मेरी चालू बीवी-129
उनका गर्म गर्म लौड़ा मेरी कमर को छू रहा था। अब मुझे नशा सा होने लगा, उन का लौड़ा मुझे इतना ललचा रहा था कि उनको अपने से दूर हटाने के बहाने ही मैंने उस लण्ड को
Meri Chalu Biwi – मैं सत्ताईस वर्ष का और मेरी बीवी सलोनी छब्बीस वर्ष की है, हमारी शादी ढाई वर्ष पूर्व हुई थी। हमारी कोई औलाद नहीं है। मैं सामान्य कद-काठी वाला साधारण काम करने वाला इन्सान हूँ, समाज से डरने वाला, अपनी कोई बात जग जाहिर करना नहीं चाहता और सेक्स में भी सामान्य हूँ।
मगर यह मेरी किस्मत या बदकिस्मती है कि मेरा विवाह एक अति सुन्दर लड़की सलोनी से हुआ, वह जैसे क़यामत है, 5’4″ कद, दूधिया रंग जिसमें सिंदूर मिला हो और लाजवाब बदन उसका, उसके अंग, चूची 36″ पतली नाजुक कमर 26″ और उभरे हुए चूतड़ 38″ ! उसके कूल्हे ऐसे गद्देदार हैं कि बड़ों बड़ों का लंड पानी छोड़ दे… इसे मैंने कई बार महसूस भी किया है, मेरी बीवी की इसी गांड के कारण सुहागरात को मेरे लंड ने भी जवाब दे दिया था।
अपनी इस लम्बी कहानी में मैं अपना और अपनी बीवी के सेक्स जीवन का कच्चा चिट्ठा खोल रहा हूँ.
उनका गर्म गर्म लौड़ा मेरी कमर को छू रहा था। अब मुझे नशा सा होने लगा, उन का लौड़ा मुझे इतना ललचा रहा था कि उनको अपने से दूर हटाने के बहाने ही मैंने उस लण्ड को
नलिनी भाभी- हाँ मेरी बन्नो... वो तो होगी ही न... लण्ड लेते हुए भी तो हुई होगी न... तब तो खूब ले लिए अन्दर तक.. देखो जरा दोनों छेद कैसे हो गये थे... रंग भी काला सा पड़ गया था। अब क्रीम लगाई है… कुछ तो करना ही था ना इनको ठीक करने के लिए...
उसकी उठी हुई गाण्ड देख कर मेरा मन मचल उठा था। लेकिन किशोरी के कसे कूल्हे और गाण्ड का छिद्र देख कर मुझे लग रहा था कि जैसे उसने कभी अपनी गाण्ड में लौड़ा लिया नहीं होगा।
जब किशोरी अपने सारे कपड़े उतार कर पूर्ण नग्न होकर सलोनी की नाम-मात्र की नाइटी पहन कर जब मेरे पास आकर लेटी.. तब ऐसा ही लगा था कि यह बहुत चालू माल होगी... खूब चुदाई करवाती होगी।
आह्ह्ह्ह्हा सलोनी, कितना प्यारा जिस्म है तुम्हारा... और तुम्हारी यह मखमली मुलायम फ़ुद्दी तो हर वक्त गर्म रहती है। आअह्ह्ह्हा आआ… देखो कितना पानी छोड़ रही है... आअह्हहा आआह... घुसा दूँ क्या अन्दर?
पेटिकोट भी नीचे पड़ा था... ब्लाऊज़ मामा जी के बिस्तर के पास था... पैन्टी एक कोने से उठाई तो उसको उठाते हुए उसके चूतड़ और उनके बीच का छेद हम दोनों ने अच्छे से देखा।
सलोनी ने मेरे देखते देखते मामा जी का लौड़ा चूसा, फिर खड़ी होकर अपना पेटिकोट उतार कर नीचे से नग्न हो गई। उसके बाद निडर होके वो मामा जी के कम्बल में सरक गई और कुछ ही पलों में उसकी सिसकारियाँ गूँजने लगी।
उन दोनों ने रानी को पूरी तरह तैयार कर लिया था... और दोनों एक साथ ही रानी को चोदने का प्रोग्राम बना रहे थे। शमीम नीचे लेट गया था और रानी उसके लण्ड पर बैठ कर ऊपर से खुद हिल रही थी।
मुझे मूतने की हाजत लगी तो मैं नंगी ही थी, अंकुर ने मेरी नाइटी निकल दी थी, मैं वैसे ही बाथरूम चली गई। आते हुए ना जाने कैसे शाहरुख भाई से टकरा गई, वो वहीं सो रहे थे और वो भी उस समय पूरे नंगे थे
सलोनी- हाँ मामाजी… मैं तो शाहरुख भाई के लण्ड की कायल हो गई थी, बहुत ही मजबूत लण्ड था उनका, कितना भी चोद लें, हर समय खड़ा ही रहता था और वो एक भी मौका नहीं जाने देते थे। उन दो हफ़्तों में ना जाने कितनी बार उन्होंने मुझे चोदा होगा।
मैंने रानी को इस बार खड़ी करके आगे को झुकाया तो इस बार रानी अपने पति के कंधों पर हाथ रख झुकी, मैंने पीछे से उसकी फ़ुद्दी में अपना लण्ड घुसा दिया, हम दोनों पूरे गीले थे तो लण्ड आराम से अन्दर तक चला गया।
शाहरूख भाई ने होंठ चूसते हुए ही काफी अन्दर तक अपना लुल्ला डाल दिया था और फिर उतने लौड़े से ही मुझे चोदने लगे, उनका लण्ड मेरी चूत में अन्दर बाहर होने लगा। उन्होंने पेट पर सिमटी मेरी नाइटी को चूचियों से ऊपर तक उठा दिया
सलोनी ने मामाजी की ओर करवट लेकर अपना एक पैर उनकी कमर पर रख लिया, इससे उसका पेटीकोट घुटनों से भी ऊपर हो गया। मामाजी ने सलोनी की बाहर झांकती नंगी गोरी जांघ पर हाथ रखा और सहलाते हुए पेटीकोट के अन्दर चूतड़ों तक ले गए।
हाँ यार, वो तो कई बार... उसकी फ़ुद्दी भी खूब चाटी है... और चूचियाँ भी कई बार पी हैं। उसके चूतड़ों के बीच लौड़ा घुसा कर लेटा रहता हूँ, बहुत मजा आता है...
मामाजी ने एक और किलकारी की, उन्होंने सलोनी को गद्दे के ऊपर सीधा लिटाकर उसके दोनों पैर हवा में उठा दिए, सलोनी की चूत सामने खिलकर आ गई, उन्होंने अपना लण्ड एक ही झटके में अंदर डाल दिया!
मामाजी सलोनी के चूतड़ों के पीछे बैठ अपने दोनों हाथों से उसके मखमली चूतड़ों को चीर कर खोला, वहाँ ढेर सारा थूका, फिर हाथ से उस जगह को चिकना बना दिया। अब मामाजी ने खड़े होकर अपने लण्ड को सेट किया।
मामाजी ने सलोनी को बालो से पकड़ उसके सिर को अपने लण्ड की ओर झुकाया। सलोनी तो जैसे नशे में थी, वो घुटनों पर बैठ उनके लण्ड को अपने होंठों के बीच दबा कर चूसने लगी।
रानी की चूत को सहलाते और एक उंगली से उसकी चूत के अंदर तक करते हुए मैंने दूसरे कमरे में देखा, मामाजी भी सलोनी से कुछ ज्यादा ही मजा ले रहे थे, वो उससे पूरी तरह सट गए थे।
सलोनी ने अपने थूक से मेरे लण्ड को पूरा भिगो दिया था, उसके चूसने से ऐसे आवाजें आ रही थी कि कोई अगर कमरे के बाहर से भी सुन रहा होगा तो उसको एकदम पता चल जाता कि लण्ड चुसाई चल रही है।
मेरे हाथ में सलोनी की चूची थी जिसको मैं मसल रहा था, सलोनी के हाथ में मेरा लण्ड था जिसे वो हिला रही थी और उसके पीछे मामाजी का हाथ सलोनी के चूतड़ों पर था जिनको वो ना जाने कैसे कैसे मसल रहे थे।