होली का नया रंग बहना के संग
अपने भाई घोड़े जैसे लण्ड के तीन धक्कों से रूपा ने अपना कुँवारापन हमेशा के लिए खो दिया। लेकिन कुँवारेपन के बोझ तले अपनी जवानी को सड़ाना चाहता भी कौन है।
यह लम्बी चुदाई कहानी मेरी पिछली इन्सेस्ट सेक्स स्टोरी ‘होली के बाद की रंगोली’ जो भाई-बहन के बीच पनपे सेक्स सम्बन्धों पर थी, से ही सम्बंधित है. उस घटना से पहले क्या और कैसे हुआ, यह बताया गया है.
अपने भाई घोड़े जैसे लण्ड के तीन धक्कों से रूपा ने अपना कुँवारापन हमेशा के लिए खो दिया। लेकिन कुँवारेपन के बोझ तले अपनी जवानी को सड़ाना चाहता भी कौन है।
दोनों भाई बहन चुम्बन और आलिंगन में व्यस्त थे। ऐसा नहीं था कि लंड खड़ा नहीं था या चूत को गीली होने में कोई कसर बाकी थी लेकिन इतने सालों के बाद ये दो बदन मिल रहे थे!
माँ रोज़ बेटे बहु की चुदाई देखती थी और जब कभी मन करता तो रात को बेटे के बेडरूम में जाकर खुद बेटे से चुदवा आती थी. उधर बहू अपना एक और राज खोल रही है शादी से पहले का!
माँ अपने बेटे का लंड चूसे और उसमें से प्यार का फ़व्वारा ना छूटे, ऐसा कैसे हो सकता था। जल्दी ही मोहन ने अपनी माँ का मुँह मलाई से भर दिया और माँ भी उसे बिना रुके गटक गई।
मोहन और संध्या की हवस अभी खत्म नहीं हुई थी। संध्या का दिमाग फिर कोई नई तरकीब ढूँढने में लग गया जिस से वो अपनी जिंदगी में फिर से वासना के नए नए रंग भर सके। तो उसने क्या किया?
गर्म सेक्स कहानी के इस भाग में पढ़ें कि एक दोस्त की बीवी गर्भवती हुई तो दूसरे दोस्त और उसकी बीवी ने कैसे उसके सेक्स जीवन में कोई कमी नहीं आने दी, दोस्त ने अपनी बीवी उसके हवाले कर दी.
दो दोस्त अपनी बीवी की अदला बदली करके की जुगत में हैं. एक की बीवी तो एकदम से तैयार है लेकिन दूसरी तो अपने पति के अलावा दूसरे लंड के नाम से ही तौबा करती है.
स्टेज पर चुदाई शुरू हो गई थी और कमरे के दूसरे कोने में बैठा युगल भी पीछे नहीं था। वो अपनी महिला साथी को टेबल पर झुका कर पीछे से चोद रहा था। म्यूजिक की धुन भी ऐसी थी कि लग रहा था चुदाई के लिए ही बनी थी।
इस नंगी कहानी में पढ़ें कि कैसे पति ने अपनी बीवी को पेरिस में समुद्रतट पर नंगी करके पानी में खड़ी करके चोदा, समंदर की लहरों में दोनों की चुदाई के झटके कहीं खो गए, देखने वालों को लगता कि कोई अपनी बीवी के साथ लहरों का आनंद ले रहा है।
संध्या ने अपना हाथ शारदा के साए के अन्दर सरका दिया और उसकी चूत का दाना खोजने लगी। लेकिन जैसे ही उसकी उंगली शारदा की गीली चूत के दाने पर छुई, शारदा उठ कर बैठ गई।
गाँव के चौधरी साहब बड़े ऐय्याश थे; लेकिन गाँव में काना-फूसी होने लगी कि चौधरी की बेटी का अपने ही बड़े भाई के साथ कोई चक्कर है। तो चौधरी ने फ़टाफ़ट अपनी बेटी की शादी कर दी.
यह लम्बी कहानी मेरी पिछली कहानी 'होली के बाद की रंगोली' जो भाई बहन के सेक्स सम्बन्धों पर थी, से ही सम्बंधित है. उस घटना से पहले क्या हुआ, यह बताया गया है.