पूनम के साथ आशिकी -3
मैंने उसको बाँहों में जकड़ा और उसको अपने नीचे कर दिया लेकिन हमारे होंठ अभी भी एक-दूसरे को नहीं छोड़ना चाहते थे। मैं धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने और चाटने लगा।
मैं एक टेक्निकल स्कूल में फैकेल्टी के तौर पर कार्यरत था. मेरे आने के बाद वहाँ पर एक नई फैकेल्टी ने ज्वाइन किया था. मैंने उसको पहली बार देखा तो मेरे लंड ने उसके हुस्न के आगे झाटें बिछा दीं.
मैंने उसको बाँहों में जकड़ा और उसको अपने नीचे कर दिया लेकिन हमारे होंठ अभी भी एक-दूसरे को नहीं छोड़ना चाहते थे। मैं धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने और चाटने लगा।
मैंने उसके एक हाथ को अपनी जीन्स की ज़िप पर रख दिया और कहा- धीरे-धीरे सहलाओ। मैं उसको उसके चेहरे पर.. गालों पर.. गर्दन पर.. होंठों पर.. चुम्मी करता रहा, फिर कुछ देर में लगा कि मैं बह जाऊँगा.. तो मैंने पूनम को रुकने के लिए कहा..
मैं एक स्कूल में कम्प्यूटर टीचर हूँ, वहाँ पर फैशन डिजाइनिंग में एक न्यू फैकल्टी आई। क्या परी सा चेहरा था.. वो फैशन डिजाइनिंग की फैकल्टी थी.. तो उनको कम्प्यूटर्स की जरूरत पड़ती थी।