टीचर की यौन वासना की तृप्ति-13
मेरे पति की नजरें नाईटी को भेदते हुए मेरे अर्धनग्न जिस्म को घूर रही थीं, मैं उनको ललचाते हुए अपनी गांड मटका रही थी. वो अभी भी मेरी तरफ टकटकी लगाये हुए देखे जा रहे थे.
मैं स्कूल टीचर हूँ. मेरे स्कूल में एक नयी टीचर आयी. वो मुझे अच्छी लगी तो मैंने उससे दोस्ती बढ़ायी. हम हर तरह की बातें करने लगे. उसने मुझे अपनी सेक्स लाइफ के बारे में बताया.
मेरे पति की नजरें नाईटी को भेदते हुए मेरे अर्धनग्न जिस्म को घूर रही थीं, मैं उनको ललचाते हुए अपनी गांड मटका रही थी. वो अभी भी मेरी तरफ टकटकी लगाये हुए देखे जा रहे थे.
मैं रात को घर में केवल लुंगी पहन कर ही सोता हूँ. मेरी बीवी रेखा ने अपनी टांगें मेरी टांगों पर चढ़ा दीं. तो स्वाभाविक रूप से मेरे लंड महराज फुदकना शुरू हो गए.
नम्रता के गोल, उभारदार गोरे चूतड़ सामने आ गए. उसकी गांड भी उसकी चूची की तरह गोल आकार की थी. मेरा मन बेकाबू हो गया, मैं पलंग से नीचे उतरकर उसके पास पहुंचा और ...
नम्रता आयी, उसने अपनी गीली चूत को सीधा मेरे मुँह पर रख दिया. उसकी चूत से पेशाब की गंध आ रही थी. दूसरी तरफ नम्रता ने मेरे सोये हुए लंड को मुँह में भर लिया.
नम्रता पलंग पर पेटकर बल लेट गयी, टांगें फैला कर दोनों हाथों से कूल्हे को पकड़ कर फैला कर बोली- शरद आ जाओ, मैंने गांड खोल दी है.. इसकी खुजली मिटाओ.
मेरे प्यारे पति देव, मुझे माफ कर दो, मैं तुमसे बात करने के बाद बहुत बेचैन हो गयी, नींद नहीं आ रही थी, तो मैंने भी तुम्हारा नाम लेकर उंगली से अपनी चूत की चुदाई कर ली.
मैं नंगा होकर जमीन पर लेट गया. नम्रता अपने कपड़े उतार मेरे पैरों के बीच बैठ गई. उसने मेरे कूल्हे पर तड़ाक-तड़ाक कर के दो तमाचे जड़ दिए और कुप्पी को गांड के अन्दर डालने लगी.
अपनी चूत में से उंगली निकाल कर वो बड़े सेक्सी तरीके से मुँह में चूसती, फिर उंगली को वापस चूत में अन्दर बाहर करती. मैं पहली बार अपने सामने किसी औरत को हस्तमैथुन करते हुए देख रहा था.
वो घोड़ी बन गयी, उसने अपने सिर और छाती को बिस्तर से टिका दिया. इससे उसकी गांड और उठ गयी. मैंने गांड की ऊंचाई तक खड़ा होकर लंड को उसकी गांड के अन्दर पेल दिया.
उसने अपने दोनों कूल्हों को पकड़कर फैला दिया. मैं उसकी गांड के कुंवारे छेद का वीडियो बनाने लगा और वीडियो बनाते हुए ही उसकी गांड में क्रीम की टयूब से क्रीम भर दी.
टीचर मैडम 69 की अवस्था में आ गयी, उनकी चूत की गंध मुझे अच्छी लग रही थी. मैं उनकी चूत की खुशबू को अपने नथुनों में भरकर चूत की फांकों पर जीभ फिराने लगा.
जिस दिन से मेरे तुम्हारे मिलन के बारे में सुना, मैं अपनी झांटें बढ़ाने लगी, जिससे मेरी जान मेरी झांट की शेव करके मेरी चूत को चिकनी कर दे और फिर उस चूत को प्यार करे.
जिस स्कूल में मैं पढ़ाता हूँ, वहां एक नयी टीचर की भर्ती हुई. मुझे वो सेक्सी माल लगी और हमारी दोस्ती हो गयी. बात आगे कैसे बढ़ी और सेक्स तक पहुंची, कहानी पढ़ कर मजा लें!