डॉक्टर ने मेरी कुंवारी मौसी को चोदा- 1
(Xx Mausi Hot Kahani)
Xx मौसी हॉट कहानी में मेरी कुंवारी मौसी हमारे साथ ही रहती थी. उनकी शादी की उम्र निकल चुकी थी. वे मुझे अपनी चूचियां, निप्पल चुस्वाकर अपनी वासना का इलाज करती थी.
फ्रेंड्स, मैंने आपको इस सेक्स कहानी से पहले की कहानी सुनाई थी, जिसमें एक डॉक्टर ने मेरी मम्मी की चुदाई की थी.
उसकी लिंक नीचे दे रहा हूँ. प्लीज एक बार उसे जरूर पढ़ें.
उपरोक्त सेक्स कहानी में आपने पढ़ लिया था कि कैसे डॉक्टर ने मेरी मम्मी की गांड मारी थी.
उसके बाद से डैड के न होने पर वह डॉक्टर अक्सर मेरे घर आता और रात भर मम्मी के मजे लूटता.
अह आगे की Xx मौसी हॉट कहानी पढ़ें.
मम्मी दो बहनें हैं.
बड़ी मौसी ने अब तक शादी नहीं की.
मम्मी उनसे छोटी हैं.
मौसी आशा कार्यकर्त्री हैं और अक्सर घर घर जाकर प्रसव सम्बन्धी जानकारी देती हैं.
ग्रामीण घरों में औरतें अपने जैसी औरतों में सहज होती हैं, इसलिए मौसी अक्सर साड़ी ही पहनती हैं.
अब आते हैं उनके फिगर पर.
मौसी की 42 साल की अवस्था में उनके स्तन ऐसे लगते थे मानो ब्लाउज फाड़ कर बाहर ही आ जाएंगे … और चूतड़ तो जैसे चलते वक्त एक के ऊपर चढ़ से जाते हों.
मौसी को मम्मी से एक बार कहते हुए मैंने सुना था कि एक घर में सर्वे के दौरान एक हरामी ने उनके स्तन खूब मसल डाले थे.
और एक दिन रास्ते में जब उसने मौसी से छेड़खानी की, तब उन्होंने शिकायत करके उसे हवालात में अन्दर करवा दिया था.
मौसी की शादी न होने का एक कारण उनका रोग था, जिसमें कभी कभी वह अचानक से बेहोश होकर अकड़ने लगतीं और उन्हें घंटों बाद होश आता.
मौसी हमारे यहां इसी के अच्छे इलाज के लिए आयी थीं.
इसी बीच पापा के दोस्तों ने छुट्टियों के चलते री-यूनियन का प्लान बनाया और मम्मी को उनके साथ जाना पड़ा.
घर में मैं और मौसी रह गए थे.
एक दिन डॉक्टर साहब घर आए तो उन्होंने मुझसे मम्मी के बारे में पूछा कि उनका नम्बर क्यों नहीं लग रहा है?
तो मैंने बताया कि वे शहर से बाहर हैं.
डॉक्टर साहब ने मौसी को देखकर उनका परिचय पूछा.
तो मैंने बताया कि ये मेरी मौसी हैं. इलाज के लिए शहर आई हैं!
उसने मौसी से बीमारी पूछी और फिर अपने क्लीनिक आने को कहा और अपना कार्ड दिया.
डॉक्टर ने कहा- आपको जब आना हो, एक दिन पहले बता दीजिएगा या इसे भेज दीजिएगा.
मौसी ने ‘ठीक है’ कहकर डॉक्टर को विदा कर दिया.
अगले दिन मैं बाहर जा रहा था तो मौसी बोलीं- डॉक्टर साहब से मिलकर कल का समय ले लेना.
मैंने कहा- ठीक है.
जब मैं डॉक्टर के पास पहुंचा तो उस वक्त कोई नहीं था.
डॉक्टर बोला- यार, तेरी मम्मी कई दिन से मिली नहीं … और लौड़ा साला मान नहीं रहा … हरामजादी ऐसे समय में पता नहीं क्यों गायब हो जाती है. आने दो साली को … इस बार कुतिया को ऐसा पेलूंगा कि माँ की लौड़ी दो दिन तक चल ही नहीं पाएगी!
मैंने बेरुखी से कहा- मुझे मौसी के लिए आपकी अप्वाइंटमेंट लेनी थी?
मौसी का नाम सुनकर उसकी आंखों में चमक आ गई.
वह बोला- यार, तेरी मौसी तो तेरी मम्मी से भी मस्त माल लगती है! कल उसके बारे में सोचकर लंड ने पानी छोड़ दिया था. तू अगर कहे तो उसे पेल दूँ?
मैंने कहा- नहीं, मैं कोई दलाल वगैरह नहीं हूँ. आपने मम्मी को रात रात भर जमकर चोदा, मैंने कुछ नहीं बोला … मगर मेरी मौसी अब तक कुंवारी हैं.
डॉक्टर बोला- अरे वाह, फिर तो वह मेरे लंड से ही पूरी औरत बनेगी. बस तू मान जा!
मैंने जब ‘नहीं’ कहा तो वह बोला- बहुत मजा आएगा. क्या तू नहीं देखना चाहता कुंवारी औरत … अरे नहीं तेरी मौसी तो लड़की है … कुंवारी चुत की सील कैसे तोड़ते हैं? तेरी मम्मी को देख, कैसे मेरी रंडियों की तरह रहती है … और जब जब उसे मैं बुरी तरह से चोदता हूं न … तो चीखते चिल्लाते वक्त उसके अक्सर तेरी लंड सहलाते हुए परछाई दिख जाती है! तू अपनी मौसी को चुदते देख कर मुठ नहीं मारना चाहेगा?
मैं कुछ नहीं बोला.
तो डॉक्टर बोला- चल फिर डन रहा … कल ले आओ मौसी को. तुम्हारे घर की रंडियों का इलाज मैं अच्छे से करूँगा.
डॉक्टर लगातार मुझे जलील करने वाली भाषा बोलता रहता और मैं भी बिना किसी क्रोध के उसकी जलालत भरी बातों को सुनकर मजा लेता रहता.
मेरे घर में मौसी अब तक मुझे बच्चा ही समझती थीं.
कमरे में हम दोनों साथ ही सोते और सोते वक्त मौसी मुझे अपने से चिपका भी लेतीं.
अगर मैं उनसे दूर होता तो डांटकर कहतीं कि ज्यादा मर्दानगी चढ़ी, तो अभी एक झापड़ दूंगी हरामखोर. अभी बच्चा है और मम्मी मौसी से दूर भागता है. निप्पल चूसने की उम्र है तेरी, खुद को वहीं तक रख. बाप बनने की कोशिश न कर! अब चल इधर आ.
उनके प्यार जताने का ये तरीका था।
असल में मौसी मुझसे अपनी चूचियां चुसवाकर अपनी अन्तर्वासना पर काबू पाने का यत्न करती थी.
मौसी मम्मी से भी ज्यादा मुझे मानती थीं, इसलिए मम्मी के रहते हुए भी मुझे गले लगाकर खूब प्यार करतीं.
वे मम्मी से कहतीं- ये मेरा बेटा है, तेरा नहीं है.
मम्मी हंसतीं और कह देतीं कि तो ले जाओ और रखो अपने पास!
मौसी अब तक अपने स्तन सोते वक्त मेरे मुँह में डाल देतीं और खूब चुसवातीं.
फिर वैसे ही बगैर स्तन बंद किए मेरा सर अपने मम्मों के बीच रख कर मुझे सुला लेतीं.
मैं मौसी से डरता था इसलिए कुछ कह नहीं पाता था.
इस बार जब मैंने उनके स्तन चूसे और कई बार चूसे, तो पता नहीं क्यों रात को नाइटफॉल हो गया.
अगली रात फिर हुआ … और उसकी अगली रात फिर से.
मगर मौसी से कौन कह पाता. मुझे थका और सुस्त देखा, तो मौसी मेरे नहाते वक्त कल बाथरूम में ही आ गईं.
वे बोलीं- क्या हुआ मेरे लाल को!
मुझे प्यार करते करते वे फिर से मुझे अपने निप्पल चुसवाने लगीं और जब तक सामने थी, कुछ नहीं हुआ, जैसे ही गईं … मेरे लंड ने पानी फेंक दिया.
हद तो तब हो गई जब कल वे नहाकर कमरे में आयी थीं तो मेरे ही सामने उनका पेटीकोट नीचे सरक गया था.
उन्होंने पैंटी नहीं पहनी तो मैंने उन्हें पूरी नंगी देख लिया था.
उस वक्त मुझे फिर से बाथरूम में भागना पड़ा.
अब इतनी कातिल मौसी को कौन नंगी करके बेरहमी से चुदती नहीं देखना चाहेगा.
डॉक्टर तो मम्मी पर वैसे भी कई बार चढ़ चुका है.
अगले दिन डॉक्टर के यहां हम दोनों नियत समय पर पहुंचे, तब शाम हो चुकी थी.
डॉक्टर ने मौसी का रुटीन चेकअप किया और अपनी झूठी खुराफात के लिए मौसी को रोकना चाहा।
मगर मौसी शायद उसकी कामुक निगाहों को समझ गई थीं.
दरअसल डॉक्टर की मादरचोद आंखें अपने स्तनों की गहराई में धंसती देख कर ही वे उसका मंतव्य समझ गई थीं.
मौसी बोलीं- मैं कल फिर से आ जाऊंगी.
डॉक्टर मन मसोस कर रह गया.
अगले दिन सुबह फिर से हम दोनों गए और जल्द ही वापस लौट आए.
डॉक्टर ने जाते वक्त मुझे रोककर बोला- यार यह कुतिया तो भाव ही नहीं दे रही है? इसे कैसे काबू करूं … समझ में नहीं आ रहा!
मैं हंस दिया.
उसके दो दिन बाद मौसी शाम के वक्त खाना पीना खाकर सोने जा रही थीं कि अचानक गिर पड़ीं.
मैं घबराकर उनकी ओर गया तो देखा कि वे वहीं पड़ी हैं.
मैंने मम्मी को कॉल किया मगर उनका नंबर बंद था, पापा का भी नहीं लगा.
अंत में मैंने डॉक्टर को कॉल किया और वह भी घबराकर भागता हुआ आया.
अब तक मौसी वैसी ही पड़ी थीं.
उनकी भारी देह उठा पाना मेरे अकेले बस की बात नहीं थी.
मेरे सहयोग से डॉक्टर उन्हें उठाकर बेड पर ले गया और उसने उन्हें दवा वगैरह दी.
कुछ देर बाद मौसी को होश आया तो उन्होंने डॉक्टर को देखा और मुझे अपने पास बुलाकर धीरे से कहा- मेरा पल्लू सीने पर डाल, तुझे ध्यान रखना था!
अब तक डॉक्टर नॉर्मल पेशेंट की तरह मौसी से व्यवहा कर रहा था।
मगर जैसे मैंने मौसी की चूचियां ढक दीं, डॉक्टर मानो तिलमिला उठा.
मौसी ने डॉक्टर को फीस वगैरह देकर जाने को कहा।
मगर डॉक्टर बोला- अभी एकाध घंटे ही दवा का असर रहेगा … इसलिए दुबारा क्या दवा देनी है, उसके लिए मुझे रुकना पड़ेगा.
साढ़े ग्यारह का समय हो रहा था.
मौसी चुपचाप लेटी रहीं.
डॉक्टर ने मुझे बुलाकर कहा- देख यही सही मौका है, इस रंडी को चोदने का! अभी थकी है, सो जाएगी. उसके बाद मैं इसे आराम से प्यार करूँगा.
मैं कुछ नहीं बोला।
पर अन्दर मेरा लंड खड़ा हो गया था कि ये डॉक्टर मेरी कुंवारी मौसी के साथ भी वही हरामीपन करेगा जो पिछली बार मम्मी के साथ अपने केबिन में किया था.
मैंने डॉक्टर से कहा- मुझे देखना है। मगर और आप उनके साथ जबर्दस्ती नहीं करेंगे!
डॉक्टर बोला- बस पन्द्रह मिनट तुझे नाटक करना होगा … और उतने में मैं उसे अपनी गोद में ले लूंगा.
पर उसने ये नहीं बताया वह क्या करेगा.
उसने मुझसे केवल इतना कहा- जाकर उसके पास सो जा … और उसको बोल कि डॉक्टर दूसरे कमरे में सो रहा है.
मैंने यही किया और दवा देना था इसलिए दरवाजा बंद नहीं किया.
मैं मौसी के पास गया और लेट गया और हमेशा की तरह उन्होंने बांया स्तन निकाल कर मेरे मुँह से लगा दिया.
मैं बोला- क्या मौसी दूध वगैरह निकलता तो है नहीं, आप फालतू में अपने निप्पल को मेरे मुँह में डाल देती हो.
मौसी- हरामखोर दूध तो तूने अपनी मम्मी के स्तन का खूब पिया है, मैं तो तुझे बस प्यार से ऐसा करने को बोलती हूं.
मौसी ने अपने सीने में मेरा सर दबाया और सो गईं.
आधा घंटा बाद जैसे तैसे मैं बाहर सरक आया.
डॉक्टर गेट पर इसी का इंतजार कर रहा था.
मौसी की एक चूची ब्लाउज के बाहर थी, जो मुझे पिलाने के लिए उन्होंने निकाली थी; दूसरी एक ब्लाउज के अन्दर.
डॉक्टर ने अपनी शर्ट उतार दी थी।
मौसी के पास आकर लेट गया और सोती हुई मौसी की धीरे धीरे साड़ी निकाल दी.
पेटीकोट और आधे नंगे स्तन में मौसी के सांस लेने के क्रम में चूचियां ऊपर नीचे हो रही थीं.
डॉक्टर ने बाहर निकली मौसी की चूची में मुँह लगा दिया.
मगर उसकी सख्त जीभ के स्पर्श मात्र से मौसी जग गईं.
उन्होंने अपने ब्लाउज से एक बाहर निकली चूची और पेटीकोट में खुद को पाया और बगल में डॉक्टर को देखा।
तो मौसी अकबका गईं.
वे बोलीं- येएएए … क्या कर रहे तुम?
डॉक्टर बिना कुछ बोले उनके पीछे हुआ और उन्हें अपनी ओर खींच लिया.
ब्लाउज के अन्दर हाथ डाल दूसरी चूची भी निकाल डाली और पीछे से ब्लाउज के बंधन खोल कर मौसी के स्तन आजाद कर दिए.
अब मौसी केवल पेटीकोट में बची.
उन्होंने फिर से उससे पूछा- तुम मेरे साथ यह क्या कर रहे हो?
डॉक्टर बोला- वही, जो एक मर्द एक औरत के साथ करता है.
वह मौसी के कान के पास उनकी गर्दन पर अपने गाल रगड़ने लगा.
मौसी घबराकर मेरा नाम पुकारने लगीं और जब उन्हें मेरी आवाज नहीं आई तो वे उसे झटका देकर बाहर को भागीं.
केवल पेटीकोट में दौड़ते हुए उनके स्तन हवा में उछल उछल कर ऊपर नीचे हो रहे थे।
नीचे मैं सोफे पर बैठा मोबाइल में अन्दर का कांड देख रहा था.
दोस्तो, मेरी मौसी का मन उस डॉक्टर से चुदवाने का कैसे हुआ, यह आपको मैं सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगा.
तब तक आप मुझे अपने मेल जरूर करें और बताएं कि आपको यह Xx मौसी हॉट कहानी कैसी लग रही है.
[email protected]
Xx मौसी हॉट कहानी का अगला भाग: डॉक्टर ने मेरी कुंवारी मौसी को चोदा- 2
What did you think of this story??
Comments