प्रीत चुदी चूतेश से-4
अब ध्यान आया अपनी रानी का? जब मेरी चूची कुचल रहे थे तब? और मेरे भीतर अपना मूसला घुसेड़ मुझे फाड़ डाला तब ख्याल आया रानी का? अब हाल पूछ रहे हैं?
एक अन्तर्वासना पाठिका ने मेरी कहानियाँ पढ़कर मुझे मेल किया. वह अपनी सील पैक चूत का उद्घाटन करवाना चाहती थी, मगर साथ ही एक और इच्छा भी थी उसकी. उस कुंवारी चूत की चुदाई करके मैंने उसकी कौन सी इच्छी पूरी की?
अब ध्यान आया अपनी रानी का? जब मेरी चूची कुचल रहे थे तब? और मेरे भीतर अपना मूसला घुसेड़ मुझे फाड़ डाला तब ख्याल आया रानी का? अब हाल पूछ रहे हैं?
रानी ने ढेर सारी चुम्मियाँ मेरे होंठों पर लगा दीं, बोली- चोदनाथ जी महाराज, मेहरबानी करो, अपनी प्रीत रानी की बेहाल बुर पर! बहुत तड़पा लिया जनाब, अब तो रहम कर दो!
ज़रा सब्र रख रानी... बहुत कम टाइम लगाऊंगा... बस अनचुदी बुर चूसनी है... बाद में तो ये कुंवारी नहीं न रहेगी! कच्ची कली की बुर चूसने का आनन्द अलग होता है!
चूतेश जी आपकी कहानियाँ पढ़ कर मेरी बुर कुलबुलाने लगती है, रस बहाने लगती है। जैसे आपने रीना की बुर की सील तोड़ी, मैं भी आपसे अपनी सील तुड़वाना चाहती हूँ।