वो सात दिन-3
परी भी काफी एक्साइटेड थी इसलिये उसने मुझे नीचे कर मेरे ऊपर सवार हो गई और मेरा अंडरवियर खोला तो मैंने उसे 69 पोज़िशन में आने को कहा। और वो भी अपनी लिन्गरी हटा अपनी योनि मेरे मुँह की तरफ कर घुटनों के बल बैठ कर मेरा लिंग चूसने लगी...
मैं मुंबई की बहुमंजिला इमारत में रहता था. मेरे साथ ही मेरे एक बचपन का दोस्त था जिसकी दोस्ती के कारण हम दोनों परिवारों में काफी मेल जोल था. एक बार मेरे दोस्त और उसके पापा को दुबई जाना पड़ा. सात दिन तक उसकी माँ घर में अकेली थी तो उन्होंने मुझे अपने घर बुला लिया. वहां पर मेरे साथ क्या हुआ?
परी भी काफी एक्साइटेड थी इसलिये उसने मुझे नीचे कर मेरे ऊपर सवार हो गई और मेरा अंडरवियर खोला तो मैंने उसे 69 पोज़िशन में आने को कहा। और वो भी अपनी लिन्गरी हटा अपनी योनि मेरे मुँह की तरफ कर घुटनों के बल बैठ कर मेरा लिंग चूसने लगी...
प्रीत आर्य आपने मेरी कहानी वो सात दिन का पहला भाग तो पढ़ा ही होगा… आज मैं अपनी कहानी का दूसरा भाग आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ। घर पहुँचा तो देखा मम्मी स्वाति आंटी से ही फोन पर बातें कर रही थी- हाँ…हाँ… क्यूँ नहीं… और ठीक ही है… अकेले के लिये खाना बनाने […]
घटना चार साल पहले की है, मीत मुझसे चार साल छोटा था पर कुछ सालों से साथ क्रिकेट खेलने, साथ स्कूल आने-जाने से हमारी दोस्ती गहरी हो गई थी, इससे दोनों के परिवारों में भी घनिष्ठता हो गई थी। मीत की मम्मी स्वाति आंटी 35-36 साल की पढ़ी लिखी, हाई सोसायटी की समझदार महिला थी। सुगठित शरीर, लम्बी टागें, उन्नत उरोज़ एवं बडे-बडे नितम्बों से सुशोभित स्वाति आंटी इतनी सुन्दर थी