बदलते रिश्ते-9
रानी मधुबाला सुनीता अपनी दीदी के घर से वापिस आ तो गई किन्तु रातें काटे नहीं कट रहीं थीं। जब उसे रामलाल के साथ गुजारी रातों की याद सताती तो वह वासना के सागर में गोते लगाने लगती और उसके समूचे बदन में आग की सी लपटें उठने लगतीं। आज तो उसे बिल्कुल नीद नहीं […]