गर्ल्ज़ हॉस्टल के नंगे नज़ारे
मेरी एक गर्लफ्रेंड गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी, मैं हॉस्टल के किस्से बड़ी दिलचस्पी लेकर सुनता था। उन्हीं में से एक किस्से को आपको पेश कर रहा हूँ, मज़े लीजिये।
हिंदी सेक्सी स्टोरीज जानबूझ कर अंग प्रदर्शन नंगी चूची, नंगी बुर, शरीर दिखा कर उत्तेजित करने व सेक्स के लिए लुभाने की कहानियाँ
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मेरी एक गर्लफ्रेंड गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी, मैं हॉस्टल के किस्से बड़ी दिलचस्पी लेकर सुनता था। उन्हीं में से एक किस्से को आपको पेश कर रहा हूँ, मज़े लीजिये।
मुझे उम्मीद थी कि रात को सोते समय माँ मुझे काफी कुछ करने दे सकती है, मज़ा दे सकती है. जब हम छत पर सोने गए तो माँ भी मेरे पास ही आकर लेट गई थी लेकिन...
शाम होते-होते हम अपने घर पहुंच चुके थे। कपड़ों के गठर को ईस्तरी करने वाले कमरे में रखने के बाद, हमने हाथ-मुंह धोये और फिर माँ ने कहा कि बेटा चल कुछ खा-पी ले। भूख तो वैसे मुझे कुछ खास लगी नहीं थी (दिमाग में ज़ब सेक्स का भूत सवार हो तो भूख तो वैसे […]
हमने काफी दिन से ग्रुप सेक्स नहीं किया था तो मैंने अपनी बीवी से पूछा कि किसी नए लंड से चुदना है? तो उसने अपने चचेरे भाई का नाम लिया.. हमने उसे बुला लिया..
मैं अपनी मौसी के घर गया तो मौसी-मौसा दोनों काम पर जाते थे और उनका बेटा स्कूल... मौसी की बेटी शिल्पा जो मेरे से एक साल बड़ी थी, हम दोनों घर में अकेले रहते थे... एक दिन शॉपिंग के बाद शाम को मौसी का बेटा ट्यूशन चला गया और शिल्पा नहाने गई, वो तौलिया लपेट कर बाहर आई तो मैं सिर्फ चड्डी में बाथ रूम में नहाने के लिए तैयार था.. उसे देख कर मेरा बदन गर्म हो गया...
माँ ने मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रख लिया…फिर पता नहीं क्या सोच कर वो बोली- ठीक है, मैं सोती हूँ यहीं पर…
उत्तेजना वश मैं माँ की चूचियों पर हाथ फ़िराने लगा और मेरा दूसरा हाथ अपने लण्ड पर था।
माँ जाग गई और मेरे खड़े लण्ड को हाथ में ले कर हिलाने लगी और मीठी डाँट पिलाने लगी। माँ लगातार मेरे खड़े लण्ड के बारे में बात कर रही थी।
माँ कपड़े को नदी के किनारे नहाने लगी… माँ के दांतों से उसका पेटिकोट छुट गया और सीधे सरसराते हुए नीचे गिर गया और उसका पूरा का पूरा नंगा बदन एक पल के लिये मेरी आंखों के सामने दिखने लगा।
बाद में खाना खाने के बाद माँ पूछने लगी कि उसे नंगी देख कर मुझे कैसा लगा… फ़िर उसने मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रख लिया…
खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...
मैं दिल्ली में भूखा प्यासा थका हारा एक घर के बाहर दीवार के पास बैठ गया और सो गया... आँख खुली तो देखा मेरे इर्द-गिर्द चार-पाँच लड़कियाँ खड़ी मुझे झकझोर रही थी।
जब माँ कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिये बैठती थी, तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनों तक ऊपर उठा लेती थी... एक दिन हम दोनों ने कपड़े धो लिये और सारा काम निपटा कर नहाने लगे… माँ के दांतों से उसका पेटिकोट छुट गया और सीधे सरसराते हुए नीचे गिर गया और उसका पूरा का पूरा नंगा बदन एक पल के लिये मेरी आंखों के सामने दिखने लगा। खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...
हमारा काम धोबी का था, माँ देखने में बहुत सुंदर है, जब माँ कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिये बैठती थी, तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनों तक ऊपर उठा लेती थी... घर में भी कपड़े इस्तरी करते वक्त माँ अपना पेटिकोट ऊपर उठा कर पसीना पौंछती तो मुझे उसकी नंगी जांघों के बीच का नज़ारा देखने को मिल जाता… खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...
मैं इंजीनियरिंग करने भोपाल गया पी जी वाले घर में एक भाभी से मेरी दस्ती हो गई... हम बातें करते एक महीने में इतने क्लोज हो गए थे कि वो कभी-कभी मेरे सामने ब्रा और पैन्टी में ही आ जाती और जब वो मेरे कमरे में आती तो मैं उसके सामने फ्रेंची में ही आ जाया करता था। कहानी पढ़ कर आनन्द उठाएँ!
हमारा पारिवारिक काम धोबी का था, मैं माँ के साथ नदी किनारे कपड़े धोने जाते थे... माँ देखने में बहुत सुंदर है, इस कारण गाँव के लोगों की नजर भी उसके ऊपर रहती होगी, ऐसा मैं समझता हूँ। जब माँ कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिये बैठती थी, तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनों तक ऊपर उठा लेती थी... खुद कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...
मैं गाँव की सीधी सादी लड़की थी मगर मेरे पति सेक्स के बहुत दीवाने हैं, वो भूखे भेड़िये की तरह मुझे नोचते हैं जैसे कभी कोई औरत ही न देखी हो।
हमारे कॉलेज में एक कंप्यूटर की मैडम थीं, उनकी उम्र 32 साल की होगी, उनके मम्मे आधे बाहर की तरफ लटके होते थे। एक बार मैडम मेरे पास आकर मेरे टेबल पर झुक कर प्राब्लम सॉल्व करने लगीं। जब वो झुकीं.. तो उनका पूरा मम्मों का नजारा मेरी आँखों के सामने था। मैडम ने मुझे देखा लिया कि मैं उनकी चूचियां निहार रहा हूँ तो उनहोंने छुट्टी के बाद मिलने को कहा...
मेरी उम्र इस वक्त काफी हो गई है लेकिन फिर भी वे पुरानी यादें अभी भी वैसे ही ताज़ा हैं और मेरे ज़हन में वैसे ही हैं जैसे कि कल की बात हो। यह ऑटोबायोग्राफी लिखने से पहले मैं आपको अपना थोड़ा सा परिचय दे दूँ।
मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में एक बड़े जमींदार के घर में पैदा हुआ था, मैं अपने माता-पिता की एकलौती औलाद हूँ और बड़े ही नाज़ों से पाला गया हूँ।
ढेर सारे मिले लाड़ प्यार के कारण मैं एक बहुत ही ज़िद्दी और झगड़ालू किस्म के लड़के के रूप में जाना जाता था। मैं जीवन की शुरुआत से ही औरतों की प्रति बहुत आकर्षित था।
आंटी कोकिला अक्सर माँ के पास आकर बैठ जाती, बातें करती, मैं छुप छुप कर उन्हें देखता। उनके स्तन बहुत भारी थे, मैं चाहता था कि मैं उनके विशाल स्तन देखूँ। एक दिन जब मैं उनके घर में गया तो देखा कि कोकी आंटी बाथरूम में हैं। मैं बाथरूम की ओर चल पड़ा। जब बाथरूम के पास पहुँचा तो देखा बाथरूम का दरवाजा ठीक से बंद नहीं था, थोड़ा सा खुला था, जिसमें से अंदर देखा जा सकता था। पूरी कहानी पढ़ कर खुद मज़ा लीजिए…
मेरे एक प्रशंसक व मित्र मुझसे उनकी पत्नी के बारे में कुछ सेक्सी कहने को लिखने को कहते थे। मैंने कहा- बिना देखे कुछ ख़ास नहीं लिख पाऊँगा और जो लिखूंगा वो काल्पनिक होगा, तुम्हें मज़ा नहीं आएगा, तुम यदि अपनी पत्नी के फ़ोटो मुझे दिखाओ तो मैं कुछ बताऊँ या लिखूँ। वो तैयार हो गया लेकिन साथ ही वादा लिया कि मैं कलात्मक और कामुक लिखूँगा। तो फिर कुछ दिनों बाद उन्होंने मुझे एक मेल किया, उसमें स्मार्ट मोबाइल से लिए अपनी पत्नी के कुछ बहुत ही कामुक चित्रों की एक पूरी शृंखला मुझे मेल की और मैंने उन्हें उस मेल का जो जवाब दिया वो में ज्यों का त्यों यहाँ कॉपी पेस्ट कर रहा हूँ
जब मैं बारहवीं क्लास में पढ़ता था, मेरे भाई की शादी को तीन साल हो चुके थे। अपनी भाभी का सारा काम घर का भी, बाहर का भी मैं ही करता था। तब तक मुझे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था। एक दिन मैंने सेक्स स्टोरी वाली बुक पढ़ी तो बुक पड़ने के बाद मुझे सेक्स के बारे में पता लगा। उस दिन के बाद से मैं अपनी भाभी को अलग नज़र से देखने लगा। एक दिन मैंने नासमझी में भाभी से चूत दिखाने को कह दिया... तो क्या हुआ? कहानी पढ़ के देखिये...
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गैई लेकिन तुरन्त उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया था… अगले दिन मैने मौसी से माफ़ करने को कहा तो काफ़ी देर मनाने के बाद वो मानी तो फ़िर मैने उनकी चूचियाँ दबा दी… इस कहानी में पढ़िए कि उसके बाद क्या हुआ…
मैं फिलहाल राँची में पढ़ने के लिए रह रहा हूँ.. रांची में ही मेरी मौसी रहती हैं तो मैं अकसर उनके घर जाता रहता हूँ... उनकी एक बेटी बारहवीं में पढ़ती है, मौसा जी देर से घर आते हैं. मौसी जी पुरानी हिरोइन साधना के जैसी दिखती हैं.. पिछली होली पर मैं कई दिन उनके घर रहा तो एक रात मौसा जी मेरे स्थान पर सो गए और मुझे मौसाजी के बिस्तर पर सोना पडा.. मौसी रसोई का काम निपटा कर रोज की तरह मुझे मौसाजी समझ कर मेरे पास लेट गई...