जवान लड़के के घर की सम्भोग लीला- 1

(Family X Story)

सैम 14 2024-11-11 Comments

फैमिली X स्टोरी में मैं काफी दिनों बाद गाँव आया तो बांका जवान हो चुका था. मुझे स्टेशन पर लेने कई लोग आये थे. उनमें मेरी चाची, बहनें भी थी. मैं सबसे गले मिला तो मेरा लंड खड़ा हो गया.

डियर फ्रेंड्स, मैं आपका दोस्त सैम एक बार फिर आपके सामने हाज़िर हूँ.

मैं अपने एक बहुत ही करीबी दोस्त समीर की ज़िंदगी की सच्ची घटना को लेकर आपसे मुखातिब हूँ.

तो फैमिली X स्टोरी शुरू करते हैं.

मेरा नाम समीर माधोपति है.
मैं उत्तरप्रदेश के जौनपुर से हूँ.
हमारी फैमिली में हम 8 लोग हैं.
मेरे दादाजी (61 साल के), पिताजी भूषण (42 साल के), चाचा जी अशोक (40 साल के), मां सुभद्रा (39 साल की), चाची सीमा (36 साल की), मैं समीर (21 साल का) मेरे से छोटी बहन शर्मिला (19 साल की) और सबसे छोटी बहन शीला (18 साल की).

हमारी फैमिली खानदानी किसान फैमिली है. हमारी काफ़ी बड़ी जमीन है. दादाजी, चाचा जी और पिताजी उसी जमीन पर खेतीबाड़ी करते हैं.
इतना सब होने के बाद भी पिताजी पार्ट टाइम में जमींदार के घर ड्राइवर की नौकरी भी करते थे क्योंकि जमींदार रसूख वाला आदमी था और अपनी जमीन बचाने के लिए पिताजी उसकी नौकरी करते थे.

हम तीनों भाई बहन पढ़ाई में काफ़ी होशियार रहे थे.
हमारे गांव में केवल 12 वीं तक का स्कूल है.

जब मैंने 12 वीं ग्रेड पास किया तो पिताजी ने जमींदार साहब से बात करके मुझे उनके बड़े लड़के के पास दिल्ली भेज दिया.

छोटे जमींदार का नाम नीरज था.
दिल्ली में उनका बहुत बड़ा प्लास्टिक मॅन्यूफैक्चरिंग का बिजनेस है.

मुझे उनके ऑफिस में बिलिंग और कलेक्शन की जॉब मिल गयी और छोटे जमींदार ने एक स्टूडियो फ्लैट रेंट पर दिला दिया, साथ ही एक ईव्निंग कॉलेज में मेरा अड्मिशन करवा दिया था.

अचानक मेरी चाची का हार्ट अटैक से देहांत हो गया और हम सब उनकी अचानक हुई मृत्यु से एकदम सकते में आ गए थे.

बाद में कुछ समय बाद मां ने दादाजी और पिताजी से बात करके चाचा की दूसरी शादी करवा दी.
चाचा के घर में अब तक कोई बच्चा नहीं था.

चाचा की दूसरी शादी मां ने अपनी सहेली की छोटी बहन 28 साल की सुप्रिया से करवा दी.
सुप्रिया चाची दिखने में बहुत खूबसूरत और आकर्षक थीं.

इधर दिल्ली में दो साल रहकर मैंने बहुत कुछ सीख लिया था.
मैं रोजाना जिम जाता था और खूब एक्सर्साइज करता था.
मेरा लाइफ स्टाइल भी चेंज हो गया था.

अप्रेल में जब मेरे ग्रेजुएशन के एग्जाम खत्म हुए तो मैंने छुट्टी की रिक्वेस्ट डाली और वह अप्रूव हो गयी.
मैंने अपने घर फोन किया और मां को बताया.

मैंने कहा- मां, मैं अगले महीने घर आ रहा हूँ.
मां- होली के पहले आ जाना तो बहुत मज़ा आएगा.
मैंने कहा- हां मां, होली के पहले ही घर पहुंच जाऊंगा.

मां- अच्छा सुन खेत के पास वाली जमीन पर जो घर बन रहा था, वह बन गया है और अगले सप्ताह दादाजी ने गृह प्रवेश भी रखा है. दादाजी, चाचा जी और चाची वहीं रहेंगे.
मैंने कहा- मां, अपने घर की मरम्मत कंप्लीट हुई या नहीं!
मां- अपना घर भी बिल्कुल नया सा हो गया है. अब तेरा रूम सेकंड फ्लोर पर टेरेस के साथ है.

मैंने कहा- पिताजी कहां हैं?
मां- आजकल तेरे पिताजी खेत पर और अपने काम में बहुत बिज़ी रहते हैं. मुझे तो टाइम ही नहीं देते. रात रात भर घर से बाहर रहते हैं और उन्होंने दारू पीना भी शुरू कर दिया है. उनके साथ चाचा जी भी दारू पीने लगे हैं. तू कितने दिनों के लिए आ रहा है?

मैंने कहा- मां 30 दिनों की छुट्टी मिली है.
मां- केवल 30 दिनों के लिए?
मैंने हँसते हुए कहा- अरे मां क्या नौकरी छोड़ कर आ जाऊं … तुम भी न!

मां- अच्छा सुन आते समय तू कुछ सामान घर के लिए और तेरी बहनों के लिए लेते आना!
मैंने कहा- और मां तेरे लिए कुछ नहीं लाना है?

मां- मेरे लिए तो तू घर आ जाएगा वही सब कुछ है.
यह बोल कर मां रोने लगीं.

मैंने कहा- मां तू जी छोटा मत कर इस बार मैं आऊंगा, तो तेरी खूब सेवा करूँगा.

मां- मेरे लिए तो तू ही सब कुछ है.
मैंने कहा- मां, तू शर्मिला को बोल कि वह वह मुझे तुरंत लिस्ट भेज दे.

मां- मुझे चाची, नैना (हमारी काम वाली), शीला और शर्मिला के लिए वहां से कुछ अंडरगार्मेंट्स भी चाहिए!
मैंने कहा- मां तू मुझे शर्मिला, शीला, नैना, चाची और अपनी भी साइज बता दे.

मां ने कुछ देर हिचकिचाने के बाद बताया कि मेरी साइज 38, शर्मिला की 34, शीला की 36, चाची की भी 36 और नैना की 32 है.
मैंने कहा- ओह शीला ओर चाची की साइज सेम है?

मां- हां बेटा पिछले दो साल में शीला का बदन बहुत निखर गया है.
मैंने कहा- मां तूने पैंटी की साइज नहीं बताई?

मां- तू यह सब लेकर आएगा ना!
मैंने कहा- हां मां, तू मुझे सिर्फ़ साइज बता दे. यहां की मार्केट में दूसरे देशों के भी कपड़े मिलते हैं.

मां- मेरी-38, शर्मिला-32, चाची-34, शीला-36 और नैना की 30 है.

मैंने कहा- क्या बात है शीला ऊपर नीचे सब जगह से भर रही है?
मां- हां मुझे तो बहुत चिंता होती है इस लड़की की, उसका बदन एकदम निखर गया है. उसकी छातियां तो एकदम फूल की तरह हो गयी हैं. उसका रस चूसने के लिए अपने गांव के लड़के भौंरों की तरह उसके आगे पीछे घूमते हैं.

मैंने कहा- किस बात की चिंता है?
मां- कहीं कुछ उल्टा-पुल्टा ना कर ले!

मैंने कहा- क्या मतलब उल्टा-पुल्टा?
मां- मेरा मतलब है कि शादी से पहले ही किसी के साथ कुछ कर ना ले!

मैंने कहा- क्या मां, तू भी बेकार में यह सब चिंता करती है.
मां- तुझे नहीं पता, अपने गांव के लड़के पूरा समय शीला के आगे पीछे घूमते रहते हैं.

मैंने कहा- तू चिंता ना कर, मैं वहां आकर सब ठीक कर दूंगा.
मां- तू जरा उसे समझा कि ढंग के कपड़े पहन कर घूमा करे.

मैंने कहा- क्या मतलब?
मां- उसके ब्लाउज से उसकी छातियां आधी से अधिक बाहर लटकती रहती हैं. आजकल तो टाइट जींस और टी-शर्ट पहन कर शाम को साइकलिंग करती है. दोनों बहनें और साथ में चाची भी.

मैंने कहा- मां तू अपनी बता?
मां- मेरा क्या है, बस तुम लोगों के लिए जीवित हूँ. तेरे बाबूजी का तो मुझमें कोई इंटेरेस्ट ही नहीं है.

मैंने कहा- मां तभी तो कह रहा हूँ कि जरा अच्छे कपड़े पहन कर घर में रहा कर. बाबूजी के सामने सेक्सी कपड़े पहना कर.
मां- कौन से कपड़े?
मैंने कहा- सेक्सी कपड़े पहना कर, मतलब थोड़े अंग प्रदर्शन करने वाले कपड़े, जिसे देख कर मनुष्य का ध्यान भटके.

मां- लगता है तू दो साल में बहुत जवान हो गया है. बहुत कुछ सीख गया है तू वहां जाकर!
मैंने कहा- मां, तू कौन सी बूढ़ी हो गई है. तेरी उम्र की औरतें यहां हमारी उम्र के लड़कों के साथ पूरी पूरी रात ऐश करती हैं.
मां- क्या करती हैं वे?

मैंने खुल कर कह दिया- वह जवान लड़कों से अपने दूध चुसवाती है, चूत चुदवाती हैं, गांड मरवाती हैं. कभी कभी तो दो औरतें एक लड़के के साथ … या एक औरत दो लड़कों के साथ पूरी पूरी रात ऐश करती हैं.
मां- हाय राम ऐसी बेशर्म औरतें हैं!

मैंने कहा- वे भी क्या करेंगी मां, उनके पति विदेशों में दूसरी औरतों के साथ ऐश करते हैं.
मां- अगर उनके पति ऐश करते हैं तो इसका मतलब वे भी ऐसा करेंगी?

मैं- मां, यहां मर्द और औरत में कोई अंतर नहीं है.

मां- अब तेरे पिताजी ने तो मुझे पिछले 15 महीनों से छुआ तक नहीं है … तो मैं क्या तेरी उम्र के लड़के के साथ कुछ भी कर सकती हूँ!
मैंने कहा- हां इसमें बुराई क्या है! अगर तेरे शरीर में आग लगी हो, तो उसे शांत करना तेरी जरूरत है … और उसके लिए तू किसी भी मर्द के लंड से अपनी प्यास शांत करवा सकती है.

मां- अगर तेरे पिताजी मेरे शरीर को शांत नहीं कर पाते हैं तो क्या मैं तुझसे अपने शरीर की आग शांत करवा सकती हूँ?

मैंने कहा- हां क्यों नहीं, उसमें क्या ग़लत है. अगर तू अपने शरीर की आग शांत नहीं करेगी तो तू मर भी सकती है. तू तो बस यह समझ कि इस दुनिया में केवल दो ही इंसान होते हैं, एक मर्द और एक औरत. यह सब मां, बहन, बेटी, बीवी, बेटा, बाप, पति और भाई सब समाज के बनाए हुए रिश्ते हैं, जिसे हम निभाने का प्रयास पूरी ज़िंदगी करते रहते हैं.

मां- अगर मैं तुझसे कहूँ कि मेरे शरीर में आग लगी है, तू उसे शांत कर … तो क्या तू मेरे शरीर की अग्नि को शांत करेगा?

मैंने कहा- हां क्यों नहीं. अगर मैं तेरे शरीर की आग शांत नहीं करूँगा, तो तू आज नहीं तो कल घर से बाहर अपनी इस समस्या का समाधान जरूर खोजने लगेगी.

मां- अगर मैं तुझसे कहूँ कि तू अपनी शीला या शर्मिला की जवानी की अग्नि को शांत कर, तो क्या तू उसे भी शांत करेगा?
मैंने कहा- हां, अगर वह आवश्यक हुआ तो मैं वह भी करूँगा.

मां- तेरी सोच ग़लत है बेटा, ये जो सब रिश्ते हैं … भगवान के बनाए हुए हैं!
मैंने कहा- अच्छा मां एक बात बता 15 महीने से पिताजी ने तुझे हाथ तक नहीं लगाया?
मां- हां!

मैंने कहा- तू अपनी कामवासना कैसे शांत करती है? मैं बताता हूँ. खीरा, मूली, गज्जर, केला या फिर अपनी उंगलियों से अपनी कामवासना शांत करती होगी … क्या यह ग़लत नहीं है. भगवान ने गाजर, मूली, केला और खीरा इस काम के लिए बनाए हैं? तू अभी भी अपनी चूत पर हाथ रख कर अपनी कामवासना को दबा रही है मां!

मां- तुझे यह सब कैसे पता? क्या तू यहां देख सकता है?
मैंने कहा- नहीं मां, तुझे क्या लगता है कि मैं भी अपना लंड हाथ में लेकर हिलाता हूँ!

मां- बेटा ऐसा नहीं करना. ऐसा करने से तेरा हथियार कमज़ोर हो जाएगा.
मैंने कहा- मां अभी तू बोल रही है कि ऐसा करने से हथियार कमज़ोर हो जाएगा और किसी औरत के साथ संबंध नहीं बनाना चाहिए. अब तू ही बता कि मैं क्या करूँ?

मां- हां तेरी बात बिल्कुल सही है. जब तू घर आएगा, तो हम बाकी की बातें तभी करेंगे.
मैंने कहा- मां यहां लड़कियां कमर से सिर्फ़ छह इंच नीचे तक आने वाली स्कर्ट पहनती हैं. जरा सा झुक कर देखें तो उनकी चड्डी भी दिख जाए.

मां- हे राम, चल झूठा!
मैंने कहा- यही नहीं मां, बड़ी उम्र की औरतें 18 से 22 साल के लड़कों से रात भर काम करवाती हैं. एक और बात … यहां की लड़कियां और औरतें गांव के मर्दों को बड़ी बेताबी से ढूंढती है, क्योंकि शहर के मर्दों के हथियार कमज़ोर और छोटे होते हैं.

मां- हां तो तेरा हथियार कितने इंच का है?
मैंने कहा- मेरा साढ़े सात इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.

मां- हे राम, इतना बड़ा!
मैंने कहा- तुझे भी अच्छा लगा ना सुन कर! मैं रोज अपने हथियार की सरसों के तेल से मालिश करता हूँ और अच्छे से चमका कर रखता हूँ उसे!

मां- तूने किसी औरत के साथ संबंध बनाए हैं क्या?
मैंने कहा- हां मां, मेरी ऑफिस में एक औरत है … उसका पति दो साल से अमेरिका में है. उसके साथ मैंने सब कुछ किया है.

मां- तू कितने समय में झड़ता है?
मैंने कहा- मैं 20 से 25 मिनट तक उसे चोदता हूँ.

मां- तू अपना ध्यान तो रखता है ना? बराबर कसरत करता है ना? कब घर पहुंचेगा … और हां तू अपने बाबूजी के लिए भी कुछ अच्छे कपड़े लेते आना!
मैंने कहा- हां मां, तू इस बात की चिंता ना कर. मां अपनी रसोई घर के लिए एक अच्छा सा चूल्हा भी लेकर आऊंगा.

मां- हां बेटा वह ऑटोमॅटिक वाला चूल्हा न!
मैंने कहा- हां वही … और तेरे लिए शैम्पू और नहाने के लिए इंपोर्टेड साबुन भी लेकर आऊंगा.

मां- अच्छा बता, तूने शादी के बारे में क्या सोचा है?
मैंने कहा- मां अभी शादी को टाइम है. मुझे पहले यहां घर लेना है … फिर शर्मिला और शीला की पढ़ाई पूरी करवानी है.

मां- शर्मिला का 12 वीं का एग्जाम अगले महीने 22 तारीख को पूरे हो जाएंगे. फिर उसके लिए लड़का देख कर शादी करा देंगे.
मैंने कहा- मां, अगर शर्मिला आगे की पढ़ाई करना चाहती है, तो वह मेरे पास दिल्ली आकर पढ़ाई कर सकती है.

मां- वह वहां किसके घर में रहेगी?
मैंने कहा- मां, कंपनी मुझे कमरे वाला फ्लैट इसी साल जून में देने वाली है.
मां- अच्छा है.

मैंने कहा- अच्छा मां, अब मैं फोन रखता हूँ और अगले सप्ताह बात करूँगा.

फोन रखने के बाद मैं X फैमिली और शीला और शर्मिला के बारे में सोचने लगा.

मैं कुछ समय तक सोचता रहा फिर मार्केट गया और मैंने खरीददारी कर दी.

अगले कुछ दिनों में मैंने मां की बताई हुई सब सामग्री खरीद ली.
मैंने घर के लिए भी बहुत सारा सामान खरीदा था.

छब्बीस तारीख को मेरी दिल्ली से ट्रेन थी.
मैं अगले दिन सुबह के साढ़े सात बजे तक अपने गांव के पास के स्टेशन पर पहुंच गया.

मैं जब ट्रेन से नीचे उतरा तो शर्मिला, शीला, चाची और चाचा जी सब स्टेशन पर खड़े थे.
मेरी नजरें सुप्रिया चाची पर एकदम से रुक गईं.

चाची एक गदराए बदन की मालकिन थी. उन्होंने अपनी साड़ी कमर से बहुत नीचे बाँधी थी जिसके कारण उनका पूरा पेट एकदम साफ दिखाई दे रहा था.

जैसे ही मैं ट्रेन से नीचे उतरा शीला दौड़ कर आई और मुझसे लिपट गयी.

मेरी बहन शीला का बदन एकदम भरा हुआ था. मैंने उस समय जींस और टी-शर्ट पहनी हुई थी.
शीला के बड़े बड़े दूध मेरी छाती से टकरा गए और एकदम से मेरा ध्यान उसकी और आकर्षित होने लगा.

मैंने शीला के माथे पर किस किया और उसे अपने से सटा लिया.
मेरा सीधा हाथ शीला के खुली पीठ पर था.

शीला के ब्लाउज का बैक साइड काफ़ी बड़ा था.
मेरा एक हाथ शीला की गांड पर था और मैं उसकी गांड को सहला रहा था. शीला की गांड बहुत ही ज्यादा सॉफ्ट थी मानो वह रुई की बनी हो.

सामने चाची बड़े ध्यान से यह सब देख रही थीं.
कुछ समय बाद हम दोनों अलग हुए.

शर्मिला को भी मैंने गले लगाया और फिर चाचा जी के चरण स्पर्श किए.
चाचा जी ने मुझे गले लगा लिया.

उनके नथुनों से आती महक से मैं समझ गया चाचा जी सुबह सुबह शराब पीकर आए हैं.

जब मैं चाची के चरण स्पर्श करने लगा तो उन्होंने मुझे एकदम से गले लगा लिया.
मैंने भी चाची को कस कर अपने शरीर से चिपका लिया.

चाची सबसे पीछे खड़ी थीं और उस समय चाचा जी सामान उठा कर गाड़ी की ओर चलने लगे.
मैंने चाची की गर्दन पर हल्के से किस किया और दोनों हाथ से चाची की गांड को अपने लंड पर दबाने लगा.

चाची फुसफुसाईं- सब कुछ यहीं करोगे या घर के लिए कुछ छोड़ोगे!
मैंने उत्तर दिया- मेरे वश में होता तो यहीं सब कुछ कर देता!

तब चाची ने मेरे कान में कहा- समीर, तू अब पूरा जवान हो गया है!
चाची के मुँह से यह सुन कर मेरा सेल्फ़-कॉन्फिडेन्स थोड़ा बढ़ गया था.

दोस्तो, इस सेक्स कहानी में आपको समझ आ गया होगा कि मेरे घर की औरतें कितनी प्यासी थीं, जिनको चोद कर संतुष्ट करने की जिम्मेदारी मेरी बन गई थी.

फैमिली X स्टोरी के अगले अंक में आपको मजेदार चुदाई की कहानी का रस पढ़ने को मिलेगा.
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फैमिली X स्टोरी का अगला भाग: जवान लड़के के घर की सम्भोग लीला- 2

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