सोनू से ननदोई तक-6
जैसे मैंने अन्तर्वासना पर पिछले भाग में बताया : रात को मेरी खाट पर मेरी रजाई में मैंने किसी को पाया। उसने दबी आवाज़ से कहा- मैं हूँ काला ! चुप रह ! यहाँ क्यूँ आये हो? मैं धीरे से बोली। रात के दो बज रहे हैं, घोड़े बेच सो रहे हैं सभी ! उसने […]