शत्रुता का पहला दौर- 4
(Dost Ki Sexy Bahan Ka Garam Jism)
दोस्त की सेक्सी बहन को अपने जाल में फंसा कर कैसे चोदा? यह बदला था अपने दोस्त से जिसने उसकी बहन को उसके सामने ही चोद दिया था.
दोस्तो, मैं राजवीर अपनी सेक्स स्टोरी का अंतिम भाग लेकर आया हूं. तीसरे भाग
बहन चोदने वाले दोस्त से बदला
में आपने देखा कि रेशम ने कृति के साथ मिलकर काव्य को प्रेसिडेंट पद से हटा दिया। अब अगले 6 महीने के लिए उसे प्रेसिडेंट चुन लिया गया था।
अब आगे सेक्सी बहन की कहानी :
कृति रेशम के घर पहुंची. वहां पर ऋतु और काव्य दोनों नहीं थे यानि कि रेशम और कृति दोनों घर में अकेले थे।
कृति- यार यहां क्यों बुलाया है, वहां कॉलेज में क्या मस्त पार्टी चल रही है। आज मैं बहुत खुश हूं मजा आ गया। तुम्हारी बहन अब मेरे जूतों के नीचे होगी।
रेशम- सब पार्टी कर रहे हैं तो क्या हमें पार्टी नहीं करनी चाहिए? इसलिए मैंने तुम्हें यहां पार्टी करने के लिए ही बुलाया है। मेरे प्रेसिडेंट बनने की पार्टी। तुम्हारे वाइस प्रेसिडेंट बनने का तो कुछ पता नहीं।
कृति- क्या बकवास कर रहे हो तुम? प्रेसिडेंट बने हो तो वॉइस प्रेसिडेंट तो मैं ही बनूंगी ना?
रेशम- पता नहीं, यह तुम पर निर्भर करता है।
कृति- मुझ पर निर्भर करता था तभी तो तुम प्रेसिडेंट बने हो। भूल गये कि इसमें सारी लड़कियों के वोट मेरी वजह से तुम्हें मिले हैं।
रेशम- नहीं … भूला नहीं हूं कि सारी लड़कियों के वोट मुझे तुम्हारी वजह से ही मिले हैं लेकिन अभी हिसाब पूरा नहीं हुआ है। मेरी बहन ने भी तो पिछली बार अपने सारे वोट तुम्हारे भाई को दिलवाये थे। मगर केवल वोट दिलवाना तो काफी नहीं था। अभी तो एक हिसाब और बाकी है।
कृति- क्या … कौन सा हिसाब? किस हिसाब की बात कर रहे हो तुम?
रेशम- काव्य और मेरी दुश्मनी का हिसाब। मैं यह सब प्रेसिडेंट बनने के लिए नहीं कर रहा था। मैं तो काव्य से अपनी दुश्मनी का हिसाब पूरा करने के लिए यह सब कर रहा था।
वो बोली- और कैसे होगा तुम्हारा हिसाब पूरा?
रेशम- जैसे तुम्हारे भाई ने मेरी बहन को चोदकर उसे वाइस प्रेसिडेंट बनाया है वैसे ही तुम्हें वाइस प्रेसिडेंट बनने के लिए मुझसे चुदना पड़ेगा।
कृति- क्या बकते हो? वो मेरे भाई की मंगेतर है. वो कुछ भी कर सकते हैं। मगर मैं तुम्हारी रंडी नहीं हूं।
रेशम- नहीं हो तो रंडी बनना पड़ेगा। सुन लो मेरी बात कृति। अगर कल वाइस प्रेसिडेंट बनना है तो आज मेरा लंड ले लो वरना कॉलेज की किसी कुतिया को पकड़कर वाइस प्रेसिडेंट बना दूंगा लेकिन तुम्हें तो नहीं बनाऊंगा।
कृति- मैंने तुम्हारी कितनी मदद की। क्या तुम्हारे अंदर जरा भी इंसानियत नहीं है?
रेशम- इंसान ही था मैं … लेकिन तुम्हारे भाई ने मुझे जानवर बनने पर मजबूर किया है। अब तुम सोच लो कि चुदवाने के बाद प्रेसिडेंट बनना है या इस आधे सेमेस्टर भी बेइज्जती ही सहनी है?
कृति रेशम के जाल में फंस चुकी थी। उसने कॉलेज की लड़कियों से यह बोलकर वोट लिये थे कि जब वह वाइस प्रेसिडेंट बन जाएगी तो उनके मजे हो जाएंगे।
अब वह सारी लड़कियां कृति के वाइस प्रेसिडेंट ना बनने पर कृति की मजाक बनातीं।
इससे कृति की काफी बेइज्जती होती।
कृति यह सब सोचने लगी और यह कल्पना करके डर गई कि वह वाइस प्रेसिडेंट न बनने पर कहीं की नहीं रहेगी।
उसकी आंखों में आंसू आ गए और वह रेशम से बोली- लेकिन यह सब करने के बाद तो मुकर तो नहीं जाओगे ना? यदि मैं यह सब करने को तैयार हूं तो फिर कल वॉइस प्रेजिडेंट मुझे ही बनाओगे ना?
रेशम- इतनी इंसानियत तो है मुझमें। चिंता मत करो।
कृति- तो ठीक है फिर, चोद लो मुझे।
रेशम- ओह कमॉन कृति। कल तुम वाइस प्रेसिडेंट बनने वाली हो और तुम्हारी आंखों में आंसू शोभा नहीं देते। जो करना है मन से करो। तभी तो हम दोनों इसका मजा ले पाएंगे।
रेशम और कृति दोनों करीब आये और दोनों ने एक दूसरे के होंठों से होंठ मिला दिए। दोनों की आंखें बन्द हो गयीं। सिसकती हुई कृति अब इस चुम्बन में आनंद प्राप्त करने लगी।
उसका हाथ रेशम की जींस में घुस चुका था। वह जींस पहने हुए रेशम का लन्ड अन्दर ही हिलाने लगी। रेशम ने कृति का टॉप उतार दिया। वो नीचे काली ब्रा पहने हुए थी।
कृति के लगभग 32 के सुडौल स्तनों को देखकर रेशम के मुंह से बहनचोद की गाली निकल गयी।
रेशम ने कृति की ब्रा को खींचकर फाड़ दिया जो कि हुक से फट गयी और कृति के गोरे स्तनों को आजाद कर दिया।
उसके स्तनों को रेशम अपने हाथों में भरकर मसलने लगा और मुंह से चूसने लगा।
कृति ने बेड पर रेशम को धक्का दे दिया और उसकी जींस को खोल कर दिया।
उसने रेशम की चड्डी उतार दी और रेशम का 8 इंच का लंड उसने तुरंत मुंह में भर लिया।
वह रेशम के लंड को मस्त होकर चूसने लगी। वह कभी उसके लिंग मुंड तो कभी उसके अंडकोष चूस रही थी।
फिर रेशम ने अपने बाकी कपड़े उतारे और कृति को भी पूरी तरह नंगी कर दिया।
कृति के पूरे शरीर को चाटते हुए उसने कृति की चूत को पानी छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
रेशम कृति की चूत में अपनी जीभ डालने लगा। अब वो कभी जीभ से तो कभी उंगली से उसकी चूत को चोद रहा था।
कृति बेसब्र हो गयी और खुद ही ऊपर नीचे होते हुए रेशम की उंगली अपनी चूत में डलवाने लगी।
वो सिसकार उठी- चोदो … रेशम .. आह्ह … चोदो मुझे अब। अपने लंड से चोद दो। अपनी बहन की चुदाई का बदला तुम मेरी चूत मारकर ले लो। फक मी हार्ड!
रेशम- बहन की लौड़ी, अभी तो ‘चोदो चोदो’ कर रही है। थोड़ी देर बाद अगर ‘छोड़ो छोड़ो’ ना करवा दिया तो देख लेना।
इतना कहकर रेशम कृति के ऊपर लेट गया और अपना खड़ा लन्ड कृति की गीली चूत में डाल दिया और लगातार झटके देने लगा।
दोनों के मुंह से आह आह की आवाज़ें आने लगीं।
कृति की आवाज़ अब कुछ ज्यादा ही तेज़ आने लगी।
उसकी आह आह … की आवाज करीब 15 मिनट के लगातार के झटकों में 1 सेकंड तक के लिए भी बंद नहीं हुई।
कृति की चूत से निकलने वाले पानी से नीचे की चादर तक गीली हो रही थी। कृति की चूत ने एक बार की ही चुदाई में अपना आकार बदल लिया था।
अब कृति को रेशम ने घोड़ी बनाया और उसी तरह लंड की दिशा को थोड़ा टेढ़ा करके कृति की चूत में धक्के मारना शुरु किया जैसे कि काव्य ने ऋतु की चुदाई का वर्णन किया था।
इस चुदाई में रेशम की जांघों और कृति के कूल्हों की आवाज इतनी भयानक थी कि उन्होंने काव्य और ऋतु की आवाज को काफी पीछे छोड़ दिया था।
करीब 3 बार पानी छोड़ चुकी कृति रेशम से कुछ देर रुकने को कहने लगी.
लेकिन रेशम कहां मानने वाला था … उसने कृति की गांड को जोर से पकड़ कर डॉगी पोजिशन में ही चोदना शुरू कर दिया।
कृति अपनी हिम्मत खो चुकी थी, उसके हाथ पांव ढीले हो चुके थे; वह निढाल हो चुकी थी.
लेकिन रेशम ने उसे गांड पकड़ कर चोदना बन्द नहीं किया।
करीब 30 मिनट की घनघोर चुदाई के बाद रेशम का लावा बाहर निकलने को आया तो उसने कृति की चूत से अपना लन्ड निकाल कर कृति के मुंह में डाल दिया और कहा- वाइस प्रेसिडेंट साहिबा, आज आज मुंह में ले लो और निचोड़ लो … कल क्या पता फिर वाइस प्रेसिडेंट बनाने के बाद कभी ऐसा ना करो।
कृति ये बात सुनकर थोड़ी एक्टिव होकर रेशम का माल अपने गले में उतारने लगी।
रेशम के शरीर में झटके लगते रहे और लंड को कृति के मुंह में घुसाये रहा।
फिर दोनों हांफते हुए बेड पर गिर गये।
शाम के 5 बजे का दृश्य:
कृति की तंद्रा टूटी और कपड़े पहनते हुए वह रेशम से बोली- अपना वादा याद रखना। कल वाइस प्रेसिडेंट मतलब कृति, ओके?
रेशम मुस्कराया और कृति कपड़े पहनकर कमरे से निकल गई।
रात के 9 बजे का दृश्य:
रेशम का मैसेज काव्य को आया- कॉलेज की छत पर आकर मिल!
काव्य समय पर पहुंचता गया जहां रेशम शराब की बोतल लेकर बैठा था।
उसने बोतल काव्य को थमा दी और बोला- मैं तेरा पैग नहीं बनाऊंगा। पूरी बोतल तेरी है। मैं आज बहुत खुश हूं।
आगे रेशम ने कहा- याद है पिछले सेमेस्टर में इसी जगह तूने मुझे मेरी बहन चुदाई की कहानी सुनाई थी। अब ये बोतल ले और घर जा … वहां जब तेरी बहन तुझे उसकी चुदाई की कहानी सुनाएगी तब ये तुझे तेरा ग़म भूलने में मदद करेगी।
और सुन … भोसड़ी के … आज ये सिर्फ शुरूआत है। अब पूरे सेमेस्टर में मैं तेरी कैसे गांड मारता हूं तू देखता जा। कॉलेज से जाते वक्त तेरा फाइनल ईयर तेरे लिए यादगार ना बना दिया तो मेरा नाम रेशम नहीं।
इतना कहकर रेशम वहां से चला गया।
काव्य के पास कहने के लिए आज कुछ नहीं था।
अगले दिन वाइस प्रेसीडेंट की घोषणा होने के लिए अभी रात बाकी थी।
रात के 11 बजे का दृश्य:
ऋतु भी अपने घर आ गई थी, उसने रेशम को बधाई दी।
रेशम ने उसकी बधाई स्वीकार की और ऋतु अपने कमरे में चली गई।
वाइस प्रेसिडेंट का पद छिन जाने से वह काफी निराश थी।
इधर काव्य भी अपने घर पहुंचा।
उसने कृति से नज़र नहीं मिलाई और नजरे नीचे करते हुए अपने कमरे में चला गया।
शायद वह कृति की चुदाई के लिए स्वयं को जिम्मेदार समझ रहा था क्योंकि अगर वह कृति को वाइस प्रेसिडेंट बना देता तो आज कृति यह कृत्य करने के लिए मजबूर नहीं होती, इसलिए उसने कृति की तरफ देखा तक नहीं।
रात के करीब 2:00 बज गये।
काव्य सोच रहा था कि वह रेशम उससे बहुत बुरा बदला लेगा।
उसको कृति की चुदाई के लिए भी बुरा लग रहा था इसलिए उसकी नींद बार-बार खुल रही थी।
तभी अचानक उसे अपने कमरे में कृति की सिसकियों की आवाज आई।
उसे महसूस हुआ कि कृति रो रही है। काव्य उठकर कृति के कमरे में गया।
नाइट लैंप जला हुआ था और कृति लेटे-लेटे रो रही थी। काव्य कृति के पास आकर बैठ गया और उससे पूछा- तुम रो क्यों रही हो कृति?
कृति कुछ नहीं बोली।
काव्य ने फिर पूछा।
इस पर कृति ने जवाब दिया- भैया आज जो मेरे साथ हुआ है वह मैं आपको नहीं बता सकती और वह फिर से रोने लगी।
काव्य ने कृति को अपने गले से लगाया और कुछ देर चुप रह कर बोला- मुझे पता है मेरी बहन तुम क्यों रो रही हो और इन सब का जिम्मेदार मैं हूं। मुझे रेशम ने सब कुछ बता दिया।
कृति- भैया मैंने उसको प्रेसिडेंट बनवाने के लिए अपनी सारी सहेलियों के वोट उसे दिलवाये यह समझ कर कि वह मुझे वाइस प्रेसिडेंट बना देगा लेकिन यह सब उसके लिए काफी नहीं था उसे तो अपनी बहन की चुदाई का बदला लेना था और उसने यह बदला मेरे साथ चुदाई करके लिया।
काव्य ने उसे कसकर गले लगाया और उसे चुप करवाने लगा।
वह कृति के आंसू पौंछने लगा और उसके सिर पर प्यार परवाह वाले चुंबन दिये और कहा- रो मत … सब कुछ ठीक हो जाएगा।
इस तरह काव्य कृति को चुप करवाने में सफल रहा और दोनों ऐसे ही एक दूसरे से गले लगे हुए लेटे रहे।
कृति ने काव्य से कहा- आज चुदाई के दौरान रेशम ने मुझसे बहुत बुरा व्यवहार किया। उसने मेरे शरीर को अपने हाथों से नोंचा है।
तब कृति ने काव्य का हाथ पकड़ा और गले के नीचे तथा स्तन के थोड़ा ऊपर टी-शर्ट के अंदर घुसाया और उस जगह हाथ स्पर्श करवाकर महसूस करवाया जहां पर रेशम द्वारा कृति के स्तनों को नोंचने के निशान थे।
काव्य कृति से- आई एम सॉरी माय सिस्टर। आई एम सॉरी। (मुझे माफ कर दो)
यह वार्तालाप के होने के बाद काव्य अपना हाथ कृति के स्तनों पर से हटाना भूल गया।
थोड़ी देर बाद जब उसे ध्यान आया तो उसे कृति के मुलायम स्तनों का आभास अपने हाथों पर हुआ।
उसके लिंग में यह आभास होने से हरकत शुरू हुई। उसे कुछ समझ नहीं आया कि कब उसका हाथ उसके स्तन पर नीचे की तरफ चल दिया जहां पर चूचक होते हैं।
उसने कृति के स्तनों की मुलायम व गर्म गर्माहट का अहसास लिया। उसकी सांसें तेज होने लगीं जो कि कृति के चेहरे पर पड़ने लगीं।
अपने स्तनों पर काव्य का हाथ महसूस कर कृति की सांसें भी तेज होने लगीं।
करीब 1 मिनट तक दोनों इसी अवस्था में जोर-जोर से सांसें लेते रहे मगर दोनों में से किसी ने कोई हरकत नहीं की।
फिर अंत में दोनों के कंट्रोल ने जवाब दे दिया और दोनों के होंठ एक दूसरे के होंठों से भिड़ गए।
इधर रेशम और ऋतु के घर में:
रेशम अपने कमरे में गहरी नींद में सोया हुआ था। हालांकि उसने कृति को बदले के तहत चोदा था लेकिन चुदाई का आनंद कौन नहीं लेता? उसके सपने में दिन में की हुई चुदाई ही चल रही थी कि कृति उसके लिंग को चूस रही है।
उसकी गहरी नींद हल्की-हल्की खुलती गई तो उसे अहसास हुआ कि वह बिस्तर पर पड़ा हुआ है और वास्तव में उसका लिंग कोई चूस रहा है।
थोड़ा नींद से होश आने के बाद रेशम को अहसास हुआ कि अभी तो रात हो चुकी है और उसके और ऋतु के अलावा घर पर और कोई नहीं है।
कमरे में हल्का सा उजाला था और अब रेशम की नींद पूरी खुल गई थी।
रेशम ने लेटे लेटे ही देखा कि उसका लिंग उसकी बहन ऋतु चूस रही है।
ये देखकर उसका सिर चकरा गया।
ऋतु ने रेशम का बॉक्सर घुटनों तक उतार रखा था। वो मजे से रेशम का लिंग चूस रही थी।
लिंग चूसने से रेशम के आनंद का चरम उस सीमा पर था कि कुछ देर तक तो वह जानकर भी ऋतु से कुछ नहीं बोल पाया।
वो बस अपनी आंखें बंद करके लिंग चुसवाने का आनंद लेने लगा।
ऋतु के लिंग चूसने की गति बढ़ती गई और इस पर रेशम ने जब अपने आप को आपे से बाहर पाया तो उसने झट से अपना लिंग ऋतु के मुंह से बाहर निकाल लिया और बोला- व्हाट द फक!! ये क्या कर रही हो तुम? क्या तुम्हें पता नहीं कि मैं तुम्हारा भाई हूं?
ऋतु- बस इसी बात का तो दुख है रेशम कि तुम मेरे भाई हो!
आगे सरकती हुई ऋतु रेशम के चेहरे के पास चेहरा लाई और उसको बांहों में भर कर बोली- यह सब छोड़ो रेशम, मेरे भाई! प्लीज मेरी एक बात मान लो। कल कॉलेज में मुझे वाइस प्रेसिडेंट बना दो। यह मेरा लास्ट ईयर है। मैं अब वाइस प्रेसिडेंट के स्टेटस से नीचे जीना नहीं चाहती। कृति का तो अगला साल भी बचा है तो अगले साल भी तुम जीत कर उसे वाइस प्रेसिडेंट बना देना।
फिर ऋतु बोली- दिमाग की बात छोड़ो कि मैं तुम्हारी बहन हूं और तुम मेरे भाई। तुम बस इस बात पर ध्यान दो कि तुम्हें क्या चाहिए?
ऋतु ने यह बोलते हुए अपने हाथ से रेशम का हाथ पकड़ा और उसे ले जाकर अपनी अंडरवियर में घुसवाकर चूत पर रगड़ दिया।
रेशम का दिमाग कुछ सोचने की स्थिति में नहीं रह गया था कि उसके साथ ये सब क्या हो रहा है।
अभी फिलहाल के लिए इस रोमांच को यहीं विराम देते हैं दोस्तो।
यह था शत्रुता का पहला दौर। शत्रुता का दूसरा दौर यहीं से शुरू होगा। यह मेरी सेक्सी बहन की कहानी याराना की तरह ही काफी लम्बी कहानी है। शत्रुता की इस लंबी कहानी में पहली कड़ी को मैंने रेशम और कृति की चुदाई तक ही रखने का फैसला किया था।
मगर आपकी रुचि बनाये रखने के लिए मैंने कहानी थोड़ी आगे बढ़ा दी है। इसलिए फिलहाल कहानी को यहीं समाप्त कर रहा हूं। आगे आप देखेंगे कि शत्रुता क्या रंग लाती है।
आज की रात के बाद अगले दिन वाइस प्रेसिडेंट कौन बनेगी? फिर उसके बाद आगे क्या क्या रोमांचक घटनाएं घटेंगी ये जानने के लिए पढ़ते रहिए अंतर्वासना और इंतजार कीजिए शत्रुता के दूसरे दौर का।
आपका राजवीर
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सेक्सी बहन की कहानी का अगला भाग: शत्रुता का पहला दौर- 3
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