मेरी गांड का कांड हो गया- 2

(Moti Gand Ki Chudai)

मोटी गांड की चुदाई कहानी में मैं दुविधा में थी कि रात में सोते हुए कौन मेरी गांड मार गया था जबकि मेरी छोटी बहन मेरे साथ सोती है. मैंने अपनी बहन से इस बारे में पूछा तो …

दोस्तो, मेरा नाम माया त्रिवेदी है. मैं अन्तर्वासना की पुरानी लेखिका हूं.
मेरी हाइट 5 फीट 2 इंच है और रंग मीडियम गोरा है.

मेरी फिगर साइज कुछ इस तरह से है. सीना 32 इंच, कमर 26 इंच और गांड 36 इंच की है जो कि बहुत बाहर निकली हुई है.
जब मैं गांड मटका कर चलती हूँ, तब जवान लड़कों की बात तो छोड़िए, बूढ़े आदमी भी चश्मा लगा कर गांड की थिरकन देखते हैं.

मेरी सेक्स कहानी का पिछला भाग
मेरी गांड का कांड हो गया
आप सबने पढ़ा था जिसमें मैंने आपको बताया था कि सपने में किशोर ने मेरी गांड मारी थी और मैं उससे अपनी गांड चुदवा कर सो गई थी.
पर जब मैं सुबह सो कर उठी और मैंने खुद को एक अजीब से दर्द से पीड़ित महसूस किया तो उठ कर खुद को आईने में देखा.
मैं हक्की बक्की रह गई क्योंकि मेरे स्तन एकदम लाल और सूज चुके थे.

फिर मैंने घूमकर अपनी गांड को आईने में देखा तो उसमें चिपचिपा सफेद पानी बह रहा था और मेरी गांड का छेद लाल लाल टमाटर सा हो गया था.

मैंने अपनी गांड में एक उंगली डाली तो वह आराम से चली गयी.
मैंने दो उंगलियां डालीं, वे भी चली गईं.

मैं स्तब्ध रह गयी कि मुझे सपना आया था कि हकीकत में कोई भोसड़ी का मेरी गांड मार गया?

अब आगे मोटी गांड की चुदाई कहानी:

दोस्तो, मेरे पूरे बदन में दर्द हो रहा था खासकर मेरे स्तन बहुत दर्द कर रहे थे और सिर भी दर्द कर रहा था.
मेरी गांड भी बहुत दर्द कर रही थी.

पर गांड का दर्द मैं आसानी से सहन कर सकती हूं क्योंकि वह मेरा सीक्रेट है … नहीं नहीं टॉप सीक्रेट है … वह मैं आपको नहीं बता सकती.

शायद आप सोच रहे होंगे कि मैंने गांड ज्यादा मरायी होगी और मेरी गांड मरा मरा कर फट चुकी होगी.
लेकिन ऐसा भी नहीं है.

चलो, मैं फिर कभी आपको मेरी गांड का टॉप सीक्रेट बताऊंगी.
इसके लिए मैं एक अलग सेक्स स्टोरी लिखूंगी.

मेरे घर में बदन दर्द, सिर दर्द और जुखाम आदि की दवा हमेशा रहती है.
मैंने बदन दर्द और सिर दर्द खत्म करने वाली गोली खा ली और आधा घंटा में दर्द बहुत कम हो गया.

मैं दर्द से निजात पाकर गहरी सोच में डूब गयी कि यह मेरे साथ क्या हुआ … क्या कोई भूत पिशाच मेरी गांड मार गया?

हालांकि मैं भूत प्रेतों में विश्वास नहीं रखती, भूत-वूत जैसा कुछ होता ही नहीं है.
मैंने कभी देखा भी नहीं, सब झूठ होता है.

परन्तु हां चूत का भूत देखा है और अगर आपको चूत का भूत देखना है तो कभी प्रोग्राम बनाइए और आकर मेरी चूत देख लीजिए … हा हा हा.

तो दोस्तो, मैं सोचने लगी कि आखिर ये हुआ कैसे!

मैंने बहुत सोचा और बार बार मेरी शक की सुई घूम घूमकर वर्षा की तरफ ही अटक जा रही थी.

मैं आपके समक्ष यह मेरी कहानी पेश करती हूं, थोड़ी लंबी है.

मेरे प्यारे दोस्तो, आप इस चुदाई की कहानी के अंत तक ध्यान से पढ़ेंगे तो मैं यकीन से कहती हूँ कि आपका रोम रोम ‘खड़ा’ हो जाएगा.

रुको, पहले मैं आपको मेरी बहन वर्षा के बारे में बता दूँ.
मेरी छोटी बहन वर्षा 18 वर्षीया है. उसका रंग रूप बेहद जानलेवा है.

वह मुझसे कई गुणा अधिक गोरी है.
हां उसकी लंबाई मुझसे थोड़ी कम है, वह खड़ी होती है तो मेरे कानों तक आती है.

वह पतली है और वह खुद को लड़की कम … लड़का ज्यादा समझती है.
मेकअप करने से उसे चिढ़ छूटती है.

वह अभी अभी जवान हुई ही है.
पांच छह महीने पहले तो उसका सीना बिल्कुल सपाट मैदान था पर अब उसके सीने पर चूचे चीकू जैसे उगने लगे हैं.

उसकी गांड मेरी तरह बाहर को नहीं निकली है, बस मीडियम सी है.

उसका फिगर भी कुछ खास तो नहीं है पर फिर भी बता दूँ कि 28 के चूचे, 26 की कमर और 28 इंच की ही गांड है.

वह अभी ग्यारहवीं में पढ़ती है और हर साल टॉप पर आती है.

दिन भर वह पढ़ाई करती रहती है और हॉट दिखने के अलावा हर बात में इतनी स्मार्ट है कि पूछो ही मत!
उसके लिए बोलूँ तो वह जीनियस है. उसकी नजरें बाज नजर जैसी तेज हैं.

इतने गुण होने के साथ साथ उसमें एक कमी भी है, वह मिलनसार नहीं है.
वह किसी से अच्छे से बात नहीं करती, थोड़ी अकड़ू टाइप की है.

वैसे तो वह कम बोलती है, लेकिन जब बोलती है तो जहर ही उगलती है … और एक खास बात यह कि वह खुद कभी भी कोई गलती नहीं करती लेकिन दूसरों की जल्दी ढूंढ लेती है.
सब उससे डरते हैं.

गुस्सा तो हमेशा उसकी नाक पर किसी ना किसी बात पर होता ही है.

दोस्तो, ये सब बताना जरूरी था ताकि आपको उसकी शक्ल सूरत और सीरत का पता लग जाए.

अब मुद्दे पर आते हैं.

मैं मन ही मन सोच रही थी कि क्या शायद वर्षा ने ही किसी लड़के को रात को मेरे रूम में आने दिया होगा?

शायद उसका किसी से चक्कर हो?
और वह लड़का मेरी मोटी मक्खन जैसी गांड देखकर फिदा हो गया हो … और उसने मुझे चोदने के लिए वर्षा को भी मना लिया हो!

ऐसे कई प्रश्नों से मेरा दिमाग घूमने लगा.
पर अगले ही पल विचार आया कि नहीं नहीं … वर्षा इतनी गिरी हुई हरकत नहीं कर सकती है.

वह ऐसा कर ही नहीं सकती.
कौन ऐसी छोटी बहन होगी, जो अपनी बड़ी बहन की गांड फड़वाना चाहेगी?

पर जो भी हो, यह शत प्रतिशत सत्य था कि कोई कमीना मेरी विरासत, मेरी प्यारी मक्खन जैसी गोल मटोल गांड को मार गया था.

पर सबसे बड़ा सवाल तो यह था कि रात को इतना कुछ हुआ और मुझे पता भी ना चला, भला ये कैसे हो सकता है?

क्या रात को में ऐसे बेसुध होकर सोती हूं कि कोई मेरे चूचे मसल मसल कर उन्हें सुजा जाए और मेरी गांड मार मार कर गांड को लाल टमाटर सी कर जाए!

और मुझे सुबह उठकर अपनी गांड से टपकते हुई वीर्य की बूंदों से पता चले कि माया तेरी गांड का तो कांड हो गया!

अब इन सब सवालों का जवाब वर्षा ही देगी.
उसे पता ही होगा क्या हुआ है!
आने दो वर्षा को!

दोपहर को एक बजे वर्षा की अपने स्कूल से छुट्टी होती है.

वर्षा घर आई तो मैं उसकी आंखों में घूरती हुई उसे एकटक नजर से देख रही थी.

उसने भी मुझे देखा और कहा- माया दीदी, खाना खाया क्या?
मुझे तो वह एकदम सामान्य लग रही थी.

उसने अपना बैग रखा और जल्दी से बोली- मुझे भूख लगी है मम्मी, खाना लगाओ … मैं चेंज करके आती हूं.

मैं बस वर्षा को देख रही थी.

वर्षा ने वापस आकर जल्दी जल्दी में खाना खाया और मम्मी से बोली- मम्मी हमारे स्कूल में गर्ल्स बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है. मैं अपनी सहेलियों के साथ बैडमिंटन टूर्नामेंट खेलने जा रही हूं.

यह कह कर वह उठी और घर से बाहर निकलने ही वाली थी कि तभी मैंने वर्षा को रोक लिया.
मैंने उससे कहा- मुझे तुमसे बात करनी है!

वर्षा जाते जाते पीछे मुड़कर मुझे बोली- अभी नहीं, शाम को करना … अभी मुझे देर हो रही है.
बस वह घर से बाहर निकल गयी.

मुझसे बात करने के लिए उसने अपना एक कदम भी नहीं रोका.

इस बात पर मुझे वर्षा पर इतना गुस्सा आया कि काश मैं लड़का होती तो अभी उस वर्षा की बच्ची को पीछे दबोचकर उसकी जीन्स में हाथ डालकर ऐसा खींचती कि उसकी 28 साइज की जीन्स और छोटी सी पैंटी उखाड़ लेती. उसकी गोरी गोरी गांड में बिना थूक लगाए अपना मूसल जैसा नकली लंड ऐसा पेलती, ऐसा पेलती कि उसको अपनी गांड में ऑपरेशन जैसा लगता.
उसे समझ पड़ता कि कोई डॉक्टर एक पतले से बाल जैसा इंजेक्शन गांड में ऊपर से घुसेड़ता है, तो चीख निकल जाती है … वैसे ही उसे समझ आता.

लंड तो वह इजेक्शन होता है, जो किसी लड़की को दिया जाए तो उसकी चूत से बच्चा निकल जाता है.
लंड का दर्द, लंड लेने वाली ही जान सकती है!

मैंने सोचा कि यह अकड़ू शाम को तो आएगी ही, तभी पूछ लूँगी कमीनी से.

शाम को वर्षा आयी.
शायद वह बेडमिंटन खेलते खेलते काफी थक गयी थी.

मैं दरवाजे के पास ही उससे मिली.
वह अन्दर आयी तो मैंने कहा- वर्षा अब तो तुम फ्री हो गई हो ना. मुझे तुमसे बात करनी है.
तो वह बोली- माया दीदी, यार मैं खेलती खेलती बहुत थक गई हूँ. रात को डिनर में बाद बात कर लेना.

यह कह कर वह नहाने चली गयी.
मैं फिर से मायूस हो गई.

फिर रात को हम सबने डिनर किया.
वर्षा और मैं सोने के लिए अपने कमरे में आ गईं.

मैंने अन्दर से दरवाजा बन्द किया और गुस्से में वर्षा से पूछा- वर्षा रात को हमारे रूम में कौन आया था?
वर्षा बोली- कौन आया था … मतलब?

मैं गुस्से से बोली- मेरे सामने भोली मत बन, सच सच बता कि रात को कौन था?
वर्षा भी गुस्से में बोली- कौन से मतलब … क्या हुआ है … तुम गोल गोल बात को घुमाओ मत दीदी, सीधा सीधा बताओ ना?

मुझे गुस्सा आ गया.
मैंने गुस्से से अपने कपड़े उतार फेंके और वर्षा को अपने सूजे हुए लाल लाल दूध दिखाए और पलट कर अपनी गांड का छेद दिखाती हुई उससे बोली कि कोई रात को मेरी कोई गांड मार गया और बेदर्दी से मेरे बोबे निचोड़ गया … बता वह कौन था?

वर्षा शांत होकर बोली- रात को तो हमारे सिवाए इस रूम में कोई नहीं आया दीदी!

“तू झूठ बोल रही है. तूने ही कोई बॉयफ्रेंड बनाया होगा, जिसको रात को मेरे सो जाने के बाद तूने बुलाया होगा. वह रात को तुझे चोदता होगा. चूंकि मेरे बोबे तेरे बोबे से कई गुणा बड़े हैं और तेरी गांड मेरी गांड से बहुत छोटी है … इसलिए शायद वह मेरी मोटी गांड पर फिदा हो गया हो … और तुमने भी उसको बोला हो कि मेरी बहन भी चुदक्कड़ है … उसे भी चोद लो … और वह मेरी गांड मार गया हो?”

वर्षा गुस्से से तिलमिला कर बोली- छी: … मुझ पर इतना बड़ा और झूठा आरोप लगाते तुमको शर्म नहीं आती दीदी! अभी भी कितनी गंदी सोच है तुम्हारी. मेरे बॉयफ्रेंड को पकड़ रही हो, जोकि है ही नहीं … आपके अनुसार उसको मेरी गांड छोटी लगी और वह तुम्हारी मोटी मस्त गांड मार गया! क्या तुम्हें बस इतना ही समझ आता जो हर वक्त मेरी गांड मेरी गांड पर ही लगी रहती हो! तेरी गांड सबसे सुंदर और बड़ी है! अपनी गांड पर इतना घमंड अच्छा नहीं!

यह कह कर उसने अपने नाईटसूट की पेन्ट उतारी और अपनी छोटी सी पेन्टी की पट्टी को उंगलियों से पकड़कर एक साइड में हटाकर बोली- ये देखो … मैंने कभी भी अपनी चूत के बाल तक साफ नहीं किए … और तुझे लगता है इस चूत को कोई लड़का चोदेगा? मेरी ऐसी चूत देखकर घिन से मर ही जाएगा! मुझे कोई शौक नहीं है कि मैं तेरी तरह अपनी चूत मरवाऊं या गांड फड़वाऊं. इन चीजों के लिए मेरे पास टाइम नहीं है. मुझे पढ़ाई में ही वक़्त नहीं मिलता … और हां मुझे ऐसा करना होता, तो मैं अपनी चूत को रोज एकदम साफ करके चिकनी करके रखती … समझी!

इतना बोलकर वर्षा ने एक लंबी सांस ली.

मैं उसकी बालों के गुच्छों से ढकी चूत को देख रही थी.
चूत का तो कहीं नाम निशान ही नहीं था. चारों तरफ बाल ही बाल थे मानो वर्षा की चूत बालों का अमेजन का जंगल हो!

वर्षा फिर से बोली- मुझ पर इतना गंभीर आरोप लगाते हुए तुम्हें शर्म नहीं आई? मैंने तो हमेशा तुम्हारी मदद की है. मैंने तुम्हारे कितने राज छुपाये हैं दीदी. मैंने हमेशा तुमहारे जख्मों पर मलहम लगाया है दीदी, मैं कभी भी तुमसे विश्वासघात नहीं कर सकती.
यह बोलते बोलते वर्षा का गला भर गया.

वह रोती हुई बोलने लगी- माया दीदी, मैं तुमसे इतना प्यार करती हूं कि तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे सकती हूँ.
यह कह कर वह मुझे गले लगा कर रोने लगी.

मैं बोली- कुछ भी हो वर्षा, पर मेरी गांड कोई मार गया है. तुम रोओ मत वर्षा … तुम्हें मेरी कसम है. सच सच बताओ क्या हुआ था रात को?
वर्षा थोड़ी शांत हुई और बोली- माया दीदी, तुमने अपनी कसम दी है इसलिए मुझे तुम्हें बताना ही पड़ेगा. पर तुम गुस्सा नहीं करोगी … तुम्हें मेरी कसम है!
मैं आतुरता से बोली- गुस्सा नहीं करूँगी … पर जो हुआ, वह बताओ तो सही?

वर्षा बोली- दीदी आज से एक महीने पहले जब पापा ने तुम्हारी पिटाई की थी, तब याद है … तुमने कसम खाई थी कि अब मैं किसी से नहीं चुदवाऊंगी. उसी कसम के चलते इतने समय से तुम्हारी चूत में लंड गया ही नहीं!
मैं बोली- तुम कुछ भी बोलो वर्षा, पर आज रात को मेरी चूत में ना सही … मेरी गांड में तो किसी का तो लंड गया ही है. मैं एकदम श्योर हूं वर्षा!

वर्षा बोली- दीदी, पहले पूरी बात सुनो तो सही!
मैंने कहा- सुनाओ!

वह बोलने लगी- दीदी तुम सुधर चुकी थी. अपनी कामवासना को काबू में कर चुकी थी. पर रात को तुम रोज नींद में बकवास किया करती थी कि आह हहह किशोर मुझे चोद डालो, आह हहह हहह मेरे चूचे निचोड़ दो … आहह मेरी गांड फाड़ दो … तुम अपने दोस्तों को भी ले आओ … कुछ भी करो बस मेरी प्यास बुझाओ. दीदी तुम क्या क्या बकती थीं कि मुझे वह सब बोलते भी शर्म आती है. तुम रात को नींद में ऐसी बकबक किया करती थीं कि क्या ही बताऊं!

मैं उसके मुँह से यह सब सुनकर शर्म से लाल हो गयी कि नींद में मैं ऐसी बकवास करती हूं.
तो मैं बीच में ही बोल पड़ी- अच्छा तो इसी लिए तुमने किसी से अपनी बहन की मोटी गांड की चुदाई करवा दी?

वर्षा थोड़ा गुस्सा, थोड़ा प्यार और थोड़ा सा मजाक मिक्स करके कहने लगी- रुको जरा, सबर करो! हर बात में जल्दी … सब्र नाम की भी कोई चीज होती है दीदी … और सब्र तो तुम में है ही नहीं! अपने ही मन में सब कुछ सोच लेती हो और मान भी लेती हो! दीदी खासकर मुझे तुम पर इस बात पर ही गुस्सा आता है कि तुम पूरी बात ही नहीं सुनती हो … और न ही समझती हो … पता नहीं तुम्हारी गांड में कौन सा कीड़ा है!

मैं भी झूठमूट का गुस्सा करके बोली- तो पूरी बात बताओ, मैं बीच में कुछ नहीं बोलूंगी!

वर्षा बोली- हां तो तुम रोज रात को ऐसे बक बक किया करती … और इसी बात से मुझे सोने में परेशानी होती थी. कई दिनों तक ऐसा चला … मैं तुम्हारी इस चुदाई भरी गंदी गंदी बक बक से पक चुकी थी!

दोस्तो, मेरी छोटी बहन वर्षा ने रात को मेरी गांड चुदाई को लेकर क्या खुलासा किया, इसे पढ़ने के लिए अपनी माया को भूलना मत. मैं अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में सब विस्तार से लिखूँगी.

मेरी मोटी गांड की चुदाई कहानी के लिए आप मुझे अपने विचारों से अवगत कराते रहें.
[email protected]

मोटी गांड की चुदाई कहानी का अगला भाग: मेरी गांड का कांड हो गया- 3

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