सावन जो आग लगाए-2
प्रेम गुरु की कलम से…. “ओह … मीनू … सच कहता हूँ मैं इन तीन दिनों से तुम्हारे बारे में सोच सोच कर पागल सा हो गया हूँ। लगता है मैं सचमुच ही तुम्हें पर … प्रेम … ओह … चाहने लगा हूँ। पर ये सामाजिक बंधन भी हम जैसो की जान ही लेने के […]
मैंने अपनी कुंवारी चूत को लंड से बचा कर रखा हुआ था. मगर मेरी एक चुदक्कड़ सहेली अपने भाई के साथ अपनी चुदाई की कहानी सुनाकर मेरी चूत गीली कर देती थी. ना ना करते हुए मैंने भी शादी से पहले चुदाई का मजा ले ही लिया।
प्रेम गुरु की कलम से…. “ओह … मीनू … सच कहता हूँ मैं इन तीन दिनों से तुम्हारे बारे में सोच सोच कर पागल सा हो गया हूँ। लगता है मैं सचमुच ही तुम्हें पर … प्रेम … ओह … चाहने लगा हूँ। पर ये सामाजिक बंधन भी हम जैसो की जान ही लेने के […]
प्रेम गुरु की कलम से…. अभी तक अपना कौमार्य बचा कर रखा था। मैं तो चाहती थी कि अपना अनछुआ बदन अपने पति को ही सुहागरात में समर्पित करुँ पर इस शमा की बातें सुन सुन कर और इस पिक्की में अंगुली कर करके मैं भी थक चुकी थी। मेरी रातों की नींद इस शमा […]