कॉलेज गर्ल के साथ चुदाई के पल-1

(Indian College Girl Ke Sath Chudai Ke Pal- Part 1)

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मेरी यह कहानी है.. जब मैं ऑनलाइन चैट किया करता था।
उस समय मैं काफी लड़कों और लड़कियों से चैट किया करता था। मेरी उम्र उस समय 29 थी और चैटिंग के दौरान चैट रूम में हर उम्र की लड़कियां मिलती थीं।

एक बार मेरी दोस्ती एक कम उम्र की लड़की से हो गई जो उस समय सिर्फ 20 साल की थी। उसका नाम मानसी है। आपने बिल्कुल सही पहचाना कि यह बदला हुआ नाम है।

हालांकि मैं शादी-शुदा हूँ.. लेकिन चैटिंग करते वक़्त मैं ये बात किसी को भी नहीं बताता था।

चैट करते-करते हमें काफी समय हो गया और वो मुझे बहुत पसंद करने लगी थी क्योंकि उसने मुझे दो-तीन दफा कहा कि वह मुझे से मिलना चाहती है।

मुझे इस बात की जानकारी हो गई लेकिन मैं शादीशुदा होने के नाते उससे ज्यादा मेलजोल नहीं बढ़ा सकता था।

दोस्तो, मैं आपको बता दूँ कि चैट करते-करते हमने अपने मोबाइल नंबर एक-दूसरे से शेयर कर लिए थे और हम रोज़ घंटों फ़ोन पर भी बात किया करते थे।

जब वह घर से बाहर होती.. तभी हम दोनों फ़ोन पर बात कर पाते, क्योंकि उसके पापा बहुत स्ट्रिक्ट थे।
जब वह घर पर होती.. तो पढ़ाई के बहाने कंप्यूटर पर मुझसे चैट करती।

फ़ोन पर बात करते वक़्त उसने कई बार जाहिर किया कि वो मुझसे प्यार करने लगी है।
मैंने भी सोचा कि चलो थोड़ी अठखेली ही हो जाए.. क्योंकि कभी असल में मिलना तो है नहीं।

फिर हम दोनों एक-दूसरे के साथ बहुत कुछ पर्सनल बातें शेयर करने लगे।

एक शाम को उसके मम्मी और पापा को शादी में जाना था तो उसने मुझे पहले ही बता दिया और कहा- हम घर पर फ़ोन पर बातें करेंगे।

उस शाम को हमारी बातें शुरू हुई 6 बजे के आस-पास और खत्म हुईं 12:30 बजे.. जब उसके मम्मी-पापा घर आ गए।

इंडियन कॉलेज गर्ल और फोन सेक्स

इन 6 घंटों के दौरान हमने फ़ोन सेक्स भी किया।

हुआ यूँ कि उसने पूछा- मुझे किस तरह की लड़की पसंद है?
तो मैंने अपनी चॉइस उससे बता दी- मुझे लड़की लम्बी हो.. तो बहुत अच्छी लगती है और अगर उसके बाल भी लम्बे हों तो सोने पर सुहागा।

फिर उसने मुझसे पूछा- फिगर कैसा पसंद है?
मैंने बताया- मुझे ज्यादा बड़े स्तन अच्छे नहीं लगते.. मध्यम आकार के हों ताकि वो मेरे हाथों में समां सकें। लड़की सांवली पसंद करता हूँ और बुर पर हल्के रोयेंदार बाल होना मुझे बेहद पसंद आते हैं।

मैं आपको बता दूँ क्योंकि हम काफी समय से फ़ोन पर बात कर रहे थे तो हम एक-दूसरे से काफी खुल चुके थे और ऊपर से उसका मुझे पसंद करना भी हम दोनों के खुले होने का एक कारण था। इन सब वजहों से हमारे बीच में कोई पर्दा नहीं था और हम बहुत खुल कर बातें करते थे।

उसने मुझे बताया- मेरी हाइट 5.8 है और रंग सांवला है.. लेकिन मेरे बाल छोटे हैं और मैं 36 नम्बर की ब्रा पहनती हूँ।
उसके इतना सब बताने से मेरे लंड में सुरसुरी होनी लगी।
तो मैंने पूछा- तुम्हारी बुर कैसी है?
वो बोली- धत्त.. ऐसे थोड़ी पूछते हैं।
तो मैंने पूछा- तो कैसे पूछते हैं?
उसने कहा- पूछते नहीं.. बल्कि खुद चैक करना चाहिए।

अब मेरी काम वासना जागने लगी.. तो मैंने फिर पूछा- ये बताओ कि जब तुम्हारी बुर से पानी रिसता है.. तब तुम कैसे अपने आपको शांत करती हो?

उसने जो मुझे बताया उसे सुन कर मैं दंग रह गया।

मानसी ने कहा- मैं हमेशा तुम्हारे लंड के बारे में सोच कर अपने आपको शांत करती हूँ।
फिर मैंने उससे पूछा- कैसे?
वो बोली- मैं हवाई किले बनती हूँ कि हम मिलते हैं और पार्क में घूमने जाते हैं..
वहाँ एक-दूसरे की आँखों में देखते हुए नजदीक आते हैं और फिर किस करना शुरू कर देते हैं।
मैं तुम्हारा हाथ पकड़ कर अपने चूचों पर ले जाती हूँ और तुम मेरे चूचों को दबाना शुरू करते हो।
फिर मैं अपना हाथ तुम्हारे लंड पर रखती हूँ और लंड को मसलने लगती हूँ..
पर हम दोनों इससे ज्यादा कुछ नहीं कर पाते क्योंकि पार्क में लोग आने शुरू हो जाते हैं।

फिर हम दोनों एक थिएटर में जाते हैं.. जहाँ एक बकवास मूवी लगी हुई होती है, हमें पिक्चर नहीं देखनी है.. बल्कि हमें एक-दूसरे के साथ सेक्स का मज़ा लेना है।
थिएटर में जाकर हम कोने वाली सीट्स की टिकट्स खरीदते हैं।
थिएटर में भीड़ भी नहीं है जो हमारे लिए काफी अच्छी बात है।
हम अपनी सीट्स पर जाकर बैठ जाते हैं। फिर लाइट्स बंद हो जाती हैं और पिक्चर शुरू होती है।
पिक्चर परदे के साथ साथ हमारी सीट्स पर भी शुरू हो जाती है।
हम दोनों बुरी तरह एक-दूसरे को किस करने लगते हैं और तुम मेरे चूचों को मसलने लगते हो।
मैंने तुम्हारे लंड को सहलाने लगती हूँ और पतलून के ऊपर से ही ऊपर-नीचे करने लगती हूँ।
मेरे चूचे 36A साइज़ के हैं।

तुम अपनी ज़िप खोल कर लंड को बाहर निकाल कर उसके ऊपर मेरा दुप्पटा ढक देते हो और मुझको अपना लंड चूसने को बोलते हो। मैं बिना देरी किए लंड को अपने मुँह में ले लेती हूँ और लंड के सुपारे को अपनी जीभ से चाटने लगती हूँ।
तेरे मुँह से ‘आआह..’ की आवाजें निकलने लगती हैं तो मैं अपने होंठों को तुम्हारे होंठों पर रख कर अपनी जीभ मुँह में घुसा देती हूँ।

दोस्तो, जब वो मुझे यह सब बता रही थी तब मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मैंने उसे बताया- मेरा पप्पू सलामी दे रहा है।
मानसी ने मेरे लंड का साइज़ पूछा तो मैंने सही-सही बताया की लम्बा और मोटा है।

वो खुश हो गई और बोली- मुझे तुम्हारा लंड चूसना है।
मैंने भी कहा- मुझे भी तुम्हारी चूत चूसनी है। लेकिन पहले तुम अपनी थिएटर वाली बात खत्म करो।

मानसी अपनी दास्तान फिर शुरू करती है।
यह सब सोचते हुए मैं अपनी चूत में दो उंगली डाल कर हस्तमैथुन करती हूँ और दूसरे हाथ से अपनी चूचियां दबाती हूँ.. जब तक पानी नहीं निकल जाता है।

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थिएटर की काल्पनिक कहानी पर आते हुए मानसी बताती हैं जब मैं तुम्हें किस करते हुए मुठ मार रही होती है.. तो तुम्हारे हाथ मेरे चूचों से खेलने लगते हैं।
फिर मैं नीचे झुक कर लंड को अपने मुँह में भर लेती हूँ और चूसने लगती हूँ।
मुझे लंड चूसने में बहुत मज़ा आता है और मैं तुम्हारे लंड से निकल रहे प्रीकम को भी चाट रही थी।

लंड को हाथों में लेकर ज़ोर से हिलाते हुए मैं लंड को चूसे जा रही थी।
फिर तुमने अपना एक हाथ मेरी चूत के ऊपर फिराया और मेरे नीचे हाथ डाल कर मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी..
तो मैंने जोर से सिसकारी भरी और मैं लंड को और जोर से चूसने लगी.. जैसे कि मैं बहुत भूखी होऊँ और लंड को कच्चा खा जाऊँगी।
तुमने भी मेरी चूत में जोर-जोर से उंगली हिलाना शुरू कर दिया और अन्दर-बाहर करने लगे।
इसी तरह दोनों झड़ गए और मैंने तुम्हारी मलाई अपने मुँह में ले ली और मज़े ले कर निगल गई।
फिर तभी इंटरवल हो गया और हम बिना पिक्चर देखे बाहर आ गए।

मानसी की इस काल्पनिक कहानी से मैंने दो बार मुठ मारी। मुठ मारते वक़्त मैं मानसी को बताता जा रहा था कि तुम्हारी चूत फाड़ने के लिए मेरा लंड एकदम से खड़ा हो चुका है।

अब हम एक-दूसरे को यह बताते हुए फ़ोन पर मुठ मारने लगे कि जब हम मिलेंगे तो कैसे एक-दूसरे के शरीर से खेलेंगे और कैसे चोदेंगे।

इस फ़ोन सेक्स से मानसी बहुत गर्म हो गई और उसने अपना पानी छोड़ दिया और तभी मेरा भी पानी निकल गया।

बाद में मानसी मुझसे जिद करने लगी कि मुझे तुमसे मिलना है।
लेकिन मैं किसी तरह का चांस नहीं लेना चाहता था।

वर्चुअल सेक्स और रियल सेक्स में फर्क है।
वर्चुअल/फ़ोन सेक्स में आप अपने हिसाब से आपकी इच्छा अनुसार कल्पना कर सकते हो और ऊपर से मुझे डर था कि कहीं मानसी मुझसे सचमुच प्यार कर बैठी तो?
मैं इस रिश्ते को बढ़ावा नहीं दे सकता था।

फिर मैंने उसे अपनी फोटो मेल करने के लिए कहा और अपनी भी फोटो मेल कर दी।

जब उसने अपनी फोटो मेल की तो उसे देख कर मैं दंग रह गया।
बहुत खूबसूरत थी और जैसी मेरी अपनी ड्रीम-गर्ल की कल्पना थी.. वो लगभग वैसी ही थी.. सिर्फ बालों को छोड़ कर, जो छोटे थे।
मध्यम आकार की चूचियां, 36 की कमर, तीखे नैन-नक्श और पतली कमर।
कुल मिला कर मैं भी उसे पसंद करने लगा और हम एक-दूसरे के बारे में अच्छे से जान चुके थे।

मैंने उसे बताया कि मैं शादीशुदा हूँ तो वो बोली- मैं कुछ नहीं जानती और बस इतना जानती हूँ कि मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ।

बाद में मैंने उसे काफी समझाने की कोशिश की लेकिन मानसी अपनी बात पे अडिग रही और रोज़ मिलने की जिद करने लगी।

मैंने भी एक दिन परेशान होकर उससे मिलने की हामी भर ली।

अब इसके आगे क्या हुआ वो मैं अगले भाग में लिखूंगा.. आपके ईमेल के इन्तजार में आपका विशाल मल्होत्रा।

[email protected]
कहानी जारी है।

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