सुपर स्टार-4
तृषा की मम्मी ने हमें सम्भोग अवस्था में देख लिया और मेरा उनके घर जाना, उसका घर से निकलना बन्द हो गया। मैं तृषा से मिलने को तड़प रहा था… मैं मिला उससे… तन बदन से मिला… कुछ दिन बाद उसके मम्मी डैडी हमारे घर आए… इस कहानी में पढ़िए…
फिल्मी जगत की चकाचौंध के पीछे उदासी का काला अंधेरा जिसने देखा है वो इस उजली दुनिया की बनावटी रौशनी के बखूबी वाकिफ होगा. एक छोटे से गांव से बड़े शहर में अपने सपनों का पीछा करते हुए घर से भागे इस लड़के ने जिन्दगी के कौन-कौन से रंग देखे, इस श्रंखला के माध्यम से आपके समक्ष रखती ये कहानियां।
तृषा की मम्मी ने हमें सम्भोग अवस्था में देख लिया और मेरा उनके घर जाना, उसका घर से निकलना बन्द हो गया। मैं तृषा से मिलने को तड़प रहा था… मैं मिला उससे… तन बदन से मिला… कुछ दिन बाद उसके मम्मी डैडी हमारे घर आए… इस कहानी में पढ़िए…
मैं यूँ तो तृषा के घर अक्सर जाया करता था। वो तो दिन ही खराब था.. कि तृषा की मम्मी ने हमें सम्भोग अवस्था में देख लिया और मेरा उनके घर जाना, उसका घर से निकलना बन्द हो गया। मैं तृषा से मिलने को तड़प रहा था… मैने मिला उससे… इस कहानी में पढ़िए…
पहले झारखण्ड के कोडरमा शहर में चार कमरों के मकान में रहता था.. मेरा एक खुशहाल मध्यम वर्गीय परिवार था। मम्मी.. पापा.. मैं और मेरी एक बहन.. कितने खुश थे हम सब.. मैं यूँ तो तृषा के घर अक्सर जाया करता था। आज तो दिन ही खराब था..
'चारों तरफ हज़ारों कैमरों की जगमगाती चमक, जहाँ तक नज़रें जाए बस पागल होती बेकाबू सी भीड़ और उस भीड़ को काबू करने में लगे हुए पुलिस वाले.. कानों में गूंजता हुआ बस आपका ही नाम.. हर चौराहे पर बड़ी-बड़ी तस्वीरें.. हर खबर की सुर्ख़ियों में बस आपका ही ज़िक्र..'