गाँव की मस्तीखोर भाभियाँ-2
रसीली भाभी अपना ब्लाउज खोल कर मुझे अपनी चूचियों से दूध पिलाने लगी। फ़िर मैंने भाभी को चूत के दर्शन करवाने को कहा तो भाभी ने अपना पेटिकोट उठा दिया।
हिंदी सेक्सी स्टोरीज जानबूझ कर अंग प्रदर्शन नंगी चूची, नंगी बुर, शरीर दिखा कर उत्तेजित करने व सेक्स के लिए लुभाने की कहानियाँ
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रसीली भाभी अपना ब्लाउज खोल कर मुझे अपनी चूचियों से दूध पिलाने लगी। फ़िर मैंने भाभी को चूत के दर्शन करवाने को कहा तो भाभी ने अपना पेटिकोट उठा दिया।
मैं अपने गाँव गया तो चाचा की बहुएँ यानि मेरी भाभियाँ मुझसे खूब मज़ाक करने लगी. उनकी बातें द्विअर्थी व अश्लील लग रही थी. जब भाभी मुझे तालाब पर नहाने ले गई तो!
आपी की जांघों में लन्ड रगड़ने से उन्हें मज़ा आने लगा और वो खुद लन्ड पकड़ कर अपनी चूत के मुंह पर रखने लगी। तभी आईने में आपी को ऐसा दिखा कि वो मुझसे चुद रही हों।
मेरी छेड़छाड़ से आपी गर्म होकर अपने कमरे में हाथ से मज़ा लेने लगी। रात को हमारे कमरे में आई तो एकदम नंगी हो कर अपने नंगे बदन को शीशे में जो देखना शुरू किया तो…
मेरी बीवी को खुले स्थान पर चुदाई करने का शौक है, वो चाहती है कि हम पार्क, सुनसान सड़क, सिनेमा, खुली छत, पड़ोसी की छत, जहाँ पकड़े जाने का डर हो, वहाँ चुदाई करें
अपने घर में एक कमसिन नई नौकरानी देख मेरा मन डोल गया, उसे पटाने के लिए मैंने उसे अपना खड़ा लंड तब दिखाया जब वो सुबह चाय लेकर आती थी. उसकी सील तोड़ने की कहानी…
भाभी की चुदाई के बाद भाभी ने मुझे बताया कि वो मुझे चाहने लगी है लेकिन अपने पति के शक से डरती हैं। भाभी मुझे रोज फ़ोन करने लगी और एक दिन हम तीनों घूमने गए।
मेरी मकान मालकिन अकेली रहती थी। एक दिन हम दोनों बाइक पर बाजार से लौट रहे थे कि बारिश आ गई तो आन्टी ने रुकने से मना किया, कहा कि आज भीगने का मन कर रहा है।
पड़ोसन पर्दानशीं लड़की ने मुझे मिलने बुलाया। वो वो सब करके देखना चाहती थी जो उसकी हमउम्र लड़कियाँ करती हैं सिवाये कौमार्य को खोने के! तो क्या हुआ हमारे बीच?
आपकी रंजना की नई चुदाई ट्रक ड्राईवर ने अपने मालिक और उसके दोस्त से करवाई... मैं भी एकदम से तैयार हो गई थी उनसे चुदाने को... कहानी में पढ़ें कि कैसे उन्होंने मुझे चोदा.
लखनऊ में मैं अकेला रह रहा था कि दो पड़ोसी लड़कियों से लगभग साथ साथ ही नजरें लड़ी! एक घर के सामने एक दफ्तर में काम करती थी तो दूसरी पड़ोस के घर की पर्दानशीं थी.
मैंने अपनी बहन के हसीन उभारों को देखा और अपने दोनों हाथों में आपी के उभार पकड़ कर दबाए और निप्पल को सहलाने के फ़ौरन बाद ही अचानक से आगे बढ़ कर आपी का खूबसूरत गुलाबी निप्पल अपने मुँह में ले लिया।
मैंने लंड बाहर निकाला और पिचकारी पिच पिच… सलोनी ने खुद घूम कर मेरे लंड को हाथ से पकड़ा, दरवाज़े की तरफ़ देखते हुये मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे साफ करने लगी।
शाम को जब छत पर अंकल मेरे साथ छेड़छाड़ कर रहे थे, मैं उनकी गोदी में थी, मेरे चूतड़ों में सख्त सा लगा, उस वक्त कोई और था नहीं, हम दोनों ही थे… मैंने पूछ ही लिया- यह मेरे चूतड़ों में क्या चुभ रहा है?
सुमन के मुँह से चुदाई की बात सुन कर मैं थोड़ा चौंक गया और सुमन ने कहा- मैं तो कब से इस टाइम का वेट रही थी कि कब मेरे पति घर पर ना रहें और तुम्हें बुला कर तुम से चुदूँ।
मुझे अपनी बड़ी साली गुड्डी के घर जाने का मौका मिला। दूध जैसा गोरा बदन, सुंदर चेहरा, 38 या शायद उस से भी बड़े साइज़ का ब्रा पहनती होगी। मेरा ध्यान बरबस ही उसकी विशाल छातियों की तरफ चला जाता!
आपी का जिस्म… कमर से थोड़ा नीचे से साइड्स से उनकी कूल्हे बाहर की तरफ निकलना शुरू हो जाते थे और एक खूबसूरत गोलाई बनाते हुए रानों की शुरुआत पर वो गोलाई खत्म हो जाती थी।
यह कहानी मेरी भाभी और मेरी है. भाई की व्यस्तता ने भाभी को मेरे करीब ला दिया. मैं भी उनके साथ कुछ मस्ती के ख़्वाब लेने लगा. मुझे पता नहीं था कि मेरी भाभी भी कुछ ऐसा ही सोच रही थी।
चचा सलोनी के पैरों से निक्कर निकाल रहे थे लेकिन उनकी नज़र सलोनी की दोनों नंगी टांगों के जोड़ पर थी। और इस समय सलोनी के बदन का सब से खूबसूरत हिस्सा… वो तिकोन!
सलवार का ऊपरी किनारा वहाँ पहुँच गया था.. जहाँ से आपी के कूल्हों की गोलाई शुरू होती थी। सलवार थोड़ा और नीचे हुई.. तो उनके खूबसूरत शफ़फ़ और गुलाबी कूल्हों का ऊपरी हिस्सा और दोनों कूल्हों के दरमियान वाली लकीर नज़र आने लगी।