मालगाड़ी में भाई और अनजान से चुदाई का रोमांचक सफर- 1

(Sex Talk with Brother)

सेक्स टॉक विद ब्रदर कर रही थी मैं जब मेरा भाई मुझे लेने मेरे ससुराल आया और मैं उसके साथ मालगाड़ी के गार्ड के केबिन में सफर कर रही थी.

नमस्ते मैं गरिमा हूं।
जैसा कि पिछली कहानी
ससुराल में चुदाई की कामुक दास्ताँ
में आपने पढ़ा था कि आंधी की वजह से हमारी कार पर पेड़ गिर जाने की वजह से मैं और सोनू कार की बजाय ट्रेन से वापस घर आना चाहते थे.
लेकिन ट्रेन भी छूट जाने के कारण ससुर जी के एक गार्ड दोस्त के कहने पर और साथ ही कोई और ऑप्शन ना होने की वजह से हम दोनों गार्ड अंकल के साथ मालगाड़ी से घर जाने के लिए तैयार हो गये थे।

इस दौरान रास्ते में क्या-क्या हुआ, वो मैं आपको इस सेक्स टॉक विद ब्रदर कहानी में बताने जा रही हूं।

गार्ड वैन के अंदर जाने पर हमने देखा कि वैन के अंदर दोनों साइड एक लोहे की कुर्सी और और एक बेंच बनी हुई थी।
हमने सामान और बैग रख दिया साइड में बनी लोहे की बेंच पर बैठ गये।

अंकल बाहर हरी झंडी लेकर खड़े थे.

फिर जब ट्रेन स्टेशन से बाहर आ गयी तो वो अंदर आ गये और एक साइड में खिड़की के सामने लगी कुर्सी पर पर बैठकर कुछ देर तक वॉकी-टॉकी पर बात कर रहे थे.
उसके बाद वो कुछ कागजी काम करने लगे।

ट्रेन चल धीरे-धीरे स्पीड पकड़ रही थी।

अंकल मोटी रजिस्टर और कागज पर अपना कुछ लिखने में बिजी थे.
वहीं हम दोनों बिना बात किये चुपचाप बैठे थे।

ट्रेन की स्पीड ज्यादा तो नहीं थी लेकिन उसके चलने की खटपट-खटपट की तेज आवाज अंदर आ रही थी।

वैन के अंदर थोड़ा अंधेरा लग रहा था तो मैंने पूछा- अंकल लाइट नहीं है क्या इसमें?
इस पर अंकल बिना हमें देखे कागज पर ही काम करते बोले- पहली बार चल रहे हो ना मालगाड़ी में!
हम दोनों ने एक साथ हां बोला तो अंकल फिर सिर उठाकर हमारी तरफ देखे और बोले- इसमें लाइट नहीं होता।

ये कहकर वो फिर कुछ अपना काम करने लगे।

मैंने सोनू से धीरे से कहा- चल बाहर चल कर खड़े होते हैं।
सोनू मुस्कुराते हुए बोला- हां चलो, आज मालगाड़ी में चलने का भी मजा लेते हैं।

फिर हम दोनों उठकर बाहर की तरफ आने लगे।
इस पर अंकल हम लोगों की तरफ देखते हुए बोले- ठीक से पकड़ कर खड़े होना. मालगाड़ी में थोड़ा झटके लगते हैं।
हम दोनों बिना कुछ बोले सिर्फ हां में सिर हिला दिये और फिर बाहर आ गये।

हम दोनों पहली बार मालगाड़ी (Goods Train) के गार्ड वैन में सफर कर थे।

बारिश की वजह से मौसम काफी सुहावना था.
गाड़ी के चलने से ठंडी-ठंडी हवा लग रही थी।
बीच-बीच में कहीं-कहीं हल्की बारिश भी होने लग रही थी।

अभी अंधेरा तो नहीं हुआ था लेकिन बादलों की वजह से शाम थोड़ी घनी लग रही थी।
सिर्फ ट्रेन की पटरियों की आवाज आ रही थी।
ऐसा लग रहा था कि पूरी ट्रेन में सिर्फ हम तीन ही लोग चल रहे हैं।

कुल माहौल थोड़ा रोमांचक भी लग रहा था और मजा भी आ रहा था।

मैं खुश होते हुए सोनू से बोली- बाहर तो ज्यादा मजा आ रहा है। पहले तो मैं सोच रही थी कि मालगाड़ी में कैसा लगेगा लेकिन कोई ऑप्शन नहीं था तो हां बोल दिया लेकिन अब अच्छा लग रहा है। कम से कम ट्रेन की भीड़ भाड़ और धक्का मुक्की से दूर आराम से चल रहे हैं।

सोनू चिकोटी काटकर आंख मारते हुए बोला- लेकिन कभी-कभी ट्रेन की भीड़ भाड़ और धक्का मुक्की फायदेमंद भी होती है। इसी भीड़ भाड़ में ही तो मेरी पहली बार मेरी लॉटरी लगी थी।

दरअसल सोनू और हमारे बीच चुदाई की शुरुआत ट्रेन में ही हुई थी।
उस कहानी को आप यहां
मेरी चढ़ती जवानी के रोचक प्रसंग- 1
पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

इस पर मैं बिना कुछ बोले थप्पड़ मारते हुए हंसने लगी।

सोनू ने फिर पलट कर अंदर केबिन की तरफ देखा, जहां अंकल नीचे कागजों में कुछ लिखने में बिज़ी थे.

उसके बाद धीरे से मेरी गांड पर थपकी देता हुए मुस्कुराकर बोला- वैसे सच कहूं तो आज ही तो मालगाड़ी में असली माल चल रहा है। साथ ही में मस्त गांड भी है। मतलब मालगाड़ी में माल और गांड दोनों हैं।

इस पर हम दोनों तेजी से हंस दिये।

सोनू बोला- चलो ना यहीं बाहर ही बैठ जाते हैं और आराम से बातें करते हुए चलते हैं।
मुझे भी बाहर अच्छा लग रहा था तो मैं भी तैयार हो गयी।

फिर हम बाहर ही गार्ड वैन के किनारे लगी रेलिंग पर पीठ टिकाकर आराम से पालथी मारकर अगल-बगल बैठकर बातें करने लगे।

ट्रेन के अगल-बगल कभी खेत तो कभी सिर्फ झाड़ियां और पेड़ दिख रहे थे।
कभी-कभी दूर खेत-खलिहानों के बीच दिख रहे गांव के कच्चे घरों से उठते धुएं और उसकी महक से माहौल और भी खूबसूरत हो गया था।
अंधेरा तेजी से घना हो रहा था।

ट्रेन की खटपट की आवाज़ इतनी तेज थी कि हम दोनों की बातें अंदर बैठे अंकल सुन ही नहीं सकते थे इसलिए हम आराम से बातें करने लगे।

मेरे बाहर आकर बैठने की एक वजह ये भी थी कि क्योंकि मुझे घर पहुंचे से पहले ही सोनू को को वो बातें बतानी थी जो ससुर जी ने मम्मी, पापा, बुआ के बारे में बतायी थीं।

घर पहुंचने से पहले मैं रास्ते में ही उसे ये सब बता देना चाह रही थी कि कहीं मम्मी के बारे में सुनकर सोनू गुस्सा का मूड खराब ना हो जाए।
अगर ऐसा कुछ होगा तो रास्ते में ही उसे मना लूंगी।

कुछ देर इधर-उधर की बात के बाद सोनू मुस्कुराते हुए बोला- आज पहली बार तुम्हारी ससुराल आना भी यादगार हो गया। मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि इतना मज़ा आएगा। जब तुम नंगी मेरी गोद में बैठकर लण्ड पर उछल रही थी कसम से मज़ा आ गया था।

मैं हंसते हुए बोली- बोल तो ऐसे रहे हो जैसे पहली बार तुम्हारी गोद में नंगी बैठी थी।

सोनू- अरे पहली बार तो नहीं था लेकिन शादी के बाद तो पहली बार था ना! हाथ में चूड़ियां, गले में मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर भरे जब तुम नंगी मेरी गोद में बैठी मेरे लण्ड पर उछल रही थी तो वाकई में बहुत सुंदर लग रही थी। मन कर रहा था ऐसे ही तुम्हें गोद में लिए दिन रात चोदता रहूं।

सोनू की बात मैं तेज हंसने लगी और बोली- शादी के बाद पायल भी ऐसे ही चूड़ियां, मंगलसूत्र और सिंदूर लगाए तेरी गोद में उछलेगी।
सोनू आंख मारते हुए बोला- वो तो तुम भी जीजा जी की गोद में इस तरह उछलती होगी. लेकिन जो मजा बहन में है वो मजा बीवी में कहां!

मैं हंसते हुए बोली- हां तुम मजा भी तो कुछ ज्यादा ही लिए हो। बेचारे ससुर जी तो ज्यादातर देख ही रहे थे। वो तो बाद में जाकर थोड़ा मजा उन्हें भी मिल गया।

सोनू हंसते हुए बोला- तेरे ससुर जी सोच रहे होंगे कि मैं पहली बार अपनी बहन का दूध पी रहा हूं. लेकिन उन्हें क्या पता कि बचपन में मम्मी का और जवानी में तुम्हारा दूध पीकर ही बड़ा हुआ हूँ।

मैं हंसते हुए सोनू की पीठ पर मुक्का मारकर बोली- वैसे मेरे ही नहीं, पायल से शादी के बाद वो तुम्हारे भी ससुर बन जाएंगे और वो घर तुम्हारी ससुराल!

सोनू बोला- अरे दीदी … शादी तक कौन इंतज़ार करेगा. थोड़ा पहले ही सेटिंग करा दो ना पायल से। फिर पायल के साथ थ्रीसम किया जाएगा। सोचो अभी ससुर जी के साथ थ्रीसम में इतना मज़ा आया है तो जब पायल के साथ तो और भी मजा आएगा।

मैं हंसते हुए बोली- अरे पहले तेरे जीजा और पायल के साथ मुझे तो थ्रीसम कर लेने दे!

दरअसल, ससुराल में मैं जो कुछ करती थी वो सब मैं अधिकतर सोनू को फोन पर बताती रहती थी।
इसलिए चाहे ससुर जी के साथ चुदाई वाली बात हो, पायल के साथ लेस्बियन सेक्स वाली बात, पायल को उसके भैया से चुदवाने की प्लानिंग। ये सब सोनू को पता थीं।
बस पायल और ससुर जी वाली बात उसे अभी तक नहीं पता थी क्योंकि ये प्लान मेरे दिमाग में अचानक आया था और अचानक ही इसमें सब कुछ तेजी से होने लगा था कि सोनू को बताने का मौका भी नहीं मिला।

मेरी बात पर सोनू बोला- वैसे तुझे क्या लगता है, ये सब इतना आसान है क्या? पायल को चोदने के लिए जीजा जी को तैयार कैसे करोगी?
मैं मुस्कुराते हुए बोली- तेरे जीजा भी तेरी ही तरह हैं, उनके अंदर भी फैमिली सेक्स की फैंटेसी बहुत है। भाई-बहन की पॉर्न मूवी खूब देखते हैं वो! बस बेचारे अपने अरमान दिल में छुपाकर बैठे हैं। लेकिन जिस दिन मौका मिला पायल को चोदने का, छोड़ेंगे नहीं वो!

फिर आंख मारकर बोली- फिर तेरी तरह ही वो भी डायलॉग मारेंगे “जो मजा बहन मैं है वो बीवी में कहां।”

मेरी बात पर सोनू हंसने लगा.

अभी वो कुछ कहता, तभी मैंने फिर बोला- वैसे तू तो व्हाट्सएप पर उनसे खूब चैटिंग करता है। फैमिली सेक्स की मीम भी भेजता है उन्हें। तो तू ही ट्राई कर हो सकता है तुझसे अपनी फैंटेसी बता दें वो। वैसे वो बाई-सेक्सुअल भी हैं इसलिए ट्राई कर सकता है। तू भी तो हॉस्टल में जाने के बाद से बाई-सेक्सुअल हो गया है।

सोनू हंसते हुए बोला- चलो अगर तुम अपने प्लान में फेल होना तो बताना, मैं ही ट्राई करुंगा।

फिर आगे बोला- वैसे अगर मान लेते हैं कि जीजा जी खुद ही पायल को चोदना चाहते हैं तो बड़ी आसानी से लाइन पर आ जाएंगे लेकिन पायल का क्या, उसे कैसे तैयार करोगी भाई से चुदने के लिए?

मैं मुस्कुराते हुए बोली- अरे वो सब तू मेरे ऊपर छोड़ दे। वो भी करीब-करीब लाइन पर आ चुकी है अब तो उसे भी फेमिली सेक्स की फैंटेसी में मज़ा आ रहा है। चोरी से अपने भाई और भाभी की चुदाई देखकर चूत में उंगली करती है। भाई के लंड के बारे में बात करती है। देखना खुद ही मुझसे बोलेगी कि ‘भाभी प्लीज़ मुझे भैया से चुदवा दो।’

सोनू मुस्कुराते हुए बोला- हां … हां … तुम तो ज्यादा जानती होगी पायल के बारे में, तुम दोनों भी तो अपना सब कुछ शेयर कर रहे हो एक-दूसरे के साथ!

फिर मेरे गाल पर चिकोटी काटता हुआ बोला- वैसे उसकी जवानी का सारा रस तो तुम ही पी रही हो आजकल! अरे कुछ हम लोगों के लिए भी छोड़ दो!

मैं भी मजे लेते हुए बोली- तो तुमने ही कौन सा अपने जीजा के लिए रस छोड़ा था। शादी से पहले मेरा सारा रस भी तो तुम ही पी रहे थे।

जिस पर हम दोनों हंस दिये फिर मैं बोली- अच्छा एक बात पहले बताओ। मान लो तेरी शादी पायल के साथ तय हो जाती है। लेकिन उसके पहले ही तेरे जीजा उसे चोद चुके हों तो?
सोनू हंसकर हुए मुझे चिकोटी काटते हुए बोला- वाह … फिर तो और मजा आएगा। शादी के बाद सुहागरात दुल्हन अपने भाई के साथ और दूल्हा अपनी बहन के साथ मनाएगा।

मैं हंस पड़ी फिर मुस्कुराते हुए बोली- वैसे एक बात और बताऊं तुझे!
सोनू थोड़ा एक्साइटेड होते हुए पूछा- अरे क्या … बताओ … क्या कुछ मामला आगे बढ़ गया क्या पायल और जीजा जी का?
मैं थोड़ा रहस्यमयी मुस्कान के साथ बोली- अरे अभी वहां तो नहीं लेकिन किसी और के साथ मामला आगे बढ़ रहा है।

सोनू हैरानी से- मतलब! किसके साथ?
मैं मुस्कुराते हुए बोली- अरे अभी हुआ कुछ नहीं है लेकिन अगर सब सही से हुआ तो भाई से पहले अपने बाप से चुदेगी तेरी होने वाली बीवी!

ये सुनते ही सोनू की आंखें आश्चर्य से फैल गयीं और चहकते हुए तेज आवाज़ में पूछा- सच में?
मैं उसके पैर पर चिकोटी काटते हुए बोली- पागल है क्या, चिल्ला क्यों रहा है। धीमे बोल ना!

सोनू फिर संभलते हुए बोला- कब से चल रहा है तुमने बताया नहीं मुझे.
मैं मुस्कुराते हुए बोली- अरे बोल तो रही हूं कि अभी कुछ हुआ नहीं है, बस मामला आगे बढ़ रहा है अभी।

फिर मैंने ससुर जी और पायल वाली सारी बात शुरू से आखिरी तक सोनू को बता दी।

पूरी बात सुनने के बाद खुशी और एक्साइटमेंट दोनों भाव सोनू के चेहरे पर साफ पता चल रहे थे।

वो बोला- उफ्फ दीदी, तो कुछ दिन और रुक जाती। पायल को सेट कर दिया होता पापा जी के साथ तब आती होली में घर!

फिर आंख मारते हुए बोला- फिर बहू के घर जाने के बाद वो आराम से बेटी से मजे लेते।

मैं बोली- अरे मुझे तो 8-10 दिन बाद आना था ना लेकिन अचानक मम्मी का फोन आया कि मुझे आज ही आना है। सारा प्लान धरा रह गया। तूने अपने चक्कर में प्रोग्राम बनाया होगा।
सोनू बोला- हां यार, बनाया तो अपने ही चक्कर में था।

मैं बोली- लेकिन मम्मी को मनाया कैसे तूने मुझे जल्दी ले आने के लिए।
सोनू- पता नहीं यार, मैंने मम्मी से बस ऐसे ही बोल दिया था कि मम्मी मेरे सेमेस्टर के एग्जाम हैं इसलिए होली के बाद ज्यादा दिन नहीं रुकुंगा तो दीदी को जल्दी बुला लो ना, कुछ दिन साथ रहने का मौका मिल जाएगा और पता नहीं कैसे मम्मी तुरंत तैयार हो गयीं और सबको फोन भी कर दिया और तुझे लाने के लिए मुझे भेज भी दिया।

सोनू की बात पर मेरे दिमाग में आया कि मम्मी क्यों इतनी जल्दी मान गयीं।

अभी मैं सोच ही रही थी कि तभी सोनू फिर बोला- अरे तो क्या हुआ, होली के बाद ज्यादा दिन मत रुकना और जल्दी लौट जाना। मैं तो होली के एक-दो दिन बाद ही लौट जाऊंगा. नहीं तो मैं ही वापस छोड़कर जाता तुझे।

मैं हंसते हुए बोली- ससुर जी से ज्यादा जल्दी तो तुझे बड़ी जल्दी पड़ी है पायल को उनसे चुदवाने की। क्यों तुझे बुरा नहीं लग रहा कि तेरी होने वाली बीवी पहले से ही अपने बाप और भाई से चुद चुकी होगी।
सोनू हंसते हुए बोला- अरे तुम बुरा मानने की बात कह रही हो? यहां तो मैं इमेजिन कर रहा हूं कि शादी के बाद जब उसे मायके लेकर जाऊंगा तो वहां पापा जी (ससुर जी) और मैं दोनों साथ मिलकर उसकी चुदाई करेंगे।

मैं हंसते हुए बोली- हां पति और पिता दोनों मिलकर चोदना उसे!

इस सोनू हंसते हुए बोला- अरे तुम्हें तो भूल ही गया था। तुम भी तो साथ दोगी। सोच कितना मज़ा आएगा ना, जब जीजा घर पर रहेंगे तो वो दोनों भाई-बहन और हम दोनों भाई-बहन और जब जीजा ड्यूटी पर होंगे तो इधर हम दोनों भाई-बहन और उधर वो दोनों बाप-बेटी एक ही कमरे में साथ मजे लेंगे, सोच कितना मजा आएगा। मेरा तो लण्ड खड़ा हो गया है ये सोचकर!

मैं थप्पड़ मारती हुई हंसकर बोली- अरे बस हो गया भाई, इमेजिनेशन की दुनिया से बाहर आ जा अब!

सोनू बोला- अरे दीदी, जबसे हॉस्टल में रहने गया हूं तब से तो इमैजिनेशन से ही काम चल रहा है।

मैं बोली- अच्छा, जरा मुझे भी बताओ क्या-क्या इमैजिनेशन करते हो वहां। वैसे तुझे क्यों इमैजिनेशन की जरुरत पड़ रही है, तू तो बोल रहा था तू और तेरा रूम पार्टनर दोस्त आपस में ही मजे लेते हैं।

सोनू बात टालते हुए बोला- अच्छा वो सब छोड़, तू ये बता कि कौन सी बात बताने वाली थी मुझे?
मैं हंसते हुए बोली- हां यार, असली बात तो अब बतानी है तुझे। दिल थाम कर सुन!

इतनी देर की बातचीत में कब अंधेरा हो गया हम दोनों ने ध्यान ही नहीं दिया।
चूंकि गार्ड वैन में कहीं भी लाइट नहीं थी तो अंधेरे में हम दोनों बाहर बैठकर आराम से बातें कर रहे थे।
बीच-बीच में मैं अंदर केबिन की तरफ भी देख ले रही थी।

वहां अंकल टॉर्च की रोशनी में नीचे कागजों को पलट कर कुछ देख रहे थे।
वो भी शायद अभी हम लोगों की तरफ खास ध्यान नहीं दे रहे थे और अपनी कागजी कार्रवाई में उलझे हुए थे।

इसके बाद मैंने सोनू को फोन रिकॉर्डिंग वाली बात छोड़कर, ससुर जी के साथ जितनी बातें हुईं थीं वो सब बता दीं।
ससुर जी मम्मी-पापा के साथ थ्रीसम वाली बात, फिर बुआ के साथ फोरसम वाली बात, ससुर जी की भांजी नेहा वाली भी बात, सारी बातें उसको बता दीं।

सेक्स टॉक विद ब्रदर में मैं बस फोन रिकॉर्डिंग वाली बात जानबूझकर छुपा गयी।
मुझे डर था कि कहीं वो सब जानने के बाद सोनू को मेरे और पापा के बारे में शक ना हो जाए. इसलिए मैं रिकॉर्डिंग वाली बात नहीं बतायी।

सारी बात बताने के बाद मैं सोनू का चेहरे से उसका रिएक्शन जानना चाह रही थी कि कहीं मम्मी वाली बात सुनकर उसका मूड ना खराब हुआ हो।
लेकिन अंधेरा होने की वजह से कुछ उसके चेहरे के एक्सप्रेशन पता नहीं चल रहे थे।

मेरी बात पूरी बात सुनने के बाद सोनू कुछ देर चुप रहा फिर धीरे से मेरा एक हाथ पकड़ कर लोअर के ऊपर से ही अपने लंड पर रखते हुए बोला- मेरा तो लण्ड ही खड़ा हो गया यार, मम्मी और बुआ के बारे में ये सब जानकर!

सोनू के मुंह से ये सुनते ही मेरी टेंशन खत्म हो गयी।
कहानी 6 भागों में है.
सेक्स टॉक विद ब्रदर कहानी पर आप अपने कमेंट्स देते रहें.
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सेक्स टॉक विद ब्रदर कहानी का अगला भाग: मालगाड़ी में भाई और अनजान से चुदाई का रोमांचक सफर- 2

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