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जानबूझ कर अपने अंग प्रदर्शन की कहानियाँ
हिंदी सेक्सी स्टोरीज जानबूझ कर अंग प्रदर्शन नंगी चूची, नंगी बुर, शरीर दिखा कर उत्तेजित करने व सेक्स के लिए लुभाने की कहानियाँ
Hindi Sexy Stories Ang Pradarshan karke, nangi chuchi, nangi choot, nangi bur dikha kar ladkon aur mardon ko lubhane wali
Hindi Sex Stories About sexually sensually exposing body, boobs and thighs
मैं घर चार बजे पहुँच गया, भाभी को जब मैंने यह सब बताया तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, उन्होंने मुझे बाहों में भर लिया और मेरी तीन चार पप्पी ले लीं। उसके बाद हम लोगों ने आपस में योजना बनाई कि भाभी की बेइज्ज़ती का बदला कैसे लेना है। मैंने भाभी से पूछा- […]
गीता ने मेरी लुंगी की गाँठ खोल दी और मेरा लण्ड हाथ में पकड़ते हुए बोली- आह क्या मोटा लोड़ा है ! देवर जी इससे तो चुदने में मज़ा ही आ जाएगा। गीता लेट गई और अपना पेटीकोट उठा कर बोली- एक बार चोद ही दो ! फिर दोस्ती पक्की हो जाएगी। मैं बोला- नेक […]
मेरा नाम राकेश है, मेरी पढ़ाई के बाद मुंबई में दस हजार रुपए की मेडिकल रेप्रिजेंटटिव की नौकरी लग गई थी। मुझे औरतों को पटा कर और फंसा कर चोदने का शौक था। पाँच-छः औरतें पढ़ाई के समय से फंसी हुई थी, महीने में 4-5 बार उनसे चुदाई का मज़ा ले लेता था। उनमें से […]
चूत में ऊँगली डाल कर सिसकारियाँ भरने लगी, “भैया चोद ले मुझे, मार ले मेरी !” और उसी को याद कर-कर के रात को अपने जिस्म की आग को ठंडा किया।
स्तन नारी के सबसे आकर्षक अंग हैं वैसे तो प्रकृति ने इन्हें मूलतः शिशु के स्तनपान के लिए बनाया है पर वयस्क लोग भी इन्हें छूने, सहलाने और चूसने से बाज नहीं आते।
सभी को देविन का प्रणाम. मेरे पड़ोस में एक नए किरायेदार रहने के लिये आए. वो एक बिहारी परिवार था. पति पत्नी और उन का एक साल का लड़का. वे लोग मेरे घर के पीछे वाले घर में ही रहते थे. जब मैंने उसे देखा तो मेरे मन उसे देख कर पता नहीं क्या होने […]
आनन्द की बात से हमें उसके साथ सहानुभूति हुई। ऊषा ने कहा- कोई बात नहीं देवर जी, सब्र का फल बड़ा नमकीन होता है। आनन्द चला गया पर हम दोनों इस वार्तालाप से पुनः अति वासनामय थे। अतः एक और दौर चुदाई में समय कब बीत गया पता ही नहीं चला। अब हम अपने सेक्स […]
मेरा नाम राजीव है, उम्र 32 वर्ष, मैं एक प्राइवेट फर्म में ऑफिस इंचार्ज के पद पर हूँ। मेरी पत्नी ऊषा 24 वर्ष की है, बेहद सुंदर एवं गदराई हुई। हमारी शादी को अभी केवल एक साल ही हुआ है। हाल ही में मैंने कई सेक्स कहानियाँ पढ़ी हैं एवं मेरा मन भी आपको अपनी […]
मेरी एक बहन है। बचपन में हम साथ खेला करते थे, लेकिन फिर जैसे-जैसे बड़े होते गए तो अलग-अलग रहने लगे। मतलब अब साथ सोना उठना-बैठना कम होता था। बस जैसी बाते सारे घरों में होती हैं, वैसी हम में भी होती हैं। मेरा मन कम उम्र से ही लड़की चोदने का करने लगा था […]
मैं अंशुल 21 साल का हूँ, मेरठ में रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना पर काफी समय से कहानी पढ़ रहा हूँ इसलिए सोचा कि इस बार अपनी भी कोई कहानी भेजूँ ! यह बिल्कुल सच्ची कहानी है। मैं आपको अपनी भाभी यानि अपने सामान के बारे बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने उनको चोद कर […]
बाथरूम में रेखा दरवाजे की तरफ मुँह करके पटरी पर जन्मजात नंगी बैठी हुई थी, उसका गोरा बदन आँखों के सामने बेपर्दा था।
बाल सर पर बंधे थे, दोनों पैर खुले थे, चूत बिल्कुल साफ दिखाई दे रही थी
निधि बजाज मैं उसके लौड़े को पकड़ कर आगे पीछे हिला हिला कर उसकी मुठ मारने लगी और उसे बताती रही कि ऐसा करने से वह उतेजित हो जाएगा और उसके अंदर का वीर्य बाहर आ जाएगा ! तब दीप ने पूछा- इससे क्या होगा, जो नया रस बनेगा उसके निकलने से भी तो पजामा […]
शुरू-शुरू में तो मुझे बहुत शर्म आती थी। लेकिन धीरे-धीरे मैं इस माहौल में ढल गई। कुछ तो मैं पहले से ही चंचल थी और पहले गैर मर्द, मेरे ननदोई ने मेरे शर्म के पर्दे को तार-तार कर दिया था। अब मुझे किसी भी गैर मर्द की बाँहों में जाने में ज्यादा झिझक महसूस नहीं […]
मेरे जिस्म पर कपड़ों का होना और ना होना बराबर था। सलमान ने एक तस्वीर इस मुद्रा में खींची। तभी बाहर से आवाज आई… ‘क्या हो रहा है तुम तीनों के बीच?’ मैं आपा की आवाज सुनकर खुश हो गई। मैं जावेद की बाँहों से फ़िसलकर निकल गई। ‘आपा… समीना आपा देखो ना ! ये […]
मैंने उसकी स्कर्ट एक झटके में उतार कर फेंक दी। एक जवान खूबसूरत लड़की मेरे बिस्तर पर सिर्फ पेंटी में थी। एकदम गोरा रंग, बिना बालों का नमकीन सा जिस्म। सहा नहीं गया मुझसे और मैंने अपना मुँह उसकी चूत पे रख दिया। पाव जैसे उसकी चूत पेंटी के अन्दर थी जो मैं खाने क़ी […]
वक़्त देखते हुए मैंने ज्यादा आगे ना बढ़ने का विचार किया और उसको पजामा और अपने कपड़े सही करने को कहा। वो उठी और अपना पजामा चढ़ाने लगी। मैंने उसको रोका और उसके चूतड़ों पर चूम लिया और पजामा ऊपर कर दिया और अपने कपड़े भी सही कर लिए। मैंने उससे पूछा- कैसा लगा? तो […]
मैं खुद ही हुक खोलने लगी। उसने मेरे हाथ हटाए और चट चट मेरे ब्लाऊज़ से सारे हुक खोल दिए, मेरी ब्रा को ऊपर सरका कए मेरे चुचूक को मुंह में लेकर किसी शिशु की तरह चूसने लगा।
मैंने झट से दरवाज़े की तरफ पीठ करके साड़ी उतार दी, ब्लाउज उतार दिया फिर पेटीकोट खोल जैसे नीचे हुआ, मेरे मदमस्त चूतड़ उसकी आँखों के सामने एक लाल पैंटी में सजे हुए दिखे।
मैंने एक एक कर के अपने सारे कपड़े उतारे, एकदम नंगी होकर बिस्तर पर तकिया बाँहों में भरकर हाथ चूत के दाने को मसलते हुए 'शाम मुझे चोदो! दीपक, मेरे राजा, मुझे चोदो!' कहने लगी।
वास्तव में कपड़े लेना तो बहाना थे, हम दोनों को इस छीना-झपटी में आनन्द आ रहा था। चूंकि इन सब गतिविधियों के कारण मेरा पप्पू कुछ कुछ उत्तेजित हो गया था जो बिना टीशर्ट के शॉर्ट्स में छुपाना असंभव हो गया था, पयस्विनी ने भी पप्पू के दीदार कर लिए थे और उसकी आँखों में […]