सेक्स के अनोखे रंग- 4
(Sexx Pleasure By Domestic Help)
सेक्स्क्स प्लेज़र डोमेस्टिक हेल्प कहानी में एक कपल ने एक हाउस कीपर रखी. मालिक से उसके सेक्स सम्बन्ध हो गए. एक बार उन्हें होटल में साथ रहने का मौक़ा मिला तो …
कहानी के तीसरे भाग
हाउस मेड चुद गयी मालिक से
में आपने पढ़ा कि रिया का पति अंकुर अपनी हाउसकीपर मीनू को चोद चुका था.
मीनू के ससुराल पक्ष से मीनू का हक़ दिलवाने के लिए अदालत में मुकदमा दायर हुआ तो जयपुर की कोर्ट में जाना था.
यह तय हुआ कि अगली तारीख से एक दिन पहले अंकुर मीनू के साथ जयपुर आयेगा, तभी बैठ कर बात होंगी और सहमति बनी तो अगले दिन कोर्ट में कागज जमा हो जायेंगे.
शनिवार को रिया की किटी थी.
एक दिन पहले रिया ने मीनू को बता दिया.
अब आगे सेक्स्क्स प्लेज़र डोमेस्टिक हेल्प कहानी:
मीनू दोपहर को बाजार गयी घर का सामान लेने तो वह अपने लिए हेयर रिमूवर क्रीम और स्ट्रिप्स भी ले आई.
रात को उसने अपनी चूत को मखमली कर लिया इस उम्मीद से कि शायद कल उसे अंकुर का साथ मिल जाए.
अगले दिन रिया दोपहर बाद अपनी सहेलियों के घर किटी में चली गयी.
उसे शाम 7 बजे तक लौटना था.
यह बात रिया ने अंकुर को सुबह ही बता दी थी.
रिया के जाने के बाद अंकुर का फोन मीनू के पास आया.
उसने पूछा- क्या कर रही हो?
मीनू बोली- आपका इंतज़ार!
अंकुर बोला- गेट खोलो, बाहर खड़ा हूँ.
मीनू चौंकी.
तो अंकुर हंसते हुए बोला- फ्रेश हो जाओ. मैं 5 बजे तक आ जाऊंगा.
मीनू मुस्कुरा उठी.
आज उसको फिर प्यार की नदिया में गोते लगाने को मिलेंगे.
वह किचन और घर का काम निबटा कर फ्रेश होने चली गयी.
साफ़ सुथरी होकर हल्का सा मेकअप करके मीनू ने कटलेट्स बना लिए अंकुर के लिए.
अंकुर साढ़े पांच ही आ पाया.
अंदर आते ही उसने मीनू को अपने से चिपटा लिया और ताबड़ तोड़ चुम्बनों की बरसात कर दी.
मीनू हंस कर बोली- दीदी ने रूम में कैमरा छिपा रखा है आपकी हरकतें देखने के लिए!
अंकुर हंस पड़ा.
मीनू ने उससे चाय बनाने के लिए पूछा तो अंकुर बोला- फ्रेश हो लूँ.
अंकुर ने बाथरूम से ही मीनू को आवाज दी- टॉवेल पकड़ा दो.
मीनू समझ गयी कि अब अंकुर बदमाशी करेगा.
उसने बड़े बचते हुए उसे टॉवेल पकड़ाया पर जैसा उसे अनुमान था, अंकुर ने उए अंदर खींच लिया और माय कपड़ों के शावर के नीचे खड़ा कर दिया.
मीनू बहुत चीखी कि दीदी आ जायेंगी.
तो अंकुर बोला- वह 7 से पहले नहीं आएगी.
अंकुर ने चूमते चाटते मीनू के सारे कपड़े उतार दिए.
जब उसका ध्यान मीनू की रेशमी चूत पर गया तो उसने पहले तो उंगली फिराई फिर नीचे बैठ कर जीभ घुसा दी.
मीनू कसमसा गयी.
अंकुर ने उसे नीचे झुकाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया और लगा धक्के लगाने.
मीनू को मजा नहीं आ रहा था.
उसने बड़ी हिम्मत करके अंकुर से कहा- यहाँ मजा नहीं आ रहा. मैं नीचे लेटती हूँ आप ऊपर आ जाओ.
मीनू नीचे टांगें फैला कर लेट गई और ऊपर से अंकुर ने लंड पेल दिया.
थोड़ी देर के धकापेल के बाद अंकुर को लगा कि उसका होने को है तो उसने मीनू से पूछा कहाँ निकलूं?
मीनू बोली- अंदर ही निकाल दें, आज सेफ है.
शाम को 7 बजते बजते रिया आ गयी.
अंकुर बाहर घूमने चला गया था.
मीनू ने डिनर तैयार कर लिया था.
दो दिन बाद अंकुर रिया और मीनू को जयपुर जाना था.
पर अगले ही दिन रिया की मां दो तीन दिन के लिए अचानक ही आ गयीं.
अब मजबूरी थी.
मीनू ने तो कहा- डेट ले लेते हैं.
पर उसके वकील ने कहा- लोहा गर्म है, इस समय सेटलमेंट हो सकता है तो डेट न लें.
अब फिर मजबूरी थी.
मीनू और अंकुर गाड़ी से जयपुर के लिए निकल गए.
रास्ते भर अंकुर मीनू को छेड़ता रहा.
उसने मीनू की सलवार नीचे कर के अपनी उंगली उसकी चूत में कई बार मसली.
चूमा चाटी तो रास्ते भर लगी रही.
जयपुर पहुंचकर वकील के चैम्बर में मीनू के ससुराल वालों से बातें शुरू हुईं.
4-5 घण्टों की मेहनत के बाद यह सहमती बनी कि वे लोग मीनू के नाम एक फ्लैट करेंगे और पच्चीस लाख रूपये की एफ डी करा कर देंगे और जो भी जेवरात मीनू के थे वह सब उसे कल ही वापिस लौटा देंगे.
ये सब मीनू के लिए एक सपना था.
वकील साहब ने दोनों पक्षों के हस्ताक्षर करवा कर कागजात बनवा लिए, कोर्ट में जमा करने के लिए.
अब रात को जयपुर में ही रुकना था.
अंकुर ने रिया से बात करीं.
मीनू तो कह रही थी कि मैं किसी परिचित के घर रुक जाऊंगी.
पर रिया ने राय दी- दो रूम बुक कर लेना होटल में.
अंकुर ने एक अच्छे होटल में एक रूम ही लिया.
मीनू ने उसकी ओर प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा तो अंकुर ने उसका हाथ आहिस्ता से दबा दिया.
पर मीनू ने उसे एक और ले जाकर कहा कि वह कमरे दो ही ले. चाहे फिर जैसे उसकी मन में आये वह करे.
अंकुर को भी बात समझ में आई तो उसने एक सिंगल रूम मीनू के नाम से अलग से ले लिया.
और यह अच्छा ही हुआ.
रूम में पहुँचते ही रिया का फोन मीनू के पास आया.
मीनू बहुत खुश थी.
उसने देर तक उससे बात की, सारी बात बतायीं और बता दिया कि अंकुर अपने रूम में होगा.
ये अंकुर से उसने तय कर लिया था कि मीनू रात को डिनर के बाद उसके रूम में आएगी.
रात को खाने के बाद दोनों अपने अपने रूम में चले गए.
रिया ने मीनू और अंकुर से अलग अलग बातें की दस बजे तक.
साढ़े दस बज करीब अंकुर ने मीनू को फोन किया और अपने कमरे में आने को कहा.
मीनू डरी भी कि कोई देख लेगा.
पर अंकुर ने उसे बताया कि उसका रूम तीसरी मंजिल पर है और लिफ्ट के बिल्कुल पास है और मीनू का रूम पांचवीं मंजिल पर है. तो बस मीनू आहिस्ता से तीसरी मंजिल पर आ जाए. उसे अंकुर मिल जायेगा.
मीनू डरी सहमी सी अंकुर के पास पहुँच गयी.
अंकुर उसे अपने कमरे में ले गया.
कमरे का डोर लॉक होते ही मीनू अंकुर से लिपट गयी और बोली- आपका यह अहसान मैं कभी नहीं भूलूंगी. आप जो कहेंगे मैं वो करुँगी.
अंकुर ने उसे चूमते हुए कहा- मैं ऐसा व्यक्ति नहीं कि काम के बदले अपना मेहनताना तुम्हारे जिस्म से वसूलूँ. अगर तुम्हें मेरा साथ अच्छा लगता है तो तुम मुझे प्यार दो, वर्ना कोई बात नहीं.
मीनू चिपक गयी कस के अंकुर से … और बोली- नहीं, आप बहुत अच्छे इंसान हैं. मैं दिल से आपको प्यार करती हूँ.
अंकुर मीनू को बेड पर ले गया और दोनों के कपड़े प्याज के छिलके की तरह उतर गए.
अंकुर ने बेड पर लेट कर मीनू को अपने आगोश में छिपा लिया.
वे दोनों एक दूसरे को बहुत शिद्दत से चूम रहे थे.
मीनू आज समा जाना चाहती थी अपने आशिक के आगोश में!
आज उसका प्यार सिर्फ वासनात्मक ही नहीं था, उसमें समर्पण भी था.
दोनों को आज रात किसी का डर भी नहीं था, कोई जल्दी नहीं थी.
अंकुर मीनू के मांसल मम्मे पकड़ कर एक एक करके चूम रहा था.
मीनू का हाथ भी नीचे हुआ तो उसके हाथ में अंकुर का लंड आ गया.
अंकुर का लंड बहुत मचल रहा था.
तो मीनू ने उसे मसलते हुए अंकुर से कहा- आपका पपलू तो बहुत शैतानी कर रहा है. इसे पकड़कर कमरे में बंद कर दूं?
अंकुर मुस्कुरा दिया.
मीनू नीचे सरकी और अंकुर के लंड को मुंह में ले लिया और दबाव बनाते हुए उसे चूसने लगी.
अंकुर को रिया का लंड चूसना याद आ गया.
वह भी लंड को बार बार मुंह से निकालती हाथ से मसलती और फिर मुंह में ले लेती.
पर रिया के चूसने में ख़ास बात यह थी कि उसके मुंह-जीभ का दबाव ऐसा था लंड पर कि अंकुर कसमसा गया.
उसे लगने लगा कि मीनू तो इसे मुंह में ही छुड़वा कर मानेगी.
तब अंकुर ने मीनू को अलग किया और उसके ऊपर आ गया.
मीनू की टांगें ऊपर करके अंकुर ने चौड़ायीं और पहले तो नीचे झुककर उसकी चूत को चाटते हुए उस पर ढेर सारा थूक लगा दिया और फिर अपना लंड चूत के मुंहाने पर रख कर अंदर पेल दिया.
अंकुर का झटका तेज था, मीनू हल्की सी चीखी और बोली- थोड़ा आराम से सर … मेरी आदत ख़त्म हो गयी है.
तो अंकुर मुस्कुराया और बोला- अब आदत डाल लो.
मीनू मुस्कुरायी.
और इधर अंकुर ने धक्के शुरू कर दिए.
अब उसने मीनू के मम्मे पकड़े हुए थे और पूरी गहराई से चुदाई कर रहा था.
अंकुर ने आज मम्मों पर इतना जोर लगाया था कि मीनू को तो दर्द होने लगा था.
उसके दोनों मम्मे लाल हो गए थे.
पर वह आज रात वह चरमसुख देना चाहती थी अंकुर को.
अब मीनू ने अंकुर से ऊपर आने की रिक्वेस्ट की तो अंकुर नीचे हो गया.
मीनू ने उसके ऊपर चढ़ कर खूब धकापेल मचाई.
आज अंकुर को यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसके बिस्तर पर वही औरत है जो कुछ महीने पहले रोती हुई उसके बैंक आई थी.
आज कोर्ट में जीत की दमक मीनू के हर अंग से आ रही थी.
उसकी चुदाई देख कर अंकुर समझ सकता था कि कितनी जिंदादिल जिन्दगी उसने जी है.
खैर, रात के 1 बजे तक दोनों का सेक्स्क्स प्लेज़र धमाल चलता रहा.
अंकुर ने अभी आज चुदाई के दो सेशन लगाए.
मीनू ने उसे पूरा थका कर निचोड़ा.
पर अब दोनों पस्त हो गए थे तो नंगे ही आपस में चिपक कर लेट गए.
आज भी मीनू के कहने पर अंकुर ने सारा माल उसकी चूत में ही निकाला.
पूछने पर मीनू बोली- आपकी लाई हुई दवाई लाई हूँ अपने साथ, वह ले लूंगी.
सुबह 4 बजे करीब मीनू को वाशरूम जाना था तो वह उठी और अंकुर को जगाकर कपड़े पहन कर वापिस अपने रूम में आ गयी.
अगले दिन कोर्ट का काम निबटाते निबटाते दोपहर हो गयी.
कोर्ट ने पन्द्रह दिन का समय दिया उसके ससुराल वालों को फ्लैट के कागज और एफ डी बनवाने के लिए.
जेवर वे लोग साथ लाये थे जो उन्होंने मीनू को दे दिए.
जयपुर से लौटते में रिया का फोन आया कि अमेरिका में उनकी बिटिया रीना की तबियत खराब है एक हफ्ते से!
और टीना चाहती है कि रिया कुछ दिनों के लिए वहां आ जाए.
तो रिया चाहती है कि वह एक महीने के लिए अमेरिका चली जाए.
उन दोनों के पास वीसा था ही.
रास्ते में अंकुर ने मीनू को चूमा और पूछा कि उसे बुरा तो नहीं लग रहा कि अंकुर उसके साथ बार बार सेक्स करता है.
मीनू बोली- वैसे तो मैं ऐसी लड़की नहीं थी कि पति के अलावा मुझे कोई और छू पाता. पर रिया और अंकुर ने जिन्दगी के इसे मोड़ पर उसका साथ दिया है जहां उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई और रास्ता नहीं था.
आगे मीनू बोली- आज अगर वह कुछ भी करके अंकुर और रिया के काम आ सकती है तो उसकी खुशकिस्मती होगी.
उसने यह भी स्वीकारा कि उसे खुद सेक्स का बहुत शौक था और अंकुर का साथ उसे बहुत अच्छा लगता है.
बस मन में यही चोर है कि वह दीदी से धोखा दे रही है.
अब अंकुर बोला- तुमसे कुछ बात करनी है. तुम तो ये जानती ही हो कि रिया अब मां नहीं बन सकती. तो हम दोनों की यह ख्वाहिश है कि अगर तुम यानि मीनू मेरे यानि अंकुर के बच्चे को जन्म दो और फिर वह बच्चा तुम हमें दे दो. तो हम दोनों तुम्हारा का एहसान मानेंगे. रिया नहीं चाहती कि समाज में बाद में किसी को यह मालूम पड़े कि इस बच्चे को रिया ने नहीं किसी और ने जन्म दिया है. इसलिए रिया चाहती है कि तुम मुझसे गर्भधारण करो.
उसने आगे बताया- हम तीनों एक कानूनी एग्रीमेंट बनायेंगे. पर किसी को यह बात नहीं मालूम पड़नी चाहिए. यह बात सिर्फ हम तीनों के बीच या रिया की मां के बीच रहेगी. रिया की मां इसलिए क्योंकि तुम्हारे गर्भधारण के बाद हम सब कहीं दूर 3-4 महीनों के लिए चले जायेंगे और वहां से तुम्हारी डिलीवरी के बाद ही लौटेंगे. तुम जिन्दगी भर उस बच्चे की मौसी बनकर उसे पालना. इस तरह हमारा घर भी पूरा हो जाएगा क्योंकि वह बच्चा होगा तो मेरा ही और तुम्हें भी अपने बच्चे को पालने का मौक़ा मिलेगा जिन्दगी भर! सोच लो। रिया की इसमें सहमति है. उसे मेरे तुम्हारे सम्बन्ध के बारे में कुछ नहीं मालूम. और प्लीज़ कभी उसे बताना भी मत. वह तो आज रात या अमेरिका से आने के बाद तुमसे बात करेगी इस बाबत!
मीनू सोचती रही.
उसकी आँखों से आंसू बह निकले.
वह अपने को संभालती हुई बोली- सर, बस मेरा उस बच्चे को प्यार करने का हक कभी ख़त्म मत कीजिएगा, बाकी मुझे सब मंजूर है.
अंकुर ने गाड़ी एक साइड में रोकी और मीनू को गले लगा लिया.
रात तक दोनों घर पहुंचे.
सेक्स्क्स प्लेज़र डोमेस्टिक हेल्प कहानी का यह भाग आपको कैसा लगा?
अपनी राय मुझे बताइएगा.
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सेक्स्क्स प्लेज़र डोमेस्टिक हेल्प कहानी का अगला भाग:
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