दो गर्लफ्रेंडज़ के साथ उनकी सहेली भी चुदी- 1
(X Girlfriend Sex Story)
X गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरी पुरानी दोस्त मुझसे अब भी चुदती थी. एक दिन चुदाई के वक्त उसने कहा कि उसका ग्रुप सेक्स का मन हो रहा है.
दोस्तो, मैं आपका अपना प्रकाश सिंह आपकी सेवा में अपनी एक नई और सच्ची घटना के साथ पुनः हाजिर हूँ.
आपने तो मुझे पहचान ही लिया होगा.
मैं पहले भी अपनी सेक्स कहानी
ऊपर रहने वाली मेरे लंड नीचे आयी
के माध्यम से आपकी उत्तेजना के लिए काम कर चुका हूँ.
इस बार मुझे मानो खजाने का भंडार ही मिल गया था.
मेरी एक्स और मेरी वर्तमान गर्लफ्रेंड की चुदाई का मजा तो मुझे मिल ही रहा था, लेकिन इस बार उन दोनों हसीनाओं को एक साथ चोदने मजा मिला था.
और साथ ही एक और नई लड़की की चुदाई का मजा भी मिला जो आज से पहले मुझे कभी नहीं मिला था.
जैसे कि आपको शीर्षक से ही पता चल गया होगा और आपने अंदाजा भी लगा लिया होगा कि इस फ़ोरसम सेक्स से मेरे लंड की क्या हालत हुई होगी.
X गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी की शुरूआत किरदारों के परिचय से करते हैं.
मेरी एक्स जुगाड़ ऋतु, एक ऐसी गदर माल, https://www.antarvasna3.com/first-time-sex/school-ki-chahat/जिसके साथ सभी चुदाई करना चाहें. ऋतु 36-30-38 की फिगर वाली लौंडिया थी.
वो अपने मम्मों की साइज़ से कम नाप की यानि 34B की ब्रा पहन कर अपने मम्मों को संभालती थी. इससे उसके तने हुए मम्मे किसी भी मर्द के लंड को एक झटके में खड़ा कर देते थे.
किरदार नंबर दो यानि मेरी वर्तमान आइटम चंचल है, जिसने मेरे लिए अपनी 32 साइज के दूध की दुकान खोल रखी थी. वो अपनी दुकान में 32-28-34 साइज़ का सामान रखती थी.
तीसरा किरदार एक ऐसा माल है, जिसने मेरा सारा संसार मोह रखा था. उसका नाम रुचि है. एक ऐसी कमसिन और कुंवारी लौंडिया, जिसके मदमाते हुस्न पर सब दिल आ जाए.
रूचि एक ऐसी बला थी, जिसका फिगर 34-28-36 का था.
वो अपनी तनी हुई चूचियों और उठी हुई गांड से सबका लंड खड़ा करने में एकदम परफेक्ट जहर की पुड़िया थी.
एक दिन मैं X गर्लफ्रेंड से सेक्स कर रहा था.
तभी ऋतु ने कहा- प्रकाश या,र इस तरह से सेक्स में थोड़ा मजा कम आ रहा है, कुछ नया ट्राई करें क्या?
मैंने पूछा- क्या नया?
उसने कहा- क्यों न थ्रीसम ट्राई करें!
मैंने लंड चुत के अन्दर तक पेलते हुए कहा- मैं तो तैयार हूँ लेकिन तीसरी लड़की कहां है?
ऋतु चुटकी लेते हुए बोली- अबे यार, मैं तो तीसरे की यानि किसी लड़के की बात कर रही थी.
ये कह कर वो हंस पड़ी.
मैं तीसरे लड़के की बात सुनकर थोड़ा मायूस हो गया और उदास मन से चिढ़ कर बोला- तो बुला ले अपने बॉयफ्रेंड को … एक साथ चोद लेंगे और दोनों मिल कर तेरी गांड और चुत का कीमा बना देंगे.
इस पर उसने गांड उचकाते हुए कहा- अरे यार, तेरी तो झांटें सुलग गईं … मैं तो तेरी गर्लफ्रेंड की बात कर रही थी. लड़के का नाम सुनते ही तेरी तो मोमबत्ती ही बुझ गई.
मैंने खुश होकर उससे कहा- वो कभी नहीं मानेगी.
ऋतु ने कहा- मानेगी कैसे नहीं, मैं बुलाती हूँ अपने रूममेट चंचल को.
चंचल ऋतु की पुरानी रूममेट थी.
मैं हामी भरी तो ऋतु ने चंचल को कॉल किया और मिलने बुलाया.
चंचल ने कहा- ठीक है आधे घंटे में आती हूँ.
मुझे चंचल के आने से एक अनजाना सा डर लग रहा था लेकिन मैं ऋतु की लगातार चुदाई किए जा रहा था.
तभी ऋतु ने मुझसे कहा कि तू अभी यहां से निकल, मैं तुझे कॉल करके बुलाऊंगी, तब तू आ जाना.
मुझे ऋतु का प्लान कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन मन ही मन खुश था कि दो लड़कियां एक साथ चोदने का नसीब जाग रहा है.
खासकर अपनी पुरानी और वर्तमान जुगाड़ को एक साथ चोदने का मौक़ा लोगों को बहुत कम मिलता है.
मगर मैं लकी डॉग साबित होने वाला था, जो मुझे आज मिलने वाला था.
मैं ऋतु की चुदाई करके उठा और बाहर निकल आया. अब ऋतु और मैं कॉल पर बने हुए थे.
मैं फोन चालू करके उसकी आवाज सुनने लगा था, जबकि ऋतु ने मेरा मोबाइल रिसीव करके उसे स्पीकर पर छोड़ दिया था.
कुछ देर बाद चंचल अपनी सहेली रुचि के साथ ऋतु के रूम पर आ पहुंची. चंचल के साथ रूचि के आने का अंदाजा न तो ऋतु को था और न ही मुझे.
हम दोनों को लगा कि आज तो सभी किए कराए पर पानी फिर गया.
मुझे भी लगा अब तो मुठ मारना ही एक रास्ता बचा है. दो के चक्कर में एक की ढंग से चुदाई करना भी नसीब नहीं हुई.
मगर मेरी किस्मत को आज कुछ और ही मंजूर था.
ऋतु ने चंचल से कहा- यार. मुझे आज सेक्स करने का बड़ा मन हो रहा था और मेरा ठोकू आज शहर से बाहर है. इसलिए तुझे बुलाया था ताकि तू मेरी कुछ हेल्प कर दे, लेकिन तू तो एक और को साथ ले आई.
इस पर चंचल का मन भी बैठ गया शायद उसका भी लंड लेने का दिल कर रहा था.
फिर भी उसने ऋतु से कहा- दीदी, आपसे मेरी जैसे बात होती है, वैसे ही मेरी बात रुचि से भी होती है. जब मैं प्रकाश से चुदने जाती हूं तो कई बार ये भी मेरे साथ जाती है. लेकिन इस बात की भनक मैंने आज तक प्रकाश को लगने नहीं दी.
चंचल की ये बात सुनकर सच में मुझे धक्का लगा कि साली कुतिया बड़ी कमीनी निकली.
भैन की लौड़ी ने मेरा नाम ले दिया.
तभी शायद चंचल को लगा कि उसने ऋतु से ये क्या बात कर दी. दीदी के सामने प्रकाश का नाम ले लिया.
तभी ऋतु ने कहा- अच्छा … तो प्रकाश भी तेरी ठीक से चुदाई करता है! उस साले ने तो कभी मुझे छुआ ही नहीं. मैं तो उसे भोग ही नहीं पाई. तेरी किस्मत अच्छी है चंचल.
ये बोलकर ऋतु ने थोड़ा रुक गयी. मैं सोचने लगा कि ये ऋतु क्या कह रही है. मुझसे तो साली ने कहा था कि वो चंचल को थ्री-सम सेक्स के लिए बुला रही थी.
मैं इधर फ़ोन में लगातार उनकी बातें सुन रहा था फिर उसकी प्लानिंग समझते ही मैं मन ही मन ऋतु की तारीफ करने लगा था कि वाह मेरी जान क्या जाल बिछाया है.
फिर दूसरे फोन से मैंने चंचल को फ़ोन किया और उससे पूछा- तुम कहां हो?
उसने कहा- मैं रूम में हूँ.
मैंने कहा- यार, मुझे आज बहुत मन कर रहा था, क्या मैं तुम्हें लेने आऊं या हमेशा की तरह तुम खुद आ जाओगी?
उसने बिना कुछ बोले फ़ोन रख दिया.
लेकिन जो तीर मैंने और ऋतु ने लगाया था, वो सही निशाने पर लग गया था.
अब चंचल ने ऋतु से पूछा- दीदी, क्या आप प्रकाश से चुदना चाहती हो?
ऋतु ने नाटक करते हुए कहा- नहीं, मैंने ऐसा कब कहा?
चंचल ने कहा- अरे बोलो न दी, आपको चुदना है क्या?
ऋतु- मुझे प्रकाश से नहीं चुदना है लेकिन आज मन तो है चुदने का!
इस पर चंचल ने कहा- तो दी, प्रकाश से ही चुद लो न … वैसे भी पहचान का भी है और आपका पुराना बॉयफ्रेंड तो था ही.
इस पर ऋतु ने कहा- प्रकाश इस बात पर राजी नहीं होगा.
चंचल ने कहा- उसकी चिंता आप न करो, उसे तो मैं मना लूंगी. बस आप अभी रूम में कहीं छुप जाइए. आज बड़ा अच्छा संयोग है कि रुचि को भी चुदना ही था … तो आज हम तीनों प्रकाश से ही क्यों न चुद लें.
ये सब बातें मैं पहले वाले फोन से सुन रहा था. मेरे लंड में तूफ़ान आने लगा.
तभी चंचल ने मुझे दुबारा कॉल किया- क्या आप अभी मेरे पास आ सकते हो?
मैंने पूछा- कहां और क्यों?
चंचल ने कहा- आपको चोदना था न?
मैंने ‘हां ..’ कहा.
वो बोली- मैं अपनी एक सहेली के रूम पर हूँ … हम लोग तुम्हारा यहीं इंतजार कर रहे हैं.
मैंने उसे रोक कर पूछा- हम लोग … मतलब!
चंचल ने कहा- मैं और रुचि.
मैं- अरे यार रुचि रहेगी, तो मैं तुम्हें कैसे चोदूंगा?
चंचल ने हंस कर कहा- मेरी भोले बॉयफ्रेंड जी … मैं आपको हम दोनों को चोदने के लिए बुला रही हूँ. तो इसका कोई मतलब तो होगा ही.
मैंने पहले थोड़ी ना नुकुर की, फिर अंत में हां कह दी और पूछा कि मुझे एड्रेस भेज दो, मैं वहां आता हूँ.
चंचल ने कहा- यहां आपके लिए एक और सरप्राइज भी है.
मैंने पूछा- सरप्राइज … कैसा सरप्राइज?
चंचल ने कहा- आप आओ तो यार!
मेरे तो भाग खुल गए थे. मुझे दो की चाह थी और 3 छेद मिलने वाले थे.
जैसे ही मैंने फ़ोन काटा, उधर से ऋतु का कॉल आ गया- क्यों … तीन लड़की को संभाल लेगा न तेरा लंड … तीन चुत की सुनकर बहुत फुदक रहा होगा न!
मैंने ऋतु से कहा- थैंक्यू मेरी जान … मैं अभी आता हूं तेरी ठुकाई करने … तू तीन क्या … आज साली चार भी बुला ले तब भी मेरा लंड संभाल लेगा.
बस अब मैं निकल पड़ा.
ऋतु के कमरे पर आया तो देखा वहां उसका एक बेड ही बिछा था, जिस पर चंचल और रुचि एक दूसरे के मम्मों को दबा रही थीं और एक दूसरे के मुँह में उंगली डाल रही थीं.
मैंने हल्के से खुले हुए दरवाजे से सीन देखा और दस्तक दे दी. हालांकि दरवाजा पहले से ही खुला हुआ था.
दरवाजे पर दस्तक करते हुए मैंने कहा- ये सब क्या चल रहा है?
इस पर चंचल मेरे पास आई और मेरे लंड को पैंट के ऊपर से दबाते हुए मेरे होंठ से अपने होंठ को मिला कर किस करने लगी.
फिर बेड से रुचि आयी, उसने मेरे पैंट को नीचे कर दिया और लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.
लंड सहलाते हुए उसने लंड को सीधे अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
मैं खड़ा था, रुचि घुटने के बल बैठ कर मेरा लंड चूस रही थी और चंचल मेरे होंठ चूस रही थी.
इस प्रकार हम तीनों एक दूसरे को चूमने चाटने में लग गए थे.
फिर मैंने कहा- दरवाजा बंद कर लें और बेड पर चलें या यहीं सब कुछ करना है?
इस पर हम तीनों ने सहमति जताई और हम बेड पर आ गए.
चंचल मुझे किस किए जा रही थी. रुचि लगातार मेरे लंड से खेल रही थी.
रुचि ने लाल रंग की ट्रांसपरेंट ब्रा और पैंटी पहन रखी थी, तो चंचल ने भी काली ब्रा और पैंटी डाल रखी थी.
मैं उन दोनों के बीच में लेट गया. रुचि मुझे किस करने के साथ साथ मेरे लंड की मुठ भी मार रही थी.
कुछ देर बाद रुचि उठकर मेरे पेट पर बैठ गयी. मुझे समझ नहीं आया रहा था कि वो करना क्या चाह रही है.
तभी उसने अपनी ब्रा निकाल दी और मेरे सिर को अपने मम्मों के क्लीवेज के घुसेड़ दिया.
उधर चंचल नीचे मेरे लंड से खेल रही थी.
उसने मेरे लंड को चूसा और अंततः उसे पकड़ कर अपने चुत में सैट करके उस पर उछलने लगी.
इधर मैं रुचि के मम्मों चूस रहा था और उधर लंड से चंचल की चुदाई चल रही थी.
थोड़ी देर बाद रूचि ने अपनी गुलाबी शेव की हुई चुत मेरे मुँह के सामने परोस दी.
अब मुझे पता था कि वह क्या चाहती है.
मैं उसकी चुत चूसने लगा, वो वासना से कराहने लगी; साथ साथ उसने अपनी चूचियों को भी दबाना शुरू कर दिया.
ये देख कर चंचल मुड़ कर उसके मम्मों को दबाने लगी.
अब हम ऐसे ही एक दूसरे को चोद रहे थे.
कुछ देर बाद चंचल मेरे लंड से उतर गई और लंड चूसने लगी.
तभी अचानक मुझे याद आया कि मेरी जान ऋतु तो बाथरूम में छुपी है.
मैंने उसे भी शामिल करने के इरादे से चंचल से कहा- मुझे बाथरूम आयी है.
वो दोनों उठ गईं, उन्हें भी याद नहीं आया कि बाथरूम में ऋतु है.
मैं ऐसे ही नंगा गया और जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोला, मैंने चौंकने का नाटक किया.
इस पर दोनों मेरी ओर देखने लगीं.
तभी चंचल मेरे पास आई और उसने मुझे किस करना चालू कर दिया.
उसने कहा- यही तो आपका सरप्राइज था जानू!
मैं जानबूझ का भौंचक्का होने का नाटक कर रहा था, साथ ही बोल रहा था कि मैं इसे नहीं चोदने वाला. मैं जा रहा हूँ.
तभी ऋतु ने अपनी बिकनी उतार कर अपने मम्मों मेरे मुँह में डाल दिया और दबाने लगी.
वो दृश्य ऐसा लग रहा था मानो कोई मां अपने बच्चे को दूध पिला रही हो.
इधर मेरे मना करने के कारण रुचि की सूरत पर गम की घटा छा गयी थी.
मैंने उसकी तरफ देखा और ना नुकुर करते हुए ड्रामा करने लगा.
बड़ी देर बाद मैं उन तीनों को चोदने के लिए राजी हो गया.
क्योंकि सच कहूँ तो चंचल और ऋतु को तो मैं कई बार चोद चुका था पर रुचि को मैं पहली बार चोदने वाला था.
फिर क्या था जैसे ही मैं राजी हुआ कि उन तीनों ने मुझे ले जाकर कर बेड पर धकेल दिया.
अब रुचि मेरा लंड चूस रही थी और ऋतु मेरे शरीर से खेल रही थी. चंचल मुझे अपने दूध पिला रही थी.
रुचि का लंड चूसने का तरीका मुझे बहुत पसंद आया. वह बीच बीच में लंड की मुठ भी मारती थी और थूक डाल कर गीला भी करती थी.
कुछ ही देर में मेरा लंड पूरी तरह से तैयार हो गया था.
रुचि चुत खोल कर लेट गयी और साथ ही चंचल और ऋतु अपने में मगन हो गयी अर्थात वो दोनों एक दूसरे के मम्मों को दबा रही थी, तो कभी चुत में उंगली डाल रही थी … तो कभी एक दूसरे को चाट रही थी.
दोस्तो, थ्रीसम सेक्स कहानी का बाकी मजा आपको अगले भाग में लिखूंगा. आप मुझे मेल करना न भूलें.
आपका प्रकाश
X गर्लफ्रेंड सेक्स स्टोरी का अगला भाग: दो गर्लफ्रेंडज़ के साथ उनकी सहेली भी चुदी- 2
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