शादी में दिल खोल कर चुदी -11
मैं बोली- मुझे भी तुमसे अपनी गान्ड मरा कर मजा आ गया.. तुम ने गाण्ड की प्यास तो बुझा दी पर मेरी चूत प्यासी है मेरी चूत और गाण्ड के मालिक..
मेरे प्यारे दोस्तो, आप लोगों ने मेरी कहानी आज दिल खोल कर चुदूँगी पढ़ी.. उसे पसंद किया.. और उसके बाद आप लोगों ने ईमेल के माध्यम से जो प्यार दिया है.. इसके लिए मैं नेहा रानी.. आप सभी का बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूँ।
आज मैं आपको अपनी एक और चुदाई के बारे में बताना चाहती हूँ। मैं अपने पति के साथ मेरे पति के एक दोस्त की शादी में जबलपुर गए हुए थे।
यह बात 6 महीने पहले की है। मई का महीना था, हम लोग जबलपुर के एक होटल में रुके हुए थे.. शादी में आए हुए सभी लोगों रुकने का इंतजाम पति के दोस्त की तरफ से उसी होटल में किया गया था।
मैं बोली- मुझे भी तुमसे अपनी गान्ड मरा कर मजा आ गया.. तुम ने गाण्ड की प्यास तो बुझा दी पर मेरी चूत प्यासी है मेरी चूत और गाण्ड के मालिक..
मैं बहाना करके अपना लहँगा सही करके वैसे ही चुदी हुई बुर लेकर जाने को हुई.. तो एक बार मैंने फिर उससे पूछा- क्या मैं जान सकती हूँ.. मेरी बुर चोदने वाला और इस दमदार लण्ड का मालिक कौन है?
मेरी चूत चुदना चाहती थी और मुझे शादी के मण्डप में जाना पड़ा। कुछ ही देर बाद फ़ोन आया, कोई बोला कि जल्दी से आ जा, तुझे चोदना है… किसका फ़ोन था यह?
मैं अरुण से चुद रही थी कि दरवाजे पर खट खट हुई। जैसे तैसे नाइटी पहन कर दरवाजा खोला तो वही लड़का था। कहानी में पढ़ें कि कैसे उसने मुझे गैलरी में चोदा।
उसने मुझे जम कर चोदा, अपना वीर्य मेरे मुँह में छोड़ कर वो चलता बना। ऐसी जोरदार चुदाई के बाद मेरे बदन की आग दोबारा चुदने को भड़क उठी। किस से चुदूँ मैं?
पति से चुदाने के बाद शादी के कार्यक्रम में पति पीने खाने में मस्त हो गए और मेरा आशिक मौक़ा पाकर मुझे रिजोर्ट के एकांत में लेजा कर लंड चुसवाने लगा. मेरी चूत तड़प उठी.
दरवाजा खुला छोड़ कर बेखबर सो रही हो.. कोई आकर चोद देता तो.. तुम्हारे कपड़े भी उठे हुए हैं और चूत भी खुली दिख रही है। मालूम भी है कि फूली हुई बिन बालों की चिकनी चूत को देख बड़े-बड़ों का ईमान डोल जाता है.. मेरी जान..
मेरे पति मुझे छोड़ काम से कहीं चले गये और तभी अरुण जी मुझे मिल गये। वो मुझे कमरे में आने को कहने लगे। गलियारा खाली देख मैं उनके कमरे में घुस गई। वो बाथरूम में चले गये और मैं नंगी होकर बिस्तर में लेट गई।
अरुण से चूत और गान्ड मरवा कर अपने कमरे में आई तो पति को झूठ बोल कर सो गई। अगले दिन पति किसी काम से बाहर गए तो मेरी चूत फ़िर मचल उठी। अरुण को ढूँढने निकली तो…
थूक लगा कर गाण्ड मरवाने का मजा ही कुछ और था। अरुण जी मेरी गाण्ड मारते जा रहे थे- ले मादरचोदी चुद.. ले साली.. मेरे लौड़े की मार.. और मैं आँखें बन्द करके अपनी गाण्ड मरवाते हुए मजा ले रही थी।
मैं अपने पति के साथ मेरे पति के एक दोस्त की शादी में जबलपुर के एक होटल में रुकी हुई थी.. मेरे कमरे के सामने वाले कमरे में दूल्हे के जीजाजी भी रुके हुए थे.