शादी वाले दिन के मेरे कारनामे- 1

(Video Call Sex With fiancé)

वीडियो कॉल सेक्स विद फियांसे में मैंने अपने को बहुत भोली-भाली दिखाया पर अपनी चूत में खीरा डाल कर चूत की सील टूटने का नाटक किया ताकि पहली रात को उसे शक ना हो.

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मेरी पिछली कहानी
भाई से चूत चटवा कर शांति मिली
में आपने पढ़ा कि पापा के दोस्त की वासना भरी दृष्टि मेरी देह यष्टि पर थी. मुझे भी यह अच्छा लग रहा था.
पर वे अपने बेटे का रिश्ता मेरे लिए लेकर आ गए.
हमारी सगाई भी हो गयी.

अब आगे वीडियो कॉल सेक्स विद फियांसे:

खैर … इधर इंगेजमेंट के बाद रोहित (मेरे होने वाले पति) का अक्सर फोन आने लगा और वे अक्सर रात में देर-देर तक फोन पर बात करते थे।
रोहित की बातचीत से मैं जान चुकी थी कि उसे एकदम सीधी सादी, भोली और ऐसी लड़की जो हाईटेक न हो … पसंद है जिसे कुछ ज्यादा पता न हो।
मैं भी फोन पर उसी तरह बात करती थी।

मेरी बातचीत से रोहित एकदम मुझे भोली-भाली समझते थे।
हालांकि मुझे मन में हमेशा इस बात का भी डर बना था कि कहीं सुहागरात में रोहित का लण्ड मेरी चूत में आराम से अंदर चला गया और मुझे दर्द न हो तो उन्हें शक न हो कि मैं चूत में पहले से लण्ड ले चुकी हूँ।

खैर … धीरे-धीरे रोज बात होते-होते बात सेक्स तक पहुँची।

वे मुझसे पूछते कि मुझे क्या पसंद है कभी पॉर्न मूवी देखी है या नहीं। कभी सेक्स स्टोरीज पढ़ी है या नहीं। कभी हस्तमैथुन किया है या नहीं।
मतलब इस तरह की और भी बातें।

मैं ऐसे नाटक करती कि जैसे सेक्स के बारे में मैं कुछ जानती ही नहीं हूँ।

धीरे-धीरे बातचीत और आगे बढ़ी अब रात में वीडियो कॉल में रोहित मेरी चूची, चूत और गांड को देखने लगे थे।

एक दिन मेरी चूत देख कर वे काफी उत्तेजित हो गये और वीडियो कॉल के दौरान ही मुठ मारने लगे और मुझे भी मुठ मारने के लिए बोलने लगे।
मैंने पहले तो चूत में उंगली डाल कर दिखाई, फिर ऐसा महसूस कराया कि जैसे मुझे भी मजा आ रहा हो।

फिर ये अक्सर होने लगा कि मैं वीडीयो कॉल के दौरान वह मुठ मारते और मैं भी चूत में उंगली करती थी।

एक दिन मैंने खुद ही उनसे कहा- आपका लण्ड देखकर मुझे भी चूत में उसी के बराबर डालने का मन हो रहा है। अगर आप कहें तो मैं चूत में खीरा डाल कर देखूं?
रोहित इतने मूड में थे कि उन्होंने तुरंत हाँ कर दिया।
वे भी शायद देखना चाहते थे।

मैं रात में धीरे से किचन में आयी और फ्रिज से एक खीरा निकाल कर सीधा कमरे में आयी।

उसके बाद उसमें थोड़ा क्रीम लगाकर वीडियो कॉल में रोहित को दिखाते हुए मैं चूत में हल्का सा डालने लगी।

रोहित को दिखाते हुए मैंने कहा- ये जा नहीं रहा अंदर!
तब रोहित ने मुझे चूत और खीरे को थोड़ा और चिकना करने को कहा।

दरअसल वे इतने उत्तेजित हो गये थे कि मुझे चूत में खीरा डालकर देखते हुए मुठ मारना चाहते थे।

बस मुझे इसी बात का इंतज़ार था मैंने खीरे में एक्स्ट्रा क्रीम लगायी और चूत में डालने लगी.
फिर अचानक मैंने मुंह से तेज ‘उईईई ईईईई ईईई’ करके आवाज निकाली और फोन को काट दिया।

इसके बाद रोहित ने कई बार कॉल किया लेकिन मैंने फोन नहीं उठाया।

फिर करीब दो घंटे बाद मैंने उन्हें कॉल किया।
वे बोले- क्या हुआ था?
मैंने आवाज में थोड़ा दर्द लाते हुए कहा- जैसा आपने कहा था, वैसे ही मैंने खीरे और चूत में ज्यादा तेल लगा लिया था और जैसे ही खीरे को थोड़ा जोर लगाकर अंदर डालने की कोशिश की तो झटके से खीरा पूरा अंदर चला गया मुझे अंदाजा नहीं था कि ऐसा होगा। मुझे बहुत तेज दर्द हुआ और मेरी चूत से खून निकलने लगा था जो बेड पर भी फैल गया। मैं डर गयी थी. कुछ देर खीरा उसी तरह अंदर था. जब दर्द कम हुआ तो मैंने खीरा बाहर निकाला और बेडशीट बदली।

रोहित बोले- अरे इसमें डरने की कोई बात नहीं है. जब पहली बार चूत में कुछ जाता है तो चूत की सील टूट जाती है जिससे खून निकलता है।
फिर वे बोले- सुहागरात में जब पहली बार सेक्स होता है तो उसमें अक्सर लड़कियों की चूत से खून निकलता है।

मैंने भोली बनते हुए कहा- आपने ही कहा था वरना मैं थोड़ी डाल रही थी।
रोहित बोले- कोई बात नहीं, ऐसा हो जाता है।

फिर मैंने पूछा- क्या सुहागरात में फिर इसी तरह खून निकलेगा और मुझे दर्द होगा?
रोहित बोले- नहीं, अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि तुम्हारी सील खीरे से ही टूट गयी है। तो अब जब हम सेक्स करेंगे तो तुम्हें दर्द नहीं होगा।

उसके बाद कई बार ऐसा हुआ कि रोहित कॉल पर मुझसे हस्तमैथुन के लिए कहते और मुझे देखकर खुद मुठ मारते।
मैं भी चूत में कभी खीरा, कभी बैगन तो कभी मूली डालकर हस्तमैथुन करती।

इस वीडियो कॉल सेक्स विद फियांसे से सुहागरात में चूत से खून नहीं निकलने वाला डर मेरे मन से निकल गया था।
और दूसरी तरफ रोहित के मन में पक्का यकीन हो गया था कि मैं एकदम सीधी-सादी और भोली लड़की हूँ जिसे सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता।

ख़ैर शादी का दिन आ गया।
सारे रिश्तेदार घर में इकट्ठे हो गये थे।

ज्योति और उसके मम्मी-पापा भी शादी में आये थे।

मेरी शादी का सारा इंतजाम एक होटल में हुआ था।
होटल में ज्योति ही पूरे दिन मेरे साथ थी।

शाम को सोनू मुझे कार से पार्लर लेकर गया दुल्हन के मेकअप और कपड़े पहनने के लिए!
हमारे साथ में ज्योति भी गयी थी।

जब दुल्हन के लहंगे और चोली में मेकअप करवा कर बाहर आयी तो सोनू कार में इंतजार कर रहा था।
मुझे देखते ही भाई बोला- कसम से दीदी … क्या माल लग रही हो। सुहागरात में तो जीजा जी बातें बाद में करेंगे पहले लहंगा उठाकर चुदाई शुरू कर देंगे।

मैंने हंसते हुए उसे थप्पड़ मारा और बोली- चलो पहले शादी तो होने दो!
ज्योति भी हंसने लगी।

मैं और ज्योति कार में बैठ गई और सोनू गाड़ी चलाने लगा।

ज्योति बोली- सच गरिमा, बहुत सुंदर लग रही है तू!
फिर हंसकर कमेंट करते हुए बोली- वैसे एक बात बता कि ऊपर ही सजी हो या नीचे भी कुछ किया है?
मैंने आँख मारते हुए कहा- वहाँ का मेकअप तो मैंने आज सुबह ही कर लिया था नहाने के टाइम। एक भी बाल नहीं हैं आसपास, एकदम चिकना कर लिया है हेयर रिमूवर क्रीम से!

जैसे ही सोनू ने ये सुना तो गाड़ी चलाते हुए बोला- अरे वाह … प्लीज दीदी एक बार दिखा दो अपनी चिकनी चूत!
मैंने हंसते हुए कहा- चुपचाप गाड़ी चलाओ, चूत देखने के चक्कर में कहीं गाड़ी न भिड़ा देना!

सोनू फिर जिद करते हुए कहा- प्लीज, दीदी एक बार दिखा दो, झाँटें साफ करने के बाद कहाँ कभी देखी है तुम्हारी चूत!

इस पर ज्योति हंसते हुए बोली- क्यों झूठ बोल रहा है … जब इसकी चूत पर बाल भी नहीं आये थे तब से तो तू इसे चोद भी रहा है और चाट भी रहा है।
इस पर हम तीनों हँस दिये। सोनू फिर रिक्वेस्ट करते हुए बोला- प्लीज दीदी एक बार दिखा दो न।

मैंने कहा- अरे तो यहीं देखेगा क्या रास्ते में?
सोनू बोला- ओके … रास्ते में दिखा नहीं सकती तो कम से कम थोड़ा सा सहला तो सकता ही हूँ।

मैंने कहा- मतलब तू यहीं रास्तें में गाड़ी चलाना छोड़कर मेरी चूत सहलाएगा।
सोनू बोला- अरे तुम बस हाँ तो करो … गाड़ी ज्योति दीदी चला लेगी, मैं पीछे आकर बैठ जाता हूँ।

ज्योति हंसती हुई बोली- यार मान जा ना!
फिर वह सोनू से बोली- तू गाड़ी किनारे कर के रोक और पीछे आ … मैं चलाती हूँ गाड़ी!

मैंने कहा- तू बड़ा साइड ले रही है उसका … तू ही क्यों नहीं करवा लेती?
ज्योति मुझसे आँख मारते हुए बोली- तू जब अंदर मेकअप करवा रही थी तो बाहर गाड़ी में तबसे मेरी ही चूत तो सहला रहा था।

मैं ज्योति को थप्पड़ मारते हुए हँसकर बोली- अच्छा मतलब तुम दोनों गाड़ी मैं बैठकर यही कर रहे थे।

इतनी देर में सोनू ने गाड़ी सड़क के किनारे कर रोक दी और बाहर निकल कर ज्योति की तरफ का दरवाजा खोल दिया और उससे बोला- दीदी, प्लीज तुम चलाओ न गाड़ी!

ज्योति हंसते हुए गाड़ी से उतर गयी और आगे चली गयी।
सोनू मेरे बगल आकर बैठ गया।

ज्योति ने गाड़ी चलाने से पहले रियर व्यू मिरर को ऐसा सेट किया कि वह हम दोनों की हरकतों को देख सके।
वह हंसती हुई बोली- गाड़ी चलाते समय पीछे तो नहीं देख सकती इसलिए इससे तुम दोनों को देखती रहूँगी कि क्या कर रहे हो।

फिर ज्योति गाड़ी चलाने लगी।

सोनू बोला- तो शुरू करें दीदी?
मैंने कहा- हाँ बिना कुछ किये कहाँ मानने वाला है तू!
यह कहकर मैंने सीट पर बैठे-बैठे लहंगे को नीचे से पकड़ा और पूरा उपर उठाकर अपनी कमर के पास रख लिया।
जिससे मेरी गोरी-गोरी चिकनी जांघें एकदम नंगी हो गयीं।

फिर पैरों को हल्का सा फैलाती हुई मैं सोनू से बोली- बस एक बार छूकर देख ले … उससे ज्यादा कुछ मत करना. वरना थप्पड़ मारूंगी।

सोनू ने बिना कुछ बोले मुस्कुराते हुए पहले हाथों को थोड़ी देर जांघों पर फेरा और फिर एक हाथ सीधा ले जाकर मेरी पैंटी के ऊपर रख दिया और फिर पैंटी के ऊपर से पहले चूत को सहलाया।
फिर उसने पैंटी के अंदर हाथ डालने की कोशिश की तो हाथ ठीक से अंदर नहीं जा पा रहा था।

जिस पर उसने कहा- दीदी थोड़ा आगे की तरफ खिसक कर बैठ जाओ ना … पैंटी में हाथ नहीं जा पा रहा है।

सच कहूं तो मैं भी थोड़ा मजा लेना चाह रही थी लेकिन ऊपर से जाहिर नहीं कर रही थी।
मैंने कहा- एक मिनट रुक!

फिर मैंने हल्के से अपनी कमर उठायी और दोनों हाथ से पैंटी को पकड़ कर घुटनों तक कर दिया और थोड़ा आगे खिसक कर बैठ गयी।

फिर सोनू ने लहंगे के अंदर अपना हाथ डाला और मेरी नंगी चिकनी चूत को सहलाने लगा।

चूत को सहलाते हुए सोनू बोला- अरे वाह दीदी … कितनी सॉफ्ट और चिकनी है तुम्हारी चूत!
मैंने मुस्कुराती हुई कहा- बोल तो ऐसे रहे हो जैसे आज पहली बार मेरी चूत को सहला रहे हो।

फिर मैंने थोड़ा नखरा दिखाती हुई कहा- अब हो गया ना … बस अब हाथ हटाओ और पैंटी पहनने दो।

इस पर सोनू बिना हाथ हटाए चूत सहलाते हुए ही बोला- प्लीज दीदी … होटल तक करने दो ना! गाड़ी के अंदर कोई झांक कर थोड़ी देख रहा है।

ज्योति गाड़ी चलाती हुई हम दोनों की हरकतों को देख रही थी.
वह हंसती हुई बोली- अरे क्यों मना कर रही हो बेचारे को … आज कर लेने दो उसे जो वह कह रहा है। वैसे भी शादी के बाद कौन सा वह रोज-रोज तेरे पास जाएगा।
मैंने कहा- तू बड़ा पक्ष ले रही है। तुझे तो मजा आ रहा है शीशे में देखकर!

सोनू बोला- प्लीज दीदी … मान जाओ न!
सच कहूँ तो मेरा भी मन था और मजा भी आ रहा था इसलिए मैंने कहा- चल ठीक है अच्छा!

सोनू बोला- दीदी थोड़ा पैर और फैलाओ ना।
मैंने थोड़ा जांघों को थोड़ा फैलाने की कोशिश की लेकिन पैंटी जो घुटनों तक थी उसकी वजह से पैर ज्यादा नहीं फैल पा रहा था।
सोनू समझ गया कि मैं पैंटी की वजह से पैर नहीं फैला पा रही हूँ।

तो उसने कहा- एक मिनट रुको।
फिर चूत से हाथ हटाकर पैंटी को पकड़ कर पूरा नीचे कर दिया और फिर झुककर उसने बारी-बारी से मेरे दोनों पैरों को उठाकर पैंटी पूरी निकाल दी।

मैं बोली- पागल है क्या … पैंटी पूरी क्यों निकाल दी? होटल में कैसे जाऊंगी।

उसने पैंटी मुझे देते हुए कहा- लो इसे अपने पर्स में रख लो। अरे लहंगे में कोई झाँक कर देख रहा क्या कि तुमने नीचे पैंटी पहनी है कि नहीं। रूम में जाकर पहन लेना और क्या!

मैं थोड़ा नखरा दिखाकर सोनू को डाँटती हुई पैंटी को जल्दी से पर्स में रखने लगी।

इतनी देर में सोनू ने अपने लोअर को खिसका कर जांघ तक कर दिया जिससे उसका लण्ड बाहर आ गया।
इतने देर में सोनू का लण्ड अभी थोड़ा ढीला था जिसमें हल्का-हल्का सा तनाव आ रहा था।

फिर मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया और बोला- थोड़ा इसे भी हिलाती रहो।

यह कहकर उसने दोबारा अपना एक हाथ मेरे लहंगे के नीचे डाला और चूत को सहलाने लगा।
मैंने खुद ही जांघों को फैला दिया और सोनू को चूत सहलाने के लिए पूरी जगह दे दी।

अब मैं उसका लण्ड हिलाती हुई मजे से अपनी चूत सहलवा रही थी।

करीब एक-दो मिनट तक लण्ड हिलाते रहने के बाद धीरे-धीरे सोनू के लण्ड में तनाव आने लगा था लेकिन अभी पूरी तरह खड़ा नहीं हुआ था।

मैंने कहा- क्या बात है? आज तेरा खड़ा होने में टाइम ले रहा है। नहीं तो इतनी देर में तो तेरा एकदम टाइट हो जाता है।

ज्योति हंसती हुई बोली- वह तो टाइम लेगा ही … अभी एक राउंड मेरे मुँह माल निकाल चुका है।
सोनू ज्योति की तरफ इशारा करते हुए बोला- अच्छा … और सहला-सहला कर जो तुम्हारी चूत का पानी निकाला है वो?

मैं चौंक गयी और हंसती हुई बोली- अच्छा मतलब तुम लोग यही कर रहे गाड़ी में तबसे और अब बता रहे हो धीरे-धीरे!
ज्योति हंसती हुई बोली- तेरी तरह मेरी भी पैंटी मेरे बैग में है। स्कर्ट के नीचे नंगी हूँ।

ज्योति ने लॉन्ग स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था।

हम तीनों हंस दिये।

चूत सहलाते हुए ही सोनू बोला- वैसे दीदी … तुम्हारी होने वाली ननद भी मस्त माल है। शादी के बाद मेरे लिए कोशिश करना।
मैं हंसती हुई बोली- मतलब मैं तुम्हारे लिए यही करती रहूँ। शादी के पहले अपनी दोस्त (ज्योति) को तेरे लिए पटाऊँ और शादी के बाद अपनी ननद को!
सोनू बोला- अरे बस एक बार … फिर कोई डिमांड नहीं करुँगा।

मैंने कहा- अगर वह भी मेरी तरह ही अपने भाई मतलब तेरे होने वाले जीजा से चुद चुकी हो तो?
सोनू हंसते हुए बोला- अरे वाह … फिर क्या तब तो और मजे हैं। जब मैं तेरी ससुराल आऊंगा तो तेरे पति अपनी बहन की और मैं अपनी बहन की चुदाई करेंगे।

इस पर हम तीनों हँस दिये।

होटल ज्यादा दूर नहीं था तो करीब पाँच मिनट बाद ही ज्योति बोली- अब कपड़े ठीक कर लो तुम दोनों … बस होटल पहुँचने वाले हैं।
जिसके बाद सोनू ने अपने लोअर को ऊपर करके पहन लिया और मैंने भी अपने लहंगे को नीचे करके ठीक से बैठ गयी।

लेकिन सोनू के सहलाने से एक्साइटमेंट में मेरी चूत में हल्का सा पानी आ गया था और चूत गीली हो गयी।

सोनू बोला- दीदी एक बात बोलूँ?
मैंने कहा- बोल, अब क्या नयी फरमाइश है?

सोनू- एक बार दुल्हन के लहंगे में कर लेने दो।
मैंने हंसते हुइ कहा- मतलब अभी सिर्फ देखना चाहता था अब चुदाई करने का भी मन करने लगा। एक-दो साल में तेरी भी शादी हो जाएगी फिर अपनी ही दुल्हन का लहंगा उठाकर मजे लेना।

सोनू- अरे दीदी … प्लीज मान जाओ न … तुम्हें दुल्हन में देखकर बहुत मन हो रहा है! बस एक बार कर लेने दो।

ज्योति बोली- अरे बेचारे का मन कर रहा है तो एक बार कर लेने दे ना!
मैं- तू ही क्यों नहीं करवा लेती।
ज्योति- अरे मैं कब मना कर रही हूँ? लेकिन जब बेचारे को तुझे दुल्हन बनी देख तेरे साथ ही मन कर रहा है करने का कोई क्या करे!

खैर … इन सब बातचीत के बीच हम होटल पहुँच गये।

यह कहानी अभी लम्बी चलेगी.
आप वीडियो कॉल सेक्स विद फियांसे कहानी पर अपने विचार मुझे भेजते रहिये.

वीडियो कॉल सेक्स विद फियांसे कहानी का अगला भाग: शादी वाले दिन के मेरे कारनामे- 2

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