कोलकाता में बुझी दो जिस्मों की आग- 1

(Online Sex Ki Kahani)

ऑनलाइन सेक्स की कहानी लॉकडाउन में एक शादीशुदा महिला के साथ की है. फेसबुक हम मिले, बातें करने लगे. मैंने उसकी अन्तर्वासना समझ ली.

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है। मैं अजमेर का रहने वाला हूं।
अन्तर्वासना वेबसाइट पर यह मेरी पहली स्टोरी है। मैं आशा करता हूं कि यह ऑनलाइन सेक्स की कहानी आपको पसंद आएगी।

यह बात अप्रैल 2020 की है जब लॉकडाउन लगा हुआ था।
लॉकडाउन में मैं अपने खाली समय में फेसबुक और गेम्स खेल कर अपना टाइम पास करता था।

इसी दौरान फेसबुक पर मेरी एक कोलकाता की फ्रेंड बनी जिसका नाम प्रीति था।

उसने बताया कि वह 34 साल की शादीशुदा महिला है और उसके पास 5 साल का एक छोटा बच्चा है।
उसके पति का मसालों का व्यापार है और उनके घर में वो तीनों ही रहते हैं।
शाम को उसका पति जल्दी सो जाता था और वो देर रात तक फेसबुक पर टाइम पास करती रहती थी।

एक दिन मेरे दोस्त का फोन आया और उसने मुझे बताया कि उसने कहीं से दारू का इंतजाम कर लिया और उसे दारु पीने की जगह नहीं मिल पा रही।
फिर उसने मुझे कहा कि दोनों मिलकर मेरी कार के अंदर बैठकर दारू पीएंगे तो मैंने भी मना नहीं किया।
मैंने उसे रात में आने के लिए कह दिया।

वह करीब रात को 8:30 बजे मेरे घर आ गया और फिर हम दोनों हमारी कार में जाकर बैठ गए और डेढ़ घंटे तक साथ में बैठे रहे।
हमने दारू पी और हंसी मजाक करने के बाद वह अपने घर चला गया।

फिर मैं भी अपने घर में आया और अपने रूम में बैठ गया।

मुझे नशा होने लगा था। मैं अपने फोन में पोर्न फिल्में देखने लगा।

पोर्न देखते देखते रात के करीब 12:30 बज चुके थे।
मैंने फेसबुक चालू किया और देखा कि प्रीति ऑनलाइन आई हुई थी।

फिर मैंने उसे हैलो का मैसेज किया।
वो बोली- हां जी, बोलो!
मैं- आप सोयी नहीं अभी तक?

प्रीति- नहीं, आप भी तो नहीं सोए।
मैं- और आपके पति?
प्रीति- वो तो कब से सोए पड़े हैं।

मैं नशे में था।
मुझे नींद भी आ रही थी और मुझे उससे कुछ रोमांचक बातें भी करनी थी तो मैंने उसे एक ऐसा मैसेज भेज दिया जो मैं शायद बिना नशे के नहीं भेज पाता.
मैंने उससे पूछा- क्या आपको सेक्स अच्छा नहीं लगता?

मेरा मैसेज उसने देख लिया था लेकिन करीब 5-7 मिनट तक उसका कोई रिप्लाई नहीं आया।
फिर मैंने उसे मैसेज किया कि क्या हुआ?
तो प्रीति ने जवाब में कहा- कुछ नहीं।

फिर मैंने उसे कोई मैसेज नहीं किया।

उसके बाद फिर तकरीबन दो-तीन मिनट बाद उसका मैसेज आया- हां, अच्छा लगता है मुझे भी!
मैंने थोड़ा सोचा और फिर उसको रिप्लाई किया- कितने दिन पहले किया था?
प्रीति- 5 महीने पहले।

मैंने छेड़ते हुए कहा- इतने दिन पहले? अच्छा लगता है तो इतना टाइम से क्यों नहीं किया है?
वो बोली- साथ में बच्चा रहता है और फिर देर रात तक मैं घर के काम में लगी रहती हूं, तब तक पति सो जाते हैं।

फिर मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है, ये सब बहाने हैं, यूं कहो कि आपके पति का मन नहीं करता और उनकी वजह से आपको भी अपना आपका मन मारना पड़ता है।
मेरा यह मैसेज पढ़कर वह मेरी तरफ और आकर्षित हो गई और वह मेरे से और अच्छे से खुलने लगी।

प्रीति- हां … सही कहा आपने, मेरा बहुत मन करता है मगर मैं क्या करूँ … मेरी इच्छा तो पूरी हो नहीं पाती है।
मैं- आपके पति से बोलो इस बारे में!
प्रीति- कितनी आसानी से बोल दिया आपने तो … आप मेरी जगह होते तो पता चलता।

मैंने बात को घुमाते हुए कहा- मैं अगर तुम्हारी जगह होता तो इस समय तुम मेरी बांहों में होती और मेरे होंठ तुम्हारे होंठों के अंदर होते और बाकी तो तुम खुद समझदार हो।
प्रीति – काश कि आप होते …

मैं- जिसके पास इतनी जवान और खूबसूरत, इतनी हसीन बीवी हो वह पति अगर रात में जल्दी सो जाए तो मेरी नजर में उससे बड़ा बेवकूफ और कोई नहीं है। क्या तुम्हारे पति को तुम्हारी आंखों में प्यास नहीं दिखती, क्या उसे यह पता नहीं चलता कि तुम्हारा बदन कब से आग की तरह जल रहा है … क्या उसे एक बार भी महसूस नहीं हुआ कि तुम्हें किस चीज की जरूरत है?

प्रीति- नहीं, पता चलता है उन्हें लेकिन मैं बोल नहीं पाती अपने मन की बात। बस अंदर ही अंदर घुटती रहती हूं। कैसे न कैसे करके अपने मन को शांत कर लेती हूं।

मैं समझ गया था कि यह बहुत दिनों से प्यासी है। मेरी तरह अपने मन और तन की दोनों की आग बुझाने के लिए किसी के इंतजार में है।

मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे अपने कपड़े उतारे और अपने लंड पर हल्का सा सरसों का तेल लगाकर उसको खड़ा किया और अपने मोबाइल से फोटो खींचकर उसको भेज दिया।

मेरे लंड की फोटो देखते ही उसके तन बदन में आग जलने लगी और उसने मुझसे पूछा- यह क्या है?
तो मैंने भी जवाब में कहा- क्यों … तुम्हें नहीं पता क्या है?

उसने कहा- पता है, लेकिन यह किसका है?
मैंने कहा- मेरा … और किसका होगा?
उसने कहा- बहुत अच्छा है, मगर यह तो बहुत बड़ा है!

मैंने कहा- मुझे तो नहीं लगता बड़ा!
उसने कहा- नहीं … कसम से बहुत बड़ा है, मगर यह फोटो तुमने मुझे क्यों भेजी?
मैंने कहा- बस यूं ही भेज दी। ऐसा समझो कि हम दोनों एक ही आग में जल रहे हैं। जो हाल तुम्हारा वहां है, वही हाल यहां मेरा है। बस फर्क सिर्फ इतना है कि तुम शादीशुदा होते हुए भी इस आग में जल रही हो और मैं कुंवारा हूं इसलिए इस आग में जल रहा हूं।

मैंने एक फोटो और खींची और उसको भेज दी यह फोटो देखने के बाद प्रीति की चूत में जैसे आग लग गई और वो अपने मन की बात बोलने पर मजबूर हो गई।

उसने कहा- प्लीज, यह मुझे मत भेजो तुम … क्यों मेरे तन की आग को और बढ़ा रहे हो! मैं अपना आपा खो दूंगी … क्यों मुझे तड़पा रहे हो, मेरे तन की आग जाग जाएगी तो क्या होगा?

मैंने कहा- मेरी तो जाग चुकी है, उसका क्या करूं?
उसने कहा- तुम अभी क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- अगर तुम फ्री हो तो मुझसे वॉइस चैट पर बात करो।

उसने 2 मिनट का समय मांगा।
फिर दूसरे रूम में आकर मुझे वॉइस कॉल किया।

जैसे ही उसने वॉइस कॉल किया, मैंने हैलो बोला और उसकी सिसकारियां मुझे साफ सुनाई दे रही थीं।

मैंने कहा- आपकी आवाज तो बहुत प्यारी है।
प्रीति ने मुझसे कहा- मैं ज्यादा जोर से नहीं बोल सकती, पति पास वाले कमरे में सो रहे हैं।
मैंने कहा- तुम कुछ मत बोलो, बस जो में बोल रहा हूं वो सुनो और महसूस करो। इस रात को मैं रंगीन बना दूंगा।
वो बोली- ओके।

फिर मैंने कहा- अब एक काम करो … अपने हाथ पर थोड़ा सा थूक लो और अपनी चूत के ऊपर अच्छी तरह से लगाओ।
प्रीति- वो क्यों?
मैं- करो तो सही।

प्रीति- बहुत अजीब लग रहा है।
मैं- अब सोचो मैं तुम्हारे ऊपर हूं और मैं तुम्हारे बदन पर बिल्कुल नंगा लेटा हुआ हूं। मेरा नंगा बदन तुम्हारे नंगे बदन से चिपका हुआ है।
अब बताओ कैसा लग रहा है?
प्रीति आह भरती हुई- बहुत अच्छा लग रहा है।

फिर मैंने कहा- अब अपनी बीच वाली उंगली को चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू करो।
उसने वैसा ही किया और धीरे धीरे मुझे उसकी ऊंह्ह … आह्ह … फोन पर ही सुनाई देने लगी।

मैंने कहा- चूत में उंगली कर रही हो?
वो बोली- हां, कर रही हूं।
मैंने कहा- ऐसे सोचो कि वो उंगली नहीं मेरा लंड तुम्हारी चूत में अंदर बाहर हो रहा है, और मेरे होंठों तुम्हारे होंठों पर हैं और तुम मेरी जीभ को लंड की तरह चूस रही हो।

वो तेजी से सिसकारते हुए कहने लगी- आह्ह … आह्ह हां … मेरी चूत में तुम्हारा लंड जा रहा है … बहुत मजा आ रहा है … उम्म … आह्ह … चुसवाते रहो अपनी जीभ।

मैंने कहा- अब मैंने तुम्हारी चूत में पूरा भीतर तक लंड घुसा दिया है और तुम्हें तेजी से चोद रहा हूं। मजा आ रहा है मेरी रानी?
वो बोली- हां … आह्ह … पूरा घुसा दो … आह्ह … और तेज … आईई … आह्ह!

इस तरह से मैं इस तरफ से मुठ मारता रहा और वो उधर से वो चूत में उंगली करती रही।
कुछ देर में उसकी चूत का पानी निकल गया और वो हांफती हुई शांत हो गई।

हम मैसेंजर पर वॉइस कॉल कर रहे थे इसलिए मैं उसे अलग अलग पोजिशन की फ़ोटो भी भेज पा रहा था जिससे से वो और ज्यादा उत्तेजित हो रही थी।

अब मेरा भी उसको नंगी देखने का मन कर रहा था तो मैंने उससे कहा- मुझे अपनी गांड की फोटो दो।
ये बोलकर मैंने कॉल काट दिया।

जैसे ही उसने अपनी गांड की फ़ोटो भेजी, मैं तो उसकी गांड देखकर पागल ही हो गया।

उसकी गोरी-गोरी मोटी गांड देख कर मुझसे रहा नहीं गया। मैं तुरंत बाथरूम में गया और वीडियो रिकॉर्डिंग चालू करके मैंने अपने लंड को हिलाने की वीडियो बना ली।
करीब 2 महीने बाद मैंने हिलाया था इसलिए लंड में से बहुत सारा माल निकला।

ये वीडियो मैंने तुरन्त ही उसे भेज दी थी।
मगर इतनी देर में शायद वो सो गई थी, उसने वो वीडियो सुबह देखी।

अगले दिन करीब दोपहर के 3 बजे उसका मैसेज आया।
प्रीति- तुम पागल हो?
मैं- क्यों?

प्रीति- जो वीडियो तुमने भेजी है उसने मुझे पागल बना दिया, सुबह से उस वीडियो को देखकर अपनी चूत में उंगली कर रही हूं। अभी भी चूत को सहला रही हूं। जान कब आओगे मिलने? कब मुझे अपनी बांहों में भरोगे? कब मेरी चूत की आग को अपने लंड के पानी से बुझाओगे।

मैंने कहा- जल्दी ही मेरी रानी।

दोस्तो, फिर हम करीब 7 महीने तक इस तरह फ़ोन सेक्स करते रहे।

एक दिन उसने बताया कि उसके पति 5 दिन के लिए बाहर जा रहे हैं। वो 3 दिसंबर को निकलेंगे ओर 8 दिसंबर को रात तक घर पहुचेंगे।

इस मौके का हम दोनों को ही इंतजार था।
मैंने भी अपने घर पर बहाना बना दिया कि मैं 4-5 दिन के लिए बाहर घूमने जा रहा हूं।
घरवालों ने भी ज्यादा कुछ नहीं पूछा और हां कर दी।

मैं अपने एक दोस्त को साथ लेकर 2 दिसंबर की दोपहर को स्यालदह ट्रेन से कोलकाता के लिए निकल गया।

हम रास्ते का मजा लेते लेते 3 दिसंबर की शाम को कोलकाता पहुंच गए।

हमने एक गेस्ट हाउस में रूम लिया और नहाये और खाना खाकर फ्री हो गए।
अगले दिन करीब 10 बजे मैंने प्रीति को कॉल किया और मिलने के लिए कहा।
वो बोली- तुम मेरे घर आ जाओ, मैंने बेटे को उसकी मौसी के यहां भेज दिया है और वो 2 दिन के बाद आएगा।

ये सुनकर मैं और ज्यादा खुश हो गया और उसके घर का एड्रेस मांगा।
उसने मुझे पता भेज दिया। उसने कहा कि पहुंचने से पहले कॉल कर लेना ताकि वो दरवाजे को पहले ही खुला छोड़ देगी।

मैंने ऐसा ही किया। मैंने टैक्सी से उसके घर के पास जाकर कॉल किया।

वो दरवाजे पर खड़ी थी, उसने मुझे इशारा किया, हम फ़ोन पर बात कर रहे थे।

करीब 10 मिनट तक मैंने घर के बाहर ही इंतजार किया क्योंकि कोई न कोई घर के पास से गुजर रहा था।
फिर मौका देखकर मैं अंदर घुस गया।

जैसे ही मैं अंदर घुसा तो उसने फट से दरवाजा बंद कर लिया और एकदम से मेरी बांहों में लिपट गई जैसे मैं उसका जन्मों का बिछड़ा प्रेमी हूं।

वो मेरे पूरे बदन पर हाथ फिराकर सहलाने लगी, मेरे जिस्म को महसूस करने लगी।
उसकी लम्बाई मेरे कंधे तक थी। मैंने भी उसे कसकर गले लगा रखा था।

करीब 5-7 मिनट तक हम एक दूसरे की बांहों में लिपटे रहे।
फिर उसने अलग होते हुए पूछा- क्या खाओगे?
मैंने कहा- जो तुम बना दो।
उसने कहा- तुम कमरे में बैठकर आराम करो। मैं 10 मिनट में नहाकर आती हूं।

ये बोलकर वो नहाने के लिए चली गई।
मैंने जल्दी से अपनी जेब से सेक्स पावर वाला कैप्सूल निकाला और पानी से खा लिया।
वो 10 मिनट के बाद नहाकर बाहर निकली।

उसके बाल खुले हुए थे। उसने लाल रंग की मैक्सी पहनी हुई थी।
अंदर से उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी जिससे उसके बड़े बड़े बूब्स की शेप साफ झलक रही थी।

फिर वो रसोई में चली गई और मेरे लिए नाश्ता बनाया।
हम दोनों ने साथ में नाश्ता किया।
नाश्ता होने के बाद हम साथ बैठ गए और बातें करने लगे।

इतने में दरवाजे की घंटी बजी।
बाहर दूध वाला आया था।
प्रीति दूध लेकर सीधा रसोई में चली गई।

अब तक गोली का असर मुझ पर होने लगा था और मेरा लंड खड़ा होने लगा था।

मुझसे रुका नहीं गया और मैं सीधा रसोई में चला गया।

मैक्सी में प्रीति की गांड की शेप देखकर मेरा लंड फनफना उठा और मैंने सीधा उसकी गांड में लंड लगाते हुए उसको दबोच लिया।
मेरे हाथ सीधे उसके बूब्स पर चले गए और मैं उनको दबाते हुए उसकी गांड में लंड घुसाने लगा।

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी। ये ऑनलाइन सेक्स की कहानी आपको कैसी लगी इस बारे में मुझे जरूर बताना।
[email protected]

ऑनलाइन सेक्स की कहानी का अगला भाग: कोलकाता में बुझी दो जिस्मों की आग- 2

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top