सेक्स भरी कुछ पुरानी यादें-2
मैं पेशाब करने के लिए उठा और पेशाब करने लगा और जब वापिस आया तो मैंने देखा मेरी मौसी की लड़की मेरे बिस्तर के पास लेटी थी। उसका सीना मेरी पैरों की तरफ़ था। मैं धीरे-धीरे अपने पैर के पंजों से उसके मम्मे को छूना शुरू कर दिया
हिंदी सेक्सी स्टोरीज जानबूझ कर अंग प्रदर्शन नंगी चूची, नंगी बुर, शरीर दिखा कर उत्तेजित करने व सेक्स के लिए लुभाने की कहानियाँ
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मैं पेशाब करने के लिए उठा और पेशाब करने लगा और जब वापिस आया तो मैंने देखा मेरी मौसी की लड़की मेरे बिस्तर के पास लेटी थी। उसका सीना मेरी पैरों की तरफ़ था। मैं धीरे-धीरे अपने पैर के पंजों से उसके मम्मे को छूना शुरू कर दिया
मैं चूत से लेकर गांड तक सब कुछ चाट रहा था, जो रोज़ी केवल 1-2 बार में साफ़ करने की बात कर रही थी, वो अब सिसकारियों के साथ-साथ चटवाने में सहयोग भी कर रही थी, वो खुद अपनी चूत मेरे मुँह से चिपकाये जा रही थी।
मैं दस मिनट तक उसके होंठों को चूसता रहा, मैं लगातार उसके पेट को सहलाते हुए अपना हाथ साड़ी के ऊपर से ही उसके बेशकीमती खजाने, रोज़ी की चूत के ऊपर ले गया और साड़ी के ऊपर से उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया।
पूनम मेरा नाम पूनम है। मेरी ऊम्र 28 साल है। मैं तलाकशुदा हूँ। मेरे पति नामर्द थे इसीलिए मैंने उनसे पीछा छुड़ा लिया। मैं एक कोचिंग में बायोलॉजी पढ़ाती थी। हमेशा कोई न कोई कुत्ते की तरह मेरे भरे हुए बदन को घूरा करता था। चाहे वो मेरे छात्र हों या फिर चपरासी या साथी […]
मैंने अपनी पेंटी खोली और अपनी चूत में उंगली करते हुए आनन्द को अपनी चूत चाटने का हुक्म दिया, मैंने रजनी को भी शामिल करते हुए अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों का रसपान किया।
अपने चूतड़ों पर मेरा हाथ महसूस करके ही उसका चेहरा पूरा लाल हो गया था और जब मैंने कच्छी के बारे में बात की तब तो उसका चेहरे के साथ-साथ उसका पूरा बदन ही सिमट रहा था।
कहानी का पिछला भाग: फुफेरी बहन की सील तोड़ी-1 तभी अंजलि जल्दी से उठ कर बाथरूम के अन्दर चली गई और दरवाजा बंद कर लिया, तो मैंने प्रिया से मौका देख कर पूछा तो उसने मुस्कराते हुए बताया कि अंजलि को पीरियड आ गया, चूँकि उसको डेट याद नहीं रही, तो पैड वगैरह नहीं थे, […]
उसकी पीठ मेरी ओर थी... उसकी स्कर्ट ऊपर तक हो गई और उसके नंगे चूतड़... कयामत चूतड़... क्या मजेदार गोल गोल चूतड़ थे... पूरे नंगे ही दिख रहे थे... क्योंकि उसकी पैंटी की डोरी बहुत पतली थी जो चूतड़ों की दरार से चिपकी थी।
साहिल कपूर सम्पादिका – तृष्णा अन्तर्वासना के मेरे प्रिय दोस्तो, आप सबको इस नाचीज़ दिल्ली वासी साहिल का सप्रेम नमस्कार! मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ और मैंने इसमें प्रकाशित हुई सारी रचनाएँ भी पढ़ी हैं! इन मनोरंजक रचनाएँ को पढ़ कर मेरा मन बहुत ही प्रफुल्लित हुआ और मुझे भी मेरे जीवन की […]
मैं उससे बात कर ही रहा था कि जैसे ही बैक मिरर में देखा... ओह गॉड... उसने अपना टॉप निकल दिया था... वो केवल एक माइक्रो ऑफ व्हाइट ब्रा में बैठी थी...
पिंकी सेन माँ के जाने के बाद रीना ने नेट पर सेक्सी स्टोरी साइट खोली और ऐसे ही किसी बाबा की स्टोरी सर्च करके पढ़ने लगी। उसको पढ़ते-पढ़ते ही उसने अपने कपड़े निकाल दिए और चूचे दबाने लगी, उसको बहुत मज़ा आ रहा था। रीना- उफ्फ आ..ह्ह्ह.. काश ये स्टोरी वाले बाबा का लौड़ा मेरे […]
करीब 30 मिनट के इस खेल के साथ विजय 10-12 जोरदार धक्कों के साथ शांत हो गया और उसके ऊपर ही हाँफता रहा, फ़िर अलग हुआ। जब उससे अलग हुआ तो उसकी योनि से विजय का वीर्य बह निकला, जिसे बाद में उसने साफ़ किया और पजामा पहन लिया। अब हम वापस आने लगे। अब […]
पिंकी सेन दोस्तो, आपकी दोस्त पिंकी एक नई कहानी के साथ वापस आ गई है। आपने पिछली कहानी जूही और आरोही की चूत की खुजली को काफ़ी सराहा। आज की यह कहानी एक बड़े शहर की है, एकदम सच्ची घटना है। मेरी एक दोस्त ने मुझे बताई है। मैं इसमें अपनी तरफ से बस थोड़ा […]
मैं गौर से उनकी हर हरकत को देख रहा था... अंकल का हाथ भाभी की कमर पकड़ने के लिए आगे बढ़ा और काँपता हुआ हाथ उनके नंगे चूतड़ों पर चला गया।
भाभी बाहर नंगी आने को तैयार हो गई थीं.. वो तो रोज ही घर ही रहती थीं, उनको पूरा आईडिया होगा कि दोपहर को इस समय सुनसान ही होता है क्योंकि ज्यादा चहल पहल सुबह-शाम ही रहती है।
सलोनी- फिर मुझे नंगी ही पार्किंग से यहाँ तक लाये... वो तो गनीमत थी कि किसी ने नहीं देखा... कितना डर गई थी मैं... पागल... अह्हाआआ पुचच च च पुचच च च...
अनुभव कर्ता : कबीर शाह प्रस्तुति : रूचि वर्मा नमस्कार दोस्तो, मैं रुचि वर्मा फिर से एक नई कहानी लेकर आई हूँ। आपने मेरी जन्मदिन के दिन चुदाई को सराहा, मैं आप सबकी बहुत आभारी हूँ, आशा करती हूँ कि यह कहानी भी आप सभी को पसंद आएगी। अगर कुछ कमी रह गई हो तो […]
अलंकृता शर्मा मेरा नाम अलंकृता है। यह घटना तब की है जब मैं 12वीं कक्षा में थी। मेरे माँ-पिता जी का समय-समय पर गाँव जाना रहता था। मैं खुद अपने मुँह मियाँ-मिट्ठू तो नहीं होना चाहती, पर हकीकत यही है कि मैं दिखने में खूबसूरत हूँ, लड़के हमेशा से मेरे आशिक रहे हैं। मैंने काफी […]
मैं उसकी हर मस्ती में साथ था पर मेरी इच्छा उसको चुदाई करवाते देखने की थी और इतना सब होने के बाद भी मुझे दुःख इसी बात का था कि सलोनी ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया !
रानी मधुबाला सुबह सुनीता ने आकर दोनों के ऊपर से कम्बल उठाया तो दोनों को नंगा लिपटे देखकर खिलखिलाकर हंस पड़ी तो उनकी नींद टूटी। अनीता की बात बन आई, वह बोली- क्यों दीदी, याद है तुमने क्या कहा था कि ‘खूंटे पे रखकर फाड़ दूँगी पर भाई को नहीं दूँगी।’ अनीता झेंप सी गई […]