भाई के लण्ड से चुद कर जीने की आजादी पाई-2
टी-शर्ट पहनते समय मैंने अपनी ब्रा निकाल दी थी। मुझे पता है कि मेरी बड़ी चूचियाँ हैं.. जो टी-शर्ट में पूरी नहीं आ पा रही थीं। इसी वजह से मैं और हॉट लगने लगी।
हिंदी सेक्सी स्टोरीज जानबूझ कर अंग प्रदर्शन नंगी चूची, नंगी बुर, शरीर दिखा कर उत्तेजित करने व सेक्स के लिए लुभाने की कहानियाँ
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टी-शर्ट पहनते समय मैंने अपनी ब्रा निकाल दी थी। मुझे पता है कि मेरी बड़ी चूचियाँ हैं.. जो टी-शर्ट में पूरी नहीं आ पा रही थीं। इसी वजह से मैं और हॉट लगने लगी।
मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। अन्तर्वासना की ये कहानियाँ इतना उत्तेजित करने वाली थीं कि मैं अपनी उत्तेजना नहीं रोक पाई। कहानी भाई-बहन की होने के नाते मेरे मुँह से ‘भैया.. भैया..’ ही निकल रहा था।
कुछ महीने मैं अपनी अविवाहित मौसी के घर में रहा था। मौसी को देख कर मेरे लंड की हरकतें बढ़ जाती थी पर मैं कुछ नहीं कर सकता था। मौसी के घर में रहने के कुछ अनुभव आपके लिए पेश हैं।
सुशी को अपने लौड़े की चुसाई से उठाया और उसको और रेवा भाभी को एक सांझे आलिंगन में बाँध लिया। मैं दोनों खूबसूरत औरतों का आनन्द ले रहा था.
आंटी बोली- इस तरह जैसे तुम इतना ज़ोर लगा रहे हो, इस से तुम भी जल्दी थक जाओगे और मुझे भी चोट पहुँचती है, तुम्हारा लंड मेरे अंदर जा कर ज़ोर से लगता है, आराम से धीरे धीरे अपने लंड से मुझे रगड़ते हुये सेक्स करो!
अंकल मेरे नंगे मम्मों को देख चुके थे.. उससे पहले अपनी उंगलियों से उसके चूचुकों को भी सहला चुके थे.. अपनी मुठ्ठियों में भर कर उसके मज़े ले चुके थे.. तो अब क्या शरमाना..!
मैंने शिखा को पूरी सब्जी का कौर खिलाया तो जानकर थोड़ा गिरा दिया जो शिखा के बूब्स पर गिरा। मैं सबके सामने उसके बूब्स के अंदर हाथ डाल के वो आलू निकाल कर खा गया
मैं शमा अपना चुदाई का अनुभव आपके साथ शेयर करने जा रही हूँ। यह मेरी पहली चुदाई नहीं थी.. मेरी ज़िंदगी में आने वाला तीसरा लड़का था। मेरी उम्र उस वक्त 20 साल थी।
मैं गाँव में नदी पर नहाने गया तो चाची मेरे सामने नंगी हो गई. साथ में एक पड़ोसन लड़की भी थी. घर आकर मुझे मुठ मारनी पड़ी, चाची ने देख लिया तो बोली कि तेरे लिए कुछ इंतजाम करती हूँ.
मोहिनी के जिस्म में भी हरकत होना शुरू हो गई थी। अब वो भी अपनी गांड उठा रही थी और मेरे लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश कर रही थी।
जसबीर ने कमरा बंद कर लिया और मेरे को बेतहाशा लबों पर चूमने लगी और रिंकू ने मेरी पैंट के बटन खोलने की कोशिश शुरू कर दी लेकिन ऊषा और शशि ने उसके हाथ पकड़ लिए.
मोहिनी की मम्मी ने उनकी अनुपस्थिति में मुझे उनके घर में रुकने को कहा। मैम और साहब को एयरपोर्ट छोड़ कर मैं उनके घर आया। मोहिनी ने मुझे मेरा कमरा दिखाया।
दौड़ते-दौड़ते मैं बिस्तर पर जा गिरा.. वो भी बिस्तर पर आकर मुझसे उलझ गई। लड़ते-लड़ते मेरा हाथ उसकी चूची को टच हो जाता.. मैंने उसको अपने बांहों में दबोच लिया।
हाथ तंग होने के कारण मैंने पार्ट टाईम जॉब ली। शाम 6 बजे से 10 बजे रात तक घर पर काम करना था। घर में रहने वाले मात्र तीन लोग थे, एक बॉस.. उसकी वाईफ और तीसरी सदस्य उसकी बेटी मोहिनी थी।
अरे सिर्फ होंठों के ऊपर होंठ रखने से किस नहीं किया जाता.. तुम मेरे होंठों को अपने होंठों में रख कर चूसो। कभी ऊपर के होंठों को.. तो कभी नीचे के होंठों को..
इधर आंटी पर इतनी देर में किसी ने ध्यान नहीं दिया था तो वो अपनी ओर आकर्षण खींचने के लिए अपनी पैंटी उतार कर साड़ी ऊपर करके अपनी चूत सहलाने लगी।
मैं नीलम चाची को घूरता रहता था, मेरी नज़र कभी उनके चूचों की घाटी.. साड़ी के पल्लू के बीच में से उनकी नाभि.. या फिर उनके उठे हुए चूतड़ों पर टिकी ही रहती थी। मैं उनके हुस्न के ख़यालों में खो जाता..
मैंने मैडम के घर पहुँच कर का गेट खटखटाया.. थोड़ी देर बाद मैडम ने दरवाजा खोल दिया। इस वक्त मैडम एक नाइटी में थीं। मैडम के आम लटक रहे थे..
मैंने दोनों को एक साथ आलिंगन में लिया और बारी बारी से उन दोनों को लबों पर चूमा और फिर उनके मम्मों को चूमा एक एक कर के और उनके गोल गुदाज चूतड़ों पर हाथ फेरे।
इतना मज़ा तो हम दोनों होटल में भी नहीं करते जितना आज यहाँ कर रहे हैं। भैया और भाभी दोनों इतने कमाल के होंगे, मैंने कभी सोचा भी नहीं था। इनके खेल में मैं दो बार गीली हो चुकी हूँ।