प्यासी जवानी के अकेलेपन का इलाज़-6
एकाएक मैंने अपना लंड पूजा की चुत में से निकालकर गांड के छेद पर रखकर एक झटके से पूरा का पूरा लंड पूजा की गांड में पेल दिया. वो चौंक उठी, चिल्लाने लगी- ओह अहह मरर गईईईई.
महाबलेश्वर में एक सुनसान जगह पर बहुत आलीशान होटल … चारों तरफ काफ़ी जंगल … शाम को हल्की बूंदा बूँदी से हुआ सुहाना मौसम!
मैं स्विमिंग कास्टयूम पहन बड़ा पैग ब्लडी मेरी लेकर स्विमिंग पूल पर पहुँच गया, जाकर पहले अपना ड्रिंक टेबल पर रखा. फिर पानी में डुबकी लगा कर हल्के हल्के स्विम करने लगा. तभी बाद मैंने एक बहुत खूबसूरत औरत को देखा.
उस औरत की खूबसूरती मुझे भा गयी. उसकी जींस टॉप इतने टाइट थे कि उसका हर अंग बाहर झलक रहा था.
एकाएक मैंने अपना लंड पूजा की चुत में से निकालकर गांड के छेद पर रखकर एक झटके से पूरा का पूरा लंड पूजा की गांड में पेल दिया. वो चौंक उठी, चिल्लाने लगी- ओह अहह मरर गईईईई.
मैंने पूजा की गांड में उंगली लगायी तो वो उछल पड़ी, बोली- साले, क्या तुझे चूत पसंद नहीं? कब से तू मेरी गांड के पीछे पड़ा हुआ है. मैं पहले भी बता चुकी हूँ कि मुझे गांड नहीं मरवानी!
मुझे चुत की सीटी सुनना बहुत अच्छा लगता है. मैं अक्सर बाथरूम के बाहर से अपनी माँ बहन की चुत की सीटी सुनता था. चलो आज मैं तुम्हारे सामने बैठ कर तुम्हारी चुत की सीटी सुनूँगा.
मैं उसकी नंगी पीठ और चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए बोला- मेरी रानी... मेरा लंड तुम्हारा है. तुम इससे जैसे चाहो खेलो... इसको अपने हाथों से खड़ा करो या फिर इसे अपने मुँह चूस चूसकर खड़ा करो!
तुम्हारी चिकनी जाँघों के बीच घनी काली झांटों के पीछे छुपी चूत बहुत ही रसीली और प्यारी है. मेरा ये लंड तुम्हारे चूत से मिलने को बहुत ही बेताब है बेचारा..
मैं महाबलेश्वर में होटल के स्विमिंग पूल में था कि करीब तीस साल की खूबसूरत औरत दिखी. तैरते समय मैं बार बार उस औरत को देख रहा था तो वो भी मुस्कुरा दी. आगे क्या हुआ?