सौतेले बेटे को सेक्स ज्ञान-3
उसने अपना हाथ पेंटी के अन्दर धीरे से खिसकाया। मेरे बदन में एक बिजली सी दौड़ गई। मैंने अपने पैर थोड़े फैला लिए जिससे कि उसका हाथ ठीक से मेरी चूत पर जा सके।
मैं अपने पति की दूसरी बीवी थी. पहली पत्नी से उनको दो बच्चे थे. बेटी की चिंता मुझे नहीं थी लेकिन बेटे के बारे में सोचती रहती थी. फिर एक सहेली की सलाह पर मैंने मां और बेटे के सम्बन्ध के बारे में पढ़ा। मैंंने अपने बेटे को क्या पाठ पढाया?
उसने अपना हाथ पेंटी के अन्दर धीरे से खिसकाया। मेरे बदन में एक बिजली सी दौड़ गई। मैंने अपने पैर थोड़े फैला लिए जिससे कि उसका हाथ ठीक से मेरी चूत पर जा सके।
ट्विंकल का ध्यान मेरे उभारों पर था। उसकी नज़रें छुप-छुप कर मेरे चूचों को निहार रही थीं। मैं भी उसे अपने स्तन दिखाने के लिए थोड़ी झुक कर खड़ी हो गई!
तो वो बाथरूम में लगे दर्पण में से मेरे दूध देख रहा था और अब उसकी लुल्ली खड़ी हो गई। जो साबुन लगाते समय मैं कभी-कभी अपने पीछे महसूस कर रही थी।