हड़प जाए!
मैं और मेरा दोस्त रिंकू, नई नई जवानी चढ़ी थी तो ज़्यादा बातें तो सेक्स की ही होती थी, किस के चूचे बड़े हैं, किसकी गांड बड़ी है, बस सारा दिन इसी चक्कर में उलझे रहते थे।