नादान लड़के का जवान लन्ड- 2
(Jawan Ladka Ki Pahli Chut)
जवान लड़का की पहली चूत मैं बनी. मुझे भी इस बात की ख़ुशी थी कि मुझे एक सीलबंद नया लंड मिला चूत मरवाने के लिए! ये सब कैसे हुआ? पढ़ें इस कहानी में!
कहानी के पहले भाग
चूत चुदाई की बेकरारी
में आपने पढ़ा कि मैं लंडखोर लड़की या भाभी हूँ. मेरी नजर पड़ोस में रहने वाले दो जवान भाइयों पर थी. उनमें से छोटे वाले ईशान को मैंने सेट भी कर लिया था और वीडियो कॉल पर उसे अपनी चूचियां दिखाकर उसे अपना शैदाई बना लिया था.
इसके बाद ईशान ने मुझे अपनी चूत दिखाने को कहा।
मैंने कहा- कि यह तुम्हारा सरप्राइज है और ये मैं बाद में दिखाऊंगी।
वह थोड़ा सा मायूस हुआ लेकिन फिर उसने मुठ मारना शुरू किया।
कुछ ही देर में वह झड़ने लगा।
हमारी बात खत्म हुई और मैंने वीडियो कॉल बंद करके उसे बाय कह दिया।
अब आगे:
उसे और उत्तेजित करने के लिए ही मैंने उसे अपनी चूत नहीं दिखाई थी।
तब उसे बाय करने के बाद मैंने भी अपनी चूत में उंगली डाल कर अपने आप को शांत किया।
अब बारी थी ईशान से चुदवाने की!
कुछ दिन तक हमें अच्छा मौका नहीं मिल रहा था।
इसी बीच मेरा ईशान के घर आना जाना बढ़ गया और अब ईशान भी मेरे घर आने लगा।
उसकी मम्मी जब मेरे यहां आती तो वह किसी न किसी बहाने से आ जाता।
मेरे सास-ससुर से भी वह बातें करता।
एक दिन मैं दोपहर को किचन में सफाई कर रही थी और अचानक ईशान पीछे से आकर मुझसे लिपट गया।
सास ससुर घर पर होने से मैं डर गई।
मैंने ईशान को चले जाने को कहा.
मगर वह आज सुनने वाला नहीं था।
उसने मेरे बूब्स पकड़कर मसल दिए।
मैंने उस वक्त एक पतला सा रेशमी गाउन पहना हुआ था।
बिना ब्रा के उसके हाथ का स्पर्श सीधे मेरे बूब्स पर होने का अहसास होने लगा जिससे मैं भी गर्म होने लगी।
मैंने झटक कर उसे अलग किया और चुपके से उसे अपने बेडरूम में ले गई।
आज ईशान के दिमाग पर मेरी चूत का भूत सवार था, तो मैं भी उसे निराश नहीं करना चाहती थी।
मगर सास ससुर का डर था मुझे!
कमरे में ले जाकर मैंने उसे समझाया- मैं सासू मां को बोलकर आती हूं, तब तक चुपचाप यहां बैठे रहना!
मेरा बेडरूम दूसरे माले पर था और सास ससुर नीचे ग्राउंड फ्लोर के कमरे में रहते।
मैं सासू मां के कमरे में गई और उन्हें बताया कि मेरे बदन में दर्द है तो मैं सोने जा रही हूं।
सासू मां ने ‘ठीक है’ बोल दिया।
अब सासू मां ऊपर आने की उम्मीद नहीं थी इसलिए मैं अब बेफिक्र होकर ईशान से चुदवा सकती थी।
मैं मेरे कमरे में गई।
मैंने टीवी चलाया और हल्का सा वॉल्यूम बढ़ा दिया ताकि कुछ आवाजें आई तो कोई प्रोब्लम ना हो।
अब मैंने ही खुद ईशान पर हमला बोल दिया; दरवाजा बंद करके मैं ईशान से लिपट गई।
ईशान टी शर्ट और जीन्स पहने हुए था।
मैंने उसे कस के पकड़ लिया।
पहले उसके माथे पर चूमा, फ़िर उसकी पलकों को, फिर उसके गालों पर आते हुए मैंने उसके होटों से होंट मिलाकर चुम्मी दी।
मैं उसके कानों पर चूमने लगी और जीभ से चाटने लगी।
अब मैंने उसकी शर्ट उतारी और उसके सीने पर जीभ फेरने लगी।
ईशान बिल्कुल अलग ही दुनिया में खो चुका था।
उसका बदन एकदम गर्म होने लगा।
यह उसका किसी औरत के साथ पहला रोमांटिक पल था।
उसके सीने पर छोटे छोटे बाल आने लगे थे।
मैंने उन पर जीभ फेरते हुए अब उसके निप्पल को मुंह में ले लिया।
ईशान एकदम से झनझना उठा।
अब मैंने उसकी चड्डी में हाथ डाल दिया।
उसका लन्ड एकदम कड़क होकर फनफना रहा था।
साथ ही उसके लन्ड से प्रीकम निकल रहा था जो मेरे हाथ में भी लग गया।
अब मैंने उसकी जीन्स नीचे सरका दी और नीचे बैठ कर उसके चड्डी के ऊपर से ही लन्ड को दांत से काट दिया।
ईशान एकदम कसमसा उठा।
“अंजू भाभी, मेरा बदन कांप रहा है, कुछ कीजिए।” ईशान बोल पड़ा।
मैंने कुछ कहे बिना चड्डी उतार दी और लन्ड को मुंह में भर लिया।
उसका लन्ड … हे भगवान! इतना गर्म था मानो मैंने कोई जलता हुआ कोयला मुंह में ले लिया।
उसे मैंने अपने थूक से गीला कर दिया और अब उसे चाटने लगी।
मैंने उसकी चमड़ी को पीछे करके उसका सुपारा मुंह में ले ही लिया कि ईशान जोर से कराहते हुए झड़ गया।
उसने मेरे सर को पकड़ कर अपने लन्ड पर दबा दिया और “भाभी, आई लव यू मेरी जान” कहते हुए पूरा मेरे मुंह में रस छोड़ने लगा।
मैंने चूसते हुए ही उसका सारा वीर्य पी लिया और उठकर उसे लिप लॉक कर के शांत कर दिया।
हम नंगे ही बेड पर बैठ गए। अब ईशान सामान्य हो गया। और मेरी बाहों में चिपक गया। मैंने उसे अपने सीने से लगा कर उसकी पीठ सहला दी जिससे उसकी धड़कने सामान्य हो गई।
मैं जोर जोर से हंस रही थी। और ईशान मुंह लटकाए बैठा था।
“क्या हुआ मेरे बच्चे को? हाथ लगाते ही फरिग हो गया मेरा बच्चा।” मैं उसे छेड़ने लगी।
वह मेरे सीने से लिपट कर कहने लगा,”भाभी, मेरा ये पहली बार था। और आप तो मास्टर ब्लास्टर निकली इस खेल की। क्या करता मैं? एक्साइटमेंट में हो गया खाली।” उसने रोती सुरत में कहा।
“कोई बात नहीं। मैं सीखा दूंगी मेरे बच्चे को बस। मेला प्याला बच्चा।” मैंने उसे समझाते हुए कहा।
मैं उसे और सहज करना चाहती थी। तो मैंने उसे अपने सीने से लगा कर उसे लिप किस करते हुए उसके बालों में हाथ घुमाने लगी। अब ईशान भी मुझे पूरा सहयोग देने लगा। उसने मेरे बालों का जुड़ा खोलकर मेरे बाल खोल दिए और मेरे होटों को चूमता हुआ मेरी जुल्फों से खेलने लगा।
अब ईशान ने मेरी गाउन को उतार दिया। मैं अब सिर्फ एक चड्डी में आ गई।
अब मैंने उसका एक हाथ पकड़ मेरी चड्डी में डाल लिया।
मेरी फुद्दी गीली हो चुकी थी तो उसका हाथ लगते ही मैं भी सिहर उठी।
अपने कूल्हे उठाकर मैंने चड्डी निकाल दी, अब ईशान के आगे मैं एकदम नंग धड़ंग हो गई।
वह मुझे देखता ही रह गया।
“अब मेरे बच्चे को उंगली करना सिखाती हूं।” मैंने कहा।
उसने कहा- भाभी, मुझे बच्चा मत बोलिए न! मैंने देखा है ब्लू फिल्मों में, मैं कर लूंगा।
मैंने कहा- अच्छा तो देखते हैं अभी!
मैं बेड पर लेट गई और अपनी टांगें फैला दी।
ईशान पास आया और बीच वाली उंगली मेरी चूत में घुसा कर उसे आगे पीछे करने लगा।
मैंने उसे मेरे रस से भरी उंगली चाटने को कहा।
उसने चाटते हुए कहा- वाह भाभी, क्या टेस्ट है आपकी चूत का!
मैं बोली- तो उंगली से क्यों सीधा मुंह से चूस ना अपनी भाभी की मुनिया!
वह झट से अपना मुंह लेकर मेरी जांघों में आ गया और जीभ निकाल कर मेरी चूत को ऊपर से चाटने लग गया।
मैंने उसे जीभ अंदर तक घुसा कर चूसने को कहा।
वह मेरी हर बात को स्वीकार करता हुआ मुझे आनन्द देने में लग गया।
अब वह भी मजे लेते हुए मेरी चूत चाटने में लग गया।
फिर मैंने उसका सर अपने दाने पर लगाया और उसे मुंह में लेने को कहा।
उसने मेरे दाने को मुंह में लेकर चूसना और काटना शुरू किया।
मैं पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी।
बहुत देर से चलते हमारे इस खेल से मैं भी अब चरम सीमा सीमा तक पहुंच गई थी।
मैं जोर जोर से उसका सर अपनी चूत पर दबाने लगी और कुछ ही पलों में मेरी चूत का बांध टूट गया।
मैंने अपने चूतड़ उठाते हुए चूत से फव्वारा छोड़ दिया।
ईशान मुंह हटाने की कोशिश करने लगा मगर मैंने कस के उसका मुंह पकड़ रखा।
जितना हो सका उतना मेरा पानी वह पी गया और उसने अपना मुंह बंद किया।
अब उसे मैंने अपने ऊपर चढ़ा लिया।
“ईशान मेरे मम्मों से खेलो बेटा!” मैंने बोला।
वह मेरे गोल गोल मम्मे दबाने लगा, वह अब मेरे चूचुक मुंह में भर कर काटने लगा।
मुझे एक बीस साल के लौंडे के साथ यह अनुभव काफी मजा देने लगा था।
मैं बहुत खुश थी।
आज मैं एक कच्चा लौड़ा लेने वाली थी।
ईशान के लन्ड की सील आज मेरे चूत से खुलने वाली थी।
ईशान भी बहुत खुश था।
आज उसने अपनी प्यारी अंजू भाभी को अपने नीचे नंगी लिटाया हुआ था।
अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उसके टट्टों को सहलाना चालू किया जिससे उसका लन्ड खड़ा होने लगा।
मैंने उठकर ईशान को बेड पर खड़ा किया और उसका लौड़ा मुंह में भर लिया, उसे थूक लगाकर गीला कर दिया।
उसे मैंने ज्यादा नहीं चूसा, मुझे डर था कि वह अति-उत्तेजना में झड़ ना जाए।
मैं फिर से लेट गई और टांगें चौड़ी करके ईशान को इशारा कर दिया।
ईशान एक पल रुका और बोला- भाभी, प्रोटेक्शन लाना भूल गया।
मैंने हंसकर बोला- इसीलिए मैं बच्चा कहती हूं तुझे!
वह बोला- अब क्या करें?
मैंने उसे ड्रॉअर से एक कंडोम निकालने को बोला।
उसे लेकर मैंने ईशान के लन्ड पर लगाया।
अब मैंने उसका लन्ड पकड़ कर अपनी चूत के मुख पर लगाया और ईशान ने एक जोर का धक्का लगा दिया।
एक धक्के में ही उसका कच्चा लन्ड मेरी फूली हुई चूत में घुस गया।
मेरी चूत न जाने कितने किस्म के लौड़े खा चुकी थीं तो इस कच्चे लन्ड को उसने आसानी से अपने अंदर समा लिया।
मैंने अपनी टांगें ईशान की टांगों में फंसा दी और उसके हर एक धक्के का दिल खोल कर स्वागत करती हुई अपनी फुद्दी मरवा रही थी।
ईशान कच्चा खिलाड़ी था तो वह ज्यादा कुछ जानता नहीं था।
मैंने उसके हाथ अपने मम्मों पर रख कर दबाने को कहा।
वह धीरे धीरे से झटके लगा रहा था।
मैं अपने चूतड़ उठा कर उसके धक्के अंदर तक लेने की कोशिश करती।
उसकी स्पीड अब बढ़ गई और वह जोर जोर से मुझे चोदने लगा।
मैंने उसके होंठों से होंठ मिला लिए और चूमने लगी।
मेरी उम्मीद की मुताबिक वह अब झड़ने वाला था।
उसने तेज तर्रार धक्के लगाए और वह कंडोम में ही झड़ गया।
झड़ कर ईशान ने कंडोम निकाला और लन्ड मेरे मुंह में भर दिया।
मैंने उसका वीर्य चाट कर लन्ड साफ कर दिया।
तब मैंने उसे अपने ऊपर लिटाया।
मैं उसकी आंखों में आंखें डालकर उसे देख रही थी और प्यार से उसके माथे, नाक, आंख जहां हो सकता वहां संतुष्टि से भरे चुम्बन दे रही थी।
मैंने जितने भी लौड़े लिए उन सब में ये मुझे बहुत ही प्यारा लगा था।
मुझे ईशान से ना जाने क्यों मोहोब्बत सी हो गई थी।
ना तो उसने मुझे देर तक पेला ना ही उसने वहशी की तरह मुझे चोदा.
मगर उसकी मासूमियत और नादानी की मैं दीवानी हो गई।
ईशान मेरे ऊपर लेट कर मुझे एक टक देख रहा था।
वह उस बच्चे की तरह खुश था, जिसे उसकी मनपसंद खिलौना मिला हो।
और हो भी क्यों न उसके कुंवारे लन्ड का आज फीता कटा था … और वह भी उसके सपनों की रानी अंजू भाभी की चूत से!
मेरा दिल भी भावनाओं से गदगद हो गया था।
दोस्तो, एक औरत के लिए सेक्स मतलब सिर्फ जोर जोर से चोदना या ज्यादा देर तक टिकना या बड़ा- लंबा लन्ड, रोज चुदवाना यही नहीं होता।
औरत को जब दिल से मजा देने वाला मर्द मिल जाता है, वहीं पे औरत तृप्त हो जाती है।
और यह तृप्ति उसे कोई ईशान जैसा नादान लड़का, हट्टा कट्टा मर्द या कोई उम्रदराज आदमी भी दे सकता है.
वहीं औरत संतुष्ट हो जाती है।
मैं बिल्कुल ईशान में खो गई थी।
अब मैंने ईशान को पीठ के बल लिटाया और मैं उसके ऊपर चढ़ कर उसे प्यार करने लगी।
मैं उसकी छाती पर सर रखकर सो गई।
लगभग आधे घंटे तक मैं वैसे ही सोई रही।
उसके बाद उठकर ईशान चला गया।
मैं नंगी ही लेटी पड़ी थी लेकिन मैं अभी तक ईशान में खोई हुई थी।
मेरे दिमाग में और आंखों के सामने वहीं सब चित्र रेंगने लगे थे।
मैं उठकर नहाने गई और नहा धोकर फ्रेश हो गई।
मैंने मन बनाया कि मुझे ईशान से एक और बार आज ही चुदना है।
मगर आज तो यह मुमकिन नहीं था।
मेरे पति आने वाले थे तो मैंने अपना मन मारकर रख दिया और फिर किसी दिन फुरसत से ईशान को अपने ऊपर चढ़ाने का विचार किया।
फिर मैंने कब, कैसे नादान ईशान को अपनी सवारी कराई ये अब अगली बार आराम से बताऊंगी।
तब तक के लिए आपसे विदा लेती है आपकी प्यारी अंजू भाभी।
मेरी कहानी पर आपने विचारों की आशा में!
नमस्ते।
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