मेरी रानी की कहानी-5
एक दो मिनट खेलने के बाद उसने एकदम से पप्पू को गड़प से मुंह में भर लिया। उसके मुंह का वो गर्म गर्म और मखमली एहसास, आज भी पप्पू को और मुझे अच्छे से याद है।
यह कहानी है मेरे सच्चे प्यार की … उसका नाम था रानी… मेरी अकैडमी में पढ़ने आती थी. पता नहीं कैसे हम दोनों के बीच एक आकर्षण हो गया जिसमें सेक्स का कोई स्थान नहीं था.
लेकिन इसका अभिप्राय यह नहीं कि हमारे बीच सेक्स आया ही नहीं.
पूरी कहानी आपको तब समझ आयेगी जब आप इसे धैर्य से पढ़ेंगे.
फटाफट सेक्स पसंद करने वाले पाठक शायद मेरी यह कहानी पसन्द ना करें!
एक दो मिनट खेलने के बाद उसने एकदम से पप्पू को गड़प से मुंह में भर लिया। उसके मुंह का वो गर्म गर्म और मखमली एहसास, आज भी पप्पू को और मुझे अच्छे से याद है।
रानी बिन पानी की मछली के तरह तड़प रही थी, वो बोली- आशु मुझे सेक्स करना है। मुझे इसे पूरा करना है। आज मुझे बीच में मत रोकना!
अपना चेहरा मेरी बाहों में छुपाकर वो बोली- मुझे विश्वास है कि आप मेरी खुशी के लिए कुछ भी करोगे और मेरी मर्जी के बिना मेरे साथ कुछ भी नहीं करोगे।
मैं और रानी आपस में चूमा चाटी करते थे लेकिन इसके आगे हम दोनों बिल्कुल अनाड़ी थे. और हम भी सेक्स के भूखे नहीं थे, हम दोनों प्यार रोमांस भारी जिन्दगी का मजा ले रहे थे.
मैंने नया नया पढ़ाना शुरू किया था। वो मेरे पास पढ़ने आती थी. हमारे बीच दोस्ती हो गयी और थोड़ी बढ़ती चली गई। आगे क्या हुआ, मेरी रोमांटिक कहानी पढ़ का मजा लें!