चुदक्कड़ आंटी मेरे लंड से चुद गईं

(Desi Aanty Sex Kahani)

देसी आंटी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे पड़ोस की एक आंटी से मेरी दोस्ती हो गयी. वो मुझे सेक्सी लगती थी. अपनी बातों से मैंने कैसे आंटी को पटा कर चोदा?

सभी दोस्तो, प्यारी लड़कियों, भाभियों और आंटियों को मेरे खड़े लंड का नमस्कार.
मेरी पिछली कहानी थी: जंगल में गर्लफ्रेंड की हंसी को चीखों में बदला

आप सभी से अनुरोध है कि आप अपनी चुत में उंगली डाल कर ही मेरी नयी सेक्स कहानी को पढ़ें.
आपको बहुत मज़ा आएगा.

मुझे फीमेल में सबसे ज़्यादा कुछ पसंद है … तो वो हैं उनके बूब्स. वो भी जिनके बड़े बड़े मम्मे हों, उनके साथ मुझे बहुत मजा आता है.

बहुत दिन बाद आज मैं एक और सेक्स कहानी लेकर आप लोगों के सामने आया हूँ.

ये सेक्स स्टोरी मेरी और मेरी आंटी की है … जो उम्र में मुझसे 7 साल बड़ी हैं. उन आंटी का नाम सविता है. ये सेक्स कहानी हम दोनों की जबरदस्त चुदाई की कहानी है.

मेरी आंटी का फिगर कुछ ऐसा था कि 38-डी के बूब्स … कमर 30 की और उनकी गांड 40 इंच की है.
आंटी बहुत ही मादक औरत हैं. मुझे उनके शरीर में उनके चूचे और उठी हुई गांड ही नज़र आती है … या ये कह लो कि उनके चेहरे से ज़्यादा उनकी चूचियां और गांड ही बड़ी कामुक लगती है.

देखने में आंटी एक बहुत ही सेक्सी लेडी हैं और वो हर वक़्त मुझसे चिपक कर ही बात करती हैं.

ये सेक्स कहानी आज से डेढ़ साल पहले उस समय की है, जब मेरे अंकल बाहर मुंबई में काम करने चले गए थे. तब उनकी कोई औलाद नहीं थी.

मेरे घर में मेरा एक अलग कमरा है और ये घर के सबसे ऊपर मंज़िल पर है. आंटी सबसे नीचे रहती थीं.
मैं रोज रात को सिगरेट का सुट्टा मारने के साथ ही लंड की मुठ मारने के बाद ही सोता हूँ.

मेरी आंटी, अंकल के जाने के बाद छत पर ठंडी हवा में बैठने आ जाती थीं और वहीं पर मुझसे बातें भी करती थीं.

इसी तरह से दिन कट रहे थे.
मैं और आंटी बात करते करते काफ़ी क्लोज़ आ गए थे.
वो धीरे धीरे मुझसे खुल रही थीं.
मैं भी उनके पूरी तरह से खुलने का इंतज़ार कर रहा था कि कब वो मुझसे अपनी सेक्स लाइफ की बात करें.

वो अक्सर रात को छत पर नाइटी पहन कर ही आती थीं और उनके शरीर से बहुत ही मादक महक आती थी.

एक बार मैंने आंटी से पूछ लिया- आंटी, आपके बदन से ये इतनी अच्छी महक कैसे आती है?
इस पर आंटी ने हंस कर जवाब दिया कि मैं रोज नहाने के बाद ही छत पर ठंडी हवा लेने आती हूँ.

आंटी की इस बात पर मेरे मुँह से धीमे से निकल गया- कभी मेरे साथ भी नहा लिया करो.
शायद उन्होंने ये सुन लिया था मगर आंटी सिर्फ़ हल्के से मुस्कुरा दी.

उसके बाद हम दोनों और ज़्यादा खुलने लगे. मैं हमेशा उनके मम्मों को देखने की कोशिश करता रहता था.
वो नीचे ज़मीन पर बैठकर मुझसे बात करती थीं और मैं कुर्सी पर बैठ कर उनके बूब्स देखने की कोशिश करता था.

एक दिन उन्होंने मुझे उनके बूब्स को घूरते हुए देख लिया और वो मुझसे पूछने लगीं- क्या देख रहे हो?
मैंने कुछ जवाब नहीं दिया.
फिर कुछ देर बाद आंटी नीचे अपने कमरे में चली गईं.

इसी तरह रोज हम दोनों की बात होती और मैं उन्हें चोदने की सोचता रहता था, पर वो मुझसे क्या चाहती थीं, ये मेरी समझ में नहीं आ रहा था.

आंटी मेरी किसी बात का बुरा नहीं मानती थीं इसे सोच कर मैं उनसे चुदाई के लिए कहने की सोचने लगा था पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी.

धीरे धीरे हम दोनों और क्लोज़ होते चले गए. मैं उनके सामने सिगरेट भी पीने लगा था.

एक दिन मैं रात को छत पर था, वो आईं और मेरे सामने बैठकर रोने लगीं.
मैंने आंटी से उनके रोने का कारण पूछा, तो उन्होंने कुछ नहीं बताया.

पर जब मैंने उन्हें चुप कराने की कोशिश की तो वो खड़ी होकर खुद ही मेरे सीने से लग कर रोने लगीं.
मैंने उन्हें चुप कराने के बहाने धीरे धीरे यहां वहां टच करना शुरू कर दिया.

अब आंटी का भी हाथ मेरे बदन पर इधर उधर चलने लगा.
मैं समझ गया कि आंटी को जिस्म की प्यास मिटाने की ज़रूरत है.

इसलिए मैंने धीरे से उनके कान के पास जाकर गर्म सांसें छोड़ना शुरू कर दीं. इससे आंटी को भी धीरे धीरे गर्मी चढ़ने लगी.
वो भी सुबकते हुए मेरे बदन को सहलाती जा रही थीं.

फिर मैंने उनके कान के पास एक चुम्मा दे दिया.
इतने में वो मुझसे अलग होकर दूर हट गईं और हम दोनों खामोश हो गए.
वो भी मुझसे कुछ नहीं बोल रही थीं और मैं भी उनसे कुछ नहीं बोल रहा था.

कुछ देर बाद अचानक ही वो मेरे पास आकर मुझे चूमने लगीं. कभी आंटी मेरे गाल पर चूमतीं, तो कभी मेरे होंठों पर, तो कभी गर्दन पर मुझे चूम रही थीं.

उनके चुम्बनों से मेरे मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं- आआअहह बस कीजिए आंटी … मुझसे कंट्रोल नहीं होगा … और कुछ हो जाएगा हम दोनों के बीच में.

इस पर उन्होंने कुछ जवाब नहीं दिया और मुझे लगातार चूमती रहीं.

उसके बाद मैंने भी उनके बदन पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और अपने पसंदीदा मम्मों को धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया.
आंटी ने भी मजा लेना शुरू कर दिया था.

मैं आंटी के मम्मों को नाइटी के ऊपर से जोर जोर से दबा रहा था और वो मुझे चूम रही थीं.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने भी सोच लिया कि आज आंटी को चोद ही देता हूँ, जो होगा सो देखा जाएगा. आज तो आंटी की चुदाई का जी भरके मज़ा ले लेता हूँ.

आंटी के गोरे और सेक्सी बदन का कचूमर बना कर ही दम लूंगा.

ये सोच कर मैंने अब खुल कर उनका साथ देना शुरू कर दिया और मैं भी उन्हें किस करने लगा. उनके कान के पास, उनकी गर्दन पर और उसके बाद नाइटी के ऊपर से ही उनके बूब्स के बीच में सर घिसकर मजा लेने लगा.
आंटी मेरा साथ दे रही थीं.

मैंने उनके होंठ चूसना शुरू कर दिए तो उन्होंने भी अपने होंठ चुसवाने में मेरा पूरा साथ दिया.
हमारी होंठ चुसाई बहुत देर तक चली.

इसी दौरान आंटी का हाथ मेरे निक्कर के ऊपर से मेरे लंड पर चला गया. वो मेरे लंड को ऊपर से सहलाने लगीं.

मैंने भी धीरे धीरे उनके मम्मों को दबाना शुरू कर दिए.

कुछ देर बाद मैंने धीरे धीरे उनकी नाइटी को ऊपर उठाया और उनकी पैंटी के अन्दर हाथ डाल कर आंटी की चुत को मसलने लगा.
इससे वो और ज़्यादा गर्म होकर मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगीं. अब वो भी मेरे निक्कर के अन्दर हाथ डाल कर मेरे लंड को सहलाने लगीं.

फिर उन्होंने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोलीं- तेरा बाबूलाल बड़ी जल्दी खड़ा हो गया. पूरा नाग सा फन फैला कर फनफना रहा है.
मैंने बोला- हां ये अब अपने बिल में जाने का इंतज़ार कर रहा है.

इस पर आंटी बोलीं- तो फिर देर किस बात की है तेरे कमरे में चलते हैं और वहीं पर तसल्ली से बिल में तुम अपने नागराज को घुसा देना.
मैं भी हां कर दी.

मैंने उन्हें उसी तरह आंटी की चुत को सहलाते हुए उन्हें अपने रूम में ले आया.

रूम में आकर मैंने उनकी नाइटी उतार दी. अन्दर आंटी ने ब्रा नहीं पहनी थी नाइटी के अन्दर सिर्फ़ पैंटी ही थी.
नाइटी उतर जाने के बाद आंटी सिर्फ़ पैंटी में ही रह गयी थीं.

मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया. मैंने उन्हें किस करना शुरू कर दिया और उनके मम्मों को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.

आंटी मादक आह भरके बोलीं- ज़रा धीरे धीरे दबाओ यार … दर्द होता है.
पर मैं कहां मानने वाला था.

मैं ज़ोर ज़ोर से आंटी के मम्मों को दबाते हुए उन्हें गर्म करने की सोच रहा था. इसलिए मैंने आंटी को किस करते हुए उनके पेट पर, उनकी नाभि पर किस करने लगा.

इससे वो और ज़्यादा मचल गईं और मेरे सर को पकड़ कर अपनी नाभि में दबाने लगीं.

मैंने धीरे धीरे नीचे जाना शुरू किया और उनकी चुत के ऊपर चूमने लगा.
उनके मुँह से ‘आह अम्म्म उम्म्म ..’ जैसी मधुर आवाजें निकल रही थीं.
मैं पैंटी के ऊपर से उन्हें किस किए जा रहा था.

अब मुझे आंटी को चोदने की बड़ी चुल्ल हो रही थी. उनके गोरे गोरे बदन को देखकर और उनकी बड़ी बड़ी चुचियों को देखकर मेरा मन कर रहा था कि एक धक्के में अपने लंड को चुत के अन्दर कर दूँ.

तब तक आंटी ने बोला कि मेरी तो सिर्फ़ पैंटी बची है … तुम भी तो अपने कपड़े उतारो.

इस पर मैंने उन्हें बोला- जिसको ज़रूरत हो … वो खुद ही उतार ले.

तब उन्होंने मेरी बनियन उतार दी और मेरे निप्पलों को चूसने लगीं.
मुझे गर्मी चढ़ने लगी और मैंने उनकी एक चूची को बहुत ज़ोर से दबा दिया.
आंटी की जोर से आह निकल गई.

फिर उन्होंने मेरी निक्कर को उतार कर मेरे अंडरवियर को भी उतार दिया और मेरे पूरे लंड पर किस करने लगीं.

अब मैंने उन्हें उठाया और उनकी पैंटी को उतार दिया. फिर उन्हें पकड़ कर अपने ऊपर बैठने को बोला.

जैसे ही मैंने उन्हें अपने ऊपर बैठने को बोला, वो मेरी जांघों पर बैठ गईं और अपनी चुत को मेरे लंड पर घिसने लगीं.
इससे मुझे और ज़्यादा मज़ा आने लगा.

मैं धीरे धीरे अपने लंड को पकड़ कर उनकी चुत में अन्दर घुसेड़ने की कोशिश करने लगा.
उन्होंने बोला- रूको … मैं अन्दर कर लेती हूँ इसे.

वो मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत से सटा कर मेरे लंड पर धीरे धीरे बैठने लगीं.
जैसे ही पूरा लंड उन्होंने चुत के अन्दर लिया, मैंने नीचे से एक ज़ोर का धक्का भी मार दिया.
इससे मेरा पूरा लंड उनकी बच्चेदानी से जा टकराया और वो आह आहह आआअहह करने लगीं.

अब मैंने नीचे से ताबड़तोड़ धक्के देने शुरू कर दिए. उनके चूचे भी जोर जोर से हिलने लगे.
मेरी चुदाई का आंटी भी अपनी गांड उछाल कर मज़ा लेने लगीं.

पांच मिनट बाद अचानक से ही आंटी ने बहुत तेज स्पीड पकड़ ली और ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड पर गांड उछालने लगीं.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं आंटी को गाली देने लगा- आह साली रंडी आंटी … कितनी बड़ी चुदक्क़ड़ है तू … आह मेरी रांड सविता … आज तो जी भरके तुझे सारी रात चोदूंगा मेरी चुदक्क़ड़ सविता आंटी.

इस पर वो मादक आवाज में बोलीं- साले, मुझे आंटी मत बोल … मुझे अपनी सविता रखैल बोल … क्योंकि मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है तेरे लंड से चुदने में … आह मैं अब हमेशा ही तुम्ह़ारे लंड से चुदना चाहती हूँ.

आंटी बहुत ज़ोर ज़ोर से लंड पर गांड उछाल रही थीं. धीरे धीरे उनकी स्पीड कम हो गयी … मतलब उनका रस निकल चुका था.

फॅक फॅक की आवाज़ के साथ पूरा कमरा हम दोनों की सिसकारियों से गूंज उठा था.

तभी आंटी बोलीं कि मैं थक गयी हूँ. अब तुम जल्दी से अपना पानी निकाल दो.

पर मेरा मन अभी झड़ने का नहीं था तो मैंने उनको बेड पर चित लिटाया और मैं उनके ऊपर आकर वापस उनकी चुत में अपना लंड घुसा कर धीरे धीरे चोदने लगा.

इससे वो फिर से गर्म होने लगीं और मैं उनकी चुचियों को पकड़ कर धक्के देने लगा.
मैं आंटी के होंठों को भी चूस रहा था.
इस पोज़ में मैं धीरे धीरे ही धक्के लगा रहा था.

उसके बाद मैंने उठ कर धक्के मारने शुरू कर दिए. अब मैंने अपनी स्पीड पकड़ ली और वो ‘आआहह उम्म्म्म इसस्स …’ करते हुए चुदने लगीं.
मैं बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और वो भी फिर से अपनी चुदाई का पूरा मज़ा लेने लगी थीं. मैं उनकी चुचियों को चूसते हुए धक्के मार रहा था.

उनकी चुचियां क्या मस्त उछल रही थीं. मैंने स्पीड और ज्यादा बढ़ा दी और उनकी चुत में ताबड़तोड़ धक्के देने लगा.
आंटी ‘बस बस ..’ बोलने लगी थीं, पर मुझे तो अपना माल अब गिराना था … इसलिए मैंने बहुत ही जबरदस्त धक्के मारने शुरू कर दिए थे.

वे एकदम से रोने सी हो गयी थीं पर मैं अपनी धुन में उन्हें ज़ोर ज़ोर से पेलता जा रहा था.
मेरा माल अब गिरने वाला था … मैंने उनसे बिना पूछे ही अपना माल उनकी चुत में भर दिया और हम दोनों हांफने लगे.

मैं उनकी बड़ी बड़ी चुचियों पर ही गिर गया और आराम करने लगा. उनके होंठों को भी चूसने लगा. वो मुझे हटाने की कोशिश कर रही थीं, पर मैंने उन्हें पकड़ रखा था … इसलिए वो कुछ कर नहीं पाईं.

कुछ देर बाद मैं खुद ही साइड में लेट गया.

आंटी ने बोला- इतनी मस्त चुदाई मेरी कभी नहीं हुई … जैसी आज हुई है. तुमने तो मेरा अंजर पंजर हिला कर रख दिया है.
मैंने बोला- ये तो आज शुरूआत हुई है अब आगे आगे देखो, मैं आपको रोज कैसे कैसे मज़े दूंगा.

इस पर आंटी बोलीं- हां मैं डेली इस तरह की चुदाई चाहती हूँ और तुम्हें मैं चुदाई के और भी नये नये तरीके बताऊंगी.
उनकी इस बात पर मैं हंस दिया- आप क्या बताओगी … आप बस चुदाई का मज़ा लो.

इस तरह उस रात मैंने आंटी को जी तोड़ चोद कर मज़ा देकर खुश कर दिया.

तो दोस्तो कैसी लगी मेरी आंटी की गर्म चुदाई की कहानी … मुझे मेल करके बताइएगा.

इसके बाद मैं आपको अपनी सेक्सी आंटी की और भी चुदाई की कहानी बताऊंगा कि कैसे मैंने उनकी गांड मारी और कैसे मैंने उनके साथ गंदा सेक्स किया.

अपनी आंटी के साथ मेरी एक ब्रूटल सेक्स की भी स्टोरी है, वो भी बताऊंगा.
पहले आप मेल करके मेरा हौसला बढ़ाइये … फिर मज़ा लीजिए आंटी की गंदी चुदाई की कहानी का!
धन्यवाद.
मेरी ईमेल आईडी है [email protected]

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